Cricket / गौतम गंभीर का बड़ा बयान, कहा- ICC World Cup 2011 जीतकर किसी पर एहसान नहीं किया

वर्ल्ड कप 2011 में भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को समझ नहीं आता कि शुक्रवार को इस खिताबी जीत (ICC World Cup 2011) के 10 साल पूरे हो जाएंगे लेकिन इसके बावजूद लोग अब तक इसे लेकर इतने उत्सुक क्यों हैं। 2 अप्रैल 2011 को श्रीलंका के खिलाफ खेले गए फाइनल में गंभीर भारतीय जीत के नायकों में शामिल थे

Vikrant Shekhawat : Apr 01, 2021, 06:29 PM
नई दिल्ली। वर्ल्ड कप 2011 में भारत की खिताबी जीत में अहम भूमिका निभाने वाले पूर्व सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को समझ नहीं आता कि शुक्रवार को इस खिताबी जीत (ICC World Cup 2011) के 10 साल पूरे हो जाएंगे लेकिन इसके बावजूद लोग अब तक इसे लेकर इतने उत्सुक क्यों हैं। 2 अप्रैल 2011 को श्रीलंका के खिलाफ खेले गए फाइनल में गंभीर भारतीय जीत के नायकों में शामिल थे और उन्होंने 97 रन की पारी खेली थी जिसके बाद तत्कालीन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने नाबाद अर्धशतक जड़ते हुए छक्का लगाकर टीम को जीत दिलाई थी।

गंभीर ने पीटीआई को दिए इंटरव्यू में कहा, 'ऐसा नहीं लगता कि यह कल की बात है। कम से कम मेरे साथ ऐसा नहीं है। इसे अब 10 साल बीत चुके हैं। मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो पीछे मुड़कर काफी अधिक देखता है। बेशक यह गौरवपूर्ण लम्हा था लेकिन अब भारतीय क्रिकेट के लिए आगे बढ़ने का समय है। शायद समय आ गया है कि हम जल्द से जल्द अगला विश्व कप जीतें।'

गौतम गंभीर का मानना है कि लोगों को अतीत की विश्व कप की जीतों को लेकर अधिक उत्सुक नहीं होना चाहिए क्योंकि टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया और ऐसा उन्होंने अपनी पेशेवर जिम्मेदारी के तहत किया। विश्व टी20 2007 फाइनल में भी भारत की जीत के दौरान शीर्ष स्कोरर रहे गंभीर ने कहा, '2011 में हमने ऐसा कुछ नहीं किया जो हमें नहीं करना चाहिए था। हमें विश्व कप में खेलने के लिए चुना गया था, हमें विश्व कप जीतना था। जब हमें चुना गया तो हमें सिर्फ टूर्नामेंट में खेलने के लिए नहीं चुना गया, हम जीतने के लिए उतरे थे।' उन्होंने कहा, 'जहां तक मेरा सवाल है अब इस तरह की कोई भावना नहीं बची है। हमने कोई असाधारण काम नहीं किया, हां हमने देश को गौरवांवित किया, लोग खुश थे, यह अब अगले विश्व कप पर ध्यान लगाने का समय है।'

गंभीर को लगता है कि लगातार विश्व स्तरीय खिलाड़ी देने के बावजूद भारत को बड़ी प्रतियोगिताओं में सीमित सफलता मिलने का कारण शायद ‘पीछे मुड़कर’ देखना हो सकता है। उन्होंने कहा, 'अगर हम 2015 या 2019 विश्व कप जीत जाते तो शायद भारत को विश्व क्रिकेट में सुपर पावर माना जाता। इसे 10 साल हो चुके हैं और हमने कोई दूसरा विश्व कप नहीं जीता। इसलिए मैं अतीत की उपलब्धियों को लेकर अधिक उत्सुक नहीं होता। ' गंभीर ने कहा, 'अगर मैंने 97 रन बनाए तो मुझे यह रन बनाने के लिए ही चुना गया था। जहीर खान का काम विकेट हासिल करना था। हमें अपना काम करना था। हमने दो अप्रैल को जो भी किया उससे किसी पर एहसान नहीं किया।'

इस पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा, 'मुझे समझ नहीं आता कि लोग पीछे मुड़कर 1983 या 2011 के शीर्ष पलों को क्यों देखते हें। हां, इसके बारे में बात करना अच्छा लगता है या यह ठीक है। हमने विश्व कप जीता लेकिन पिछले मुड़कर देखने की जगह आगे बढ़ना हमेशा अच्छा होता है।' यह पूछने पर कि क्या 2011 की टीम के खिलाड़ियों को लगभग एक साल तक लगातार खेलने का मौका मिला और विराट कोहली की अगुआई वाली मौजूदा टीम की तरह काफी विकल्प नहीं होने से क्या मदद मिली?

गंभीर ने कहा कि काफी विकल्प होना कभी कभी नुकसानदायक भी होता है। उन्होंने कहा, 'टीम में अधिक बदलाव नहीं होना काफी महत्वपूर्ण है। अगर 2011 विश्व कप से पहले भारत ने भी काफी खिलाड़ियों को आजमाया होता तो हमारे पास भी हर स्थान के लिए तीन से चार खिलाड़ी होते। आप जितने अधिक खिलाड़ियों को आजमाओगे उतने अधिक विकल्प मिलेंगे, यह सामान्य सी बात है।' गंभीर ने कहा, 'विश्व कप से पहले कम से कम छह महीने या साल भर के लिए आपके पास 15 से 16 तय खिलाड़ी होने चाहिए। हमने काफी क्रिकेट साथ खेला और यही हमारी सफलता का कारण था।'