राजस्थान / राजस्थान के चरवाहों पर भारी लॉकडाउन, चरखी दादरी में ग्रामीणों ने वापस भगाया तो किसानों ने खेतों से निकाला

साहब, गांव वाले आगे नहीं जाने देते, भगा देते हैं। वहीं खेतों में अपनी भेड़-बकरियों को चराते हैं तो किसान (Farmer) भगा देते हैं। हम भूखे-प्यासे अपनी दो रोटी का जुगाड़ करने निकले हैं। यह लॉकडाउन तो उनकी जिंदगी पर भारी पड़ रहा है। हर जगह से उनको ठोकरें मिल रही हैं। इससे अच्छा तो जहर खाकर खुदकशी कर लें। यूं ही ठोकरें मिलती रही तो उनका जीने का क्या फायदा।

News18 : Apr 13, 2020, 03:30 PM
चरखी दादरी। साहब, गांव वाले आगे नहीं जाने देते, भगा देते हैं। वहीं खेतों में अपनी भेड़-बकरियों को चराते हैं तो किसान (Farmer) भगा देते हैं। हम भूखे-प्यासे अपनी दो रोटी का जुगाड़ करने निकले हैं। यह लॉकडाउन (Lockdown) तो उनकी जिंदगी पर भारी पड़ रहा है। हर जगह से उनको ठोकरें मिल रही हैं। इससे अच्छा तो जहर खाकर खुदकशी कर लें। यूं ही ठोकरें मिलती रही तो उनका जीने का क्या फायदा।

यह पीड़ा उन चरवाहों की है जो राजस्थान के नागौर जिले से हरियाणा में अपनी भेड़-बकरियों को लेकर पहुंचे हैं। दादरी क्षेत्र में पहुंचे इन चरवाहों को कुछ ग्रामीणों ने गांव से वापस भगा दिया तो किसानों ने अपने खेतों से निकाल दिया। एक गांव की बणी में रूके तो ग्रामीण वहां भी पहुंच गए। मामला पुलिस के पास पहुंचा तो पुलिस ने भी लॉकडाउन का हवाला देते हुए वापस राजस्थान जाने की सलाह दे दी। साथ ही कहा कि अगर वापस नहीं गए तो डंडे लगने के साथ केस दर्ज भी करेंगे। ऐसे में ये चरवाहे अपनी हजारों भेड़-बकरियों के साथ वापस जाने के लिए निकल पड़े।

बता दें कि राजस्थान के नागौर जिले से आए दर्जनों चरवाहे अपनी हजारों भेड़-बकरियों के साथ-साथ स्वयं के राशन की तलाश में भटक रहे हैं। चरवाहे भंवर सिंह ने बताया कि करीब दो माह पूर्व ये राजस्थान से हरियाणा में अपनी दो जून की रोटी का जुगाड़ करने आए थे। लेकिन हरियाणा में आते ही कोरोना को लेकर लॉकडाउन लग गया। जिसके बाद से ही उनको दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है।

सांसद को बताई समस्या, नहीं समाधान

चरवाहों ने बताया कि इस बारे में उन्होंने अपने सांसद हनुमान बेनीवाल से फोन करके वापस बुलाने या समाधान करने की मांग की थी। एक बार तो हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने उनके पास राशन भिजवा दिया। अब उनके समक्ष फिर से भूखा मरने की नौबत आ गई है। सबसे ज्यादा तो उनकी भेड़-बकरियों के चारा की दिक्कत है। किसान अपने खेतों से निकाल देते हैं, गांव वाले नाके लगाकर उनको आगे नहीं जाने देते। भूख-प्यास से उनकी कई भेड़-बकरियां भी मर गई। वे स्वयं भूखे हैं, पशुओं के लिए चारा व पानी नहीं मिलता तो तो इससे अच्छा है कि जहर खाकर जिंदगी समाप्त कर लें।

लॉकडाउन की उड़ रहे हैं धज्जियां

ग्रामीण विनोद मोड़ी ने बताया कि चरवाहों द्वारा लॉकडाउन की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ऐसे में ग्रामीणों ने इन्हें रोक दिया और पुलिस को सूचना दी। ऐसे हालातों में चरवाहों को गांव में घुसने नहीं देंगे। सरकार व प्रशासन इनका समाधान करें।

लॉकडाउन का उल्लंघन है तो किया वापस

झोझू कलां पुलिस थाना के प्रभारी अनूप सिंह ने बताया कि कुछ ग्रामीणों ने चरवाहों को एक गांव में रोक लिया था। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और चरवाहों को लॉकडाउन के बारे में समझाया। ग्रामीणों व चरवाहों से बात करके चरवाहों को वापस राजस्थान जाने के लिए बोल दिया है।