AajTak : May 15, 2020, 11:51 AM
दिल्ली: बीते मंगलवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहत पैकेज के बारे में जानकारी दे रही हैं। इसी के तहत बुधवार को उन्होंने टैक्सपेयर्स के लिए कई बड़े ऐलान किए।
इसके साथ ही एक ऐलान टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) और स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएएस) को लेकर भी किया गया। इसको लेकर सैलरीड क्लास के लोगों में कई तरह के सवाल चल रहे थे। अब सरकार ने इन सवालों का जवाब दे दिया है। आइए जानते हैं क्या है मामला।। दरअसल, सरकार ने कोरोना काल में प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए लाभांश भुगतान, बीमा पॉलिसी, किराया, कमीशन और अचल संपत्ति की खरीद पर लगने वाले कर (टीडीएस/टीसीएस) में 25 प्रतिशत की कमी की है।नौकरीपेशा लोगों को लग रहा था कि ये राहत सैलरी पर भी मिलेगी। लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया है कि ये राहत सैलरीड क्लास के लिए नहीं है। मतलब ये कि आपकी सैलरी पर पहले की तरह टीडीएस कटौती होती रहेगी।क्यों नहीं दी गई राहत?वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने बताया कि सैलरी लेने वाले लोगों के लिये 80सी जैसी विभिन्न पात्र कटौतियों और अन्य पर गौर करने के बाद वेतन से टीडीएस काटा जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिये किया जाता है ताकि ऐसे लोगों को साल के अंत में अधिक दर पर टैक्स भुगतान और ब्याज के बोझ का सामना न करना पड़े। यही वजह है कि सैलरीड क्लास को टीडीएस पर राहत नहीं मिली है।वित्त सचिव ने ये भी कहा कि बैंकों से एक करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर एक प्रतिशत टीडीएस कटता रहेगा और इस तरह के लेनदेन पर टीडीएस दर में कमी का लाभ नहीं मिलेगा। इसी तरह, विदेश से आने वाले पैसे के लिए भी टीडीएस दर में कोई कटौती नहीं की गयी है।इस संबंध में सीबीडीटी ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। सीबीडीटी ने साफ किया कि उन मामलों में टीडीएस या टीसीएस में कटौती नहीं होगी जहां पैन/आधार नहीं देने के कारण उच्च दर से टैक्स काटा या जुटाया जा रहा है।बता दें कि ये नियम प्रभावी हो चुका है और 31 मार्च, 2021 तक लागू रहेगा। टीडीएस/टीसीएस में कटौती से लोगों के हाथ में 50,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त बचेंगे।
इसके साथ ही एक ऐलान टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) और स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएएस) को लेकर भी किया गया। इसको लेकर सैलरीड क्लास के लोगों में कई तरह के सवाल चल रहे थे। अब सरकार ने इन सवालों का जवाब दे दिया है। आइए जानते हैं क्या है मामला।। दरअसल, सरकार ने कोरोना काल में प्रभावित लोगों को राहत देने के लिए लाभांश भुगतान, बीमा पॉलिसी, किराया, कमीशन और अचल संपत्ति की खरीद पर लगने वाले कर (टीडीएस/टीसीएस) में 25 प्रतिशत की कमी की है।नौकरीपेशा लोगों को लग रहा था कि ये राहत सैलरी पर भी मिलेगी। लेकिन सरकार ने स्पष्ट किया है कि ये राहत सैलरीड क्लास के लिए नहीं है। मतलब ये कि आपकी सैलरी पर पहले की तरह टीडीएस कटौती होती रहेगी।क्यों नहीं दी गई राहत?वित्त सचिव अजय भूषण पांडेय ने बताया कि सैलरी लेने वाले लोगों के लिये 80सी जैसी विभिन्न पात्र कटौतियों और अन्य पर गौर करने के बाद वेतन से टीडीएस काटा जाता है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिये किया जाता है ताकि ऐसे लोगों को साल के अंत में अधिक दर पर टैक्स भुगतान और ब्याज के बोझ का सामना न करना पड़े। यही वजह है कि सैलरीड क्लास को टीडीएस पर राहत नहीं मिली है।वित्त सचिव ने ये भी कहा कि बैंकों से एक करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर एक प्रतिशत टीडीएस कटता रहेगा और इस तरह के लेनदेन पर टीडीएस दर में कमी का लाभ नहीं मिलेगा। इसी तरह, विदेश से आने वाले पैसे के लिए भी टीडीएस दर में कोई कटौती नहीं की गयी है।इस संबंध में सीबीडीटी ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है। सीबीडीटी ने साफ किया कि उन मामलों में टीडीएस या टीसीएस में कटौती नहीं होगी जहां पैन/आधार नहीं देने के कारण उच्च दर से टैक्स काटा या जुटाया जा रहा है।बता दें कि ये नियम प्रभावी हो चुका है और 31 मार्च, 2021 तक लागू रहेगा। टीडीएस/टीसीएस में कटौती से लोगों के हाथ में 50,000 करोड़ रुपये अतिरिक्त बचेंगे।