AajTak : May 16, 2020, 04:16 PM
दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज यानी शनिवार को एक बार फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं। यह लगातार चौथा दिन है जब निर्मला सीतारमण ने राहत पैकेज को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की है।
- वित्त मंत्री ने कहा कि आज का ऐलान स्ट्रक्चरल रिफॉर्म से जुड़ा होगा।- वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी का सुधारों को लेकर बेहतरीन रिकॉर्ड रहा है। आज डायरेक्ट ट्रांसफर लोगों को फायदा दे रहा है। जीएसटी से कर देना आसान हुआ है।शुक्रवार को क्या मिलानिर्मला सीतारमण की ये प्रेस कॉन्फ्रेंस पूरी तरह किसान केंद्रित थी। इस दौरान कृषि क्षेत्र के लिए 11 ऐलान किए गए। इसमें 8 फैसले कृषि और इंफ्रा से जुड़े थे जबकि 3 फैसले गवर्नेंस और रिफॉर्म के हैं। सरकार ने कृषि के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है। इस दौरान एक अहम फैसला आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में बदलाव को लेकर लिया गया। अब इस अधिनियम से अनाज, तिलहन, प्याज, आलू आदि को मुक्त किया जाएगा।
गुरुवार को क्या मिलागुरुवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने पटरी-रेहड़ी कारोबारी, छोटे किसान, प्रवासी श्रमिकों से जुड़े 9 बड़े ऐलान किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि 50 लाख रेहड़ी-पटरी कारोबारियों के लिए 10 हजार रुपये का विशेष लोन दिया जाएगा। इसी तरह, शिशु लोन पर छूट, क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम की डेडलाइन बढ़ा दी गई है।इसके अलावा शहरी बेघरों के लिए सस्ता घर, रेंटल घर, तीन वक्त का खाना, किसान क्रेडिट कार्ड, जैसे बड़े ऐलान किए गए। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक 2।5 करोड़ किसानों को क्रेडिट कार्ड पर 2 लाख करोड़ रुपये तक का कर्ज मिलेगा। इसके अलावा मार्च 2021 तक वन नेशन, वन कार्ड योजना को देशभर में लागू किया जाएगा।
बुधवार को क्या हुआ था ऐलानबुधवार को करीब 6 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान हुआ। इस पैकेज में से एक बड़ा हिस्सा सूक्ष्म, लघु और मझोले कारोबार (MSME) को दिया गया है। वहीं सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मझोले कारोबार की परिभाषा में भी बदलाव कर दिया है। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों, एमएफआई को 30,000 करोड़ की नकदी सुविधा दी गई है। इसी तरह, बिजली वितरण कंपनियों पर 94,000 करोड़ रुपये का बकाया है और उनको 90,000 करोड़ का बेल आउट दिया गया है।
मिडिल क्लास को राहतबुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास को टैक्स के मोर्चे पर बड़ी राहत दी है। टीडीएस की दर में 25 फीसदी की कटौती कर दी गई है। वहीं सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सभी आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा 31 जुलाई 2020 और 31 अक्टूबर 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दी है।इसके अलावा टैक्स से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए लाई गई 'विवाद से विश्वास योजना' की डेडलाइन 31 दिसंबर 2020 तक के लिए बढ़ गई है। सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत आने वाले सभी नियोक्ताओं और कर्मचारियों के पीएफ कंट्रीब्यूशन को क्रमश: 2-2 फीसदी कम कर दिया गया है।
- वित्त मंत्री ने कहा कि आज का ऐलान स्ट्रक्चरल रिफॉर्म से जुड़ा होगा।- वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी का सुधारों को लेकर बेहतरीन रिकॉर्ड रहा है। आज डायरेक्ट ट्रांसफर लोगों को फायदा दे रहा है। जीएसटी से कर देना आसान हुआ है।शुक्रवार को क्या मिलानिर्मला सीतारमण की ये प्रेस कॉन्फ्रेंस पूरी तरह किसान केंद्रित थी। इस दौरान कृषि क्षेत्र के लिए 11 ऐलान किए गए। इसमें 8 फैसले कृषि और इंफ्रा से जुड़े थे जबकि 3 फैसले गवर्नेंस और रिफॉर्म के हैं। सरकार ने कृषि के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये देने का ऐलान किया है। इस दौरान एक अहम फैसला आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में बदलाव को लेकर लिया गया। अब इस अधिनियम से अनाज, तिलहन, प्याज, आलू आदि को मुक्त किया जाएगा।
गुरुवार को क्या मिलागुरुवार की प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने पटरी-रेहड़ी कारोबारी, छोटे किसान, प्रवासी श्रमिकों से जुड़े 9 बड़े ऐलान किए। इस दौरान उन्होंने कहा कि 50 लाख रेहड़ी-पटरी कारोबारियों के लिए 10 हजार रुपये का विशेष लोन दिया जाएगा। इसी तरह, शिशु लोन पर छूट, क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम की डेडलाइन बढ़ा दी गई है।इसके अलावा शहरी बेघरों के लिए सस्ता घर, रेंटल घर, तीन वक्त का खाना, किसान क्रेडिट कार्ड, जैसे बड़े ऐलान किए गए। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक 2।5 करोड़ किसानों को क्रेडिट कार्ड पर 2 लाख करोड़ रुपये तक का कर्ज मिलेगा। इसके अलावा मार्च 2021 तक वन नेशन, वन कार्ड योजना को देशभर में लागू किया जाएगा।
बुधवार को क्या हुआ था ऐलानबुधवार को करीब 6 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान हुआ। इस पैकेज में से एक बड़ा हिस्सा सूक्ष्म, लघु और मझोले कारोबार (MSME) को दिया गया है। वहीं सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मझोले कारोबार की परिभाषा में भी बदलाव कर दिया है। गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों, एमएफआई को 30,000 करोड़ की नकदी सुविधा दी गई है। इसी तरह, बिजली वितरण कंपनियों पर 94,000 करोड़ रुपये का बकाया है और उनको 90,000 करोड़ का बेल आउट दिया गया है।
मिडिल क्लास को राहतबुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास को टैक्स के मोर्चे पर बड़ी राहत दी है। टीडीएस की दर में 25 फीसदी की कटौती कर दी गई है। वहीं सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए सभी आयकर रिटर्न भरने की समयसीमा 31 जुलाई 2020 और 31 अक्टूबर 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दी है।इसके अलावा टैक्स से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए लाई गई 'विवाद से विश्वास योजना' की डेडलाइन 31 दिसंबर 2020 तक के लिए बढ़ गई है। सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत आने वाले सभी नियोक्ताओं और कर्मचारियों के पीएफ कंट्रीब्यूशन को क्रमश: 2-2 फीसदी कम कर दिया गया है।