राजनीति / हरीश रावत बोले- अगला अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू, पार्टी में ग्रुप-23 जैसी कोई चीज नहीं

कांग्रेस में नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पार्टी के सीनियर लीडर हरीश रावत ने यह जानकारी दी। न्यूज एजेंसी से बातचीत में रावत ने पार्टी में गुटबाजी या वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी की खबरों को खारिज कर दिया। रावत ने पार्टी के 23 नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को पत्र लिखे जाने पर कहा- इन नेताओं को ग्रुप-23 कहा जाना गलत है। यह पार्टी का हिस्सा हैं।

Vikrant Shekhawat : Dec 20, 2020, 11:19 PM

कांग्रेस में नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पार्टी के सीनियर लीडर हरीश रावत ने यह जानकारी दी। न्यूज एजेंसी से बातचीत में रावत ने पार्टी में गुटबाजी या वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी की खबरों को खारिज कर दिया। रावत ने पार्टी के 23 नेताओं द्वारा सोनिया गांधी को पत्र लिखे जाने पर कहा- इन नेताओं को ग्रुप-23 कहा जाना गलत है। यह पार्टी का हिस्सा हैं।

सोनिया गांधी ने शनिवार से पार्टी नेताओं बातचीत का सिलसिला शुरू किया है। यह एक हफ्ते जारी रहेगा। माना जा रहा है कि तेलंगाना, पंजाब और गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष बदले जा सकते हैं।

नाराज नेताओं की राय भी अहम
एक सवाल के जवाब में रावत ने कहा- पार्टी के सीनियर और यंग लीडर्स के बीच मतभेद की खबरों का कोई आधार नहीं है। कांग्रेस में हर नेता के सुझावों और राय को अहमियत दी जाती है। हम अलग राय रखने वाले नेताओं का भी सम्मान करते हैं। शनिवार को हुई मीटिंग में दो समाधान निकले।

रावत ने कहा- इस तरह की अफवाहें हैं कि पार्टी के सीनियर लीडर्स नाराज हैं। उन्हें ग्रुप-23 तक कहा जा रहा है। लेकिन, मैं साफ कर दूं कि ग्रुप-23 जैसी कोई चीज नहीं है। यह केवल मीडिया के दिमाग की उपज है। पार्टी ने साफ कर दिया है कि ये नेता भी परिवार का हिस्सा हैं। उन्होंने जो कुछ कहा है वो पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का हिस्सा है। हम उसका सम्मान करते हैं।

कुछ कमेटियां बनाई गई हैं
नाराज नेताओं के बारे में एक सवाल पर रावत ने कहा- वरिष्ठ नेताओं ने कुछ सुझाव दिए हैं। उनके आधार पर हमने कुछ कमेटियां बनाई हैं। इसके अलावा हमने नए पार्टी अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इस बात में कोई दम नहीं कि पार्टी में युवा बनाम वरिष्ठ जैसी कोई जंग चल रही है।

रावत ने उन खबरों को भी खारिज कर दिया जिनमें कहा जा रहा है कि राहुल गांधी और उनके सहयोगी सीनियर नेताओं की राय को तवज्जो नहीं देते। उत्तराखंड के इस पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा- राहुल सीनियर नेताओं के खिलाफ नहीं हैं। वे उनका सम्मान करते हैं क्योंकि इन नेताओं ने उनके पिता राजीव गांधी के साथ भी काम किया है।

यह पहली मीटिंग नहीं
पार्टी में संवाद की कमी पर रावत ने कहा- यह पहली मीटिंग नहीं है। हम वर्चुअल मीटिंग्स करते रहे हैं। स्टेट और सेंट्रल लीडरशिप के बीच भी मीटिंग्स होती रहती हैं। इस बात सोनिया चाहती थीं कि वे खुद नेताओं से मिलें। इसलिए सभी नेता आ रहे हैं और सोनिया उनसे मिल रही हैं। सबके विचारों को सुना जा रहा है। देश को कांग्रेस की जरूरत है और हम इसीलिए पार्टी को मजबूत कर रहे हैं।