अर्थव्यवस्था / फिच ने वित्त वर्ष 22 के लिए भारत के जीडीपी पूर्वानुमान को बढ़ाकर 12.8% किया

फिच रेटिंग्स ने 11% के अपने पिछले अनुमान से FY22 के लिए भारत के विकास प्रक्षेपण को 12.8% तक उन्नत किया है। इसने कहा कि संशोधन "एक मजबूत कैरीओवर प्रभाव, एक ढीला राजकोषीय रुख और बेहतर वायरस नियंत्रण" की पीठ पर है। हालांकि, फिच ने कहा कि यह उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2015 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 5.8% हो जाएगी, जो दिसंबर के बाद -0.5 प्रतिशत अंकों की गिरावट है।

Vikrant Shekhawat : Mar 25, 2021, 11:20 AM
नई दिल्ली: फिच रेटिंग्स ने अगले वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत की वृद्धि दर का अनुमान बढ़ाकर 12.8 फीसदी कर दिया है. इससे पहले रेटिंग एजेंसी ने अगले वित्त वर्ष में वृद्धि दर 11 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. फिच ने अपने ताजा वैश्विक आर्थिक परिदृश्य (GEO) में कहा है कि भारत लॉकडाउन की वजह से आई मंदी की स्थिति से उम्मीद से अधिक तेजी से उबरा है.

फिच ने कहा कि मजबूत पूर्व प्रभाव, राजकोषीय रुख और संक्रमण पर बेहतर तरीके से रोक की वजह से उसने भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान में संशोधन किया है.

जीडीपी की वृद्धि दर महामारी पूर्व के स्तर को पार कर गई: फिच

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2020 की दूसरी छमाही में रिकवरी से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) अपने महामारी पूर्व के स्तर पर पहुंच गया है. ऐसे में उन्होंने 2021-22 के वृद्धि दर के अनुमान को 11 फीसदी से संशोधित कर 12.8 फीसदी कर दिया है. इसके साथ फिच ने कहा कि उनका अनुमान है कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद उनके महामारी पूर्व के अनुमान से नीचे रहेगा.

दिसंबर में जीडीपी की वृद्धि दर महामारी पूर्व के स्तर को पार कर गई. तिमाही के दौरान सालाना आधार पर जीडीपी में 0.4 फीसदी की वृद्धि हुई. इससे पिछली तिमाही में जीडीपी में 7.3 फीसदी की गिरावट आई थी.

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि 2020 के कैलेंडर साल की दूसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था लॉकडाउन की वजह से मंदी में चली गई थी. लेकिन उसके बाद यह उनके अनुमान से अधिक तेजी से उबरी है. फिच ने कहा कि 2020 के आखिरी महीनों में संक्रमण के मामलों में कमी और राज्यों और संघ शासित प्रदेशों में अंकुशों में ढील के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ है.