नेपाल एयरलाइंस / नहीं उड़ पा रहे चीन में बने विमान, कम पैसों में बेचने को तैयार नेपाल

नेपाल एयरलाइंस भारी नुकसान का सामना कर रही है। इसकी एक वजह चीन में बने विमान भी हैं। अब नेपाल एयरलाइंस ने अपने पांच चीनी निर्मित विमान बेचने का फैसला किया है क्योंकि कोई भी इन विमानों को पट्टे पर भी नहीं लेना चाहता है। नेपाली मीडिया के मुताबिक इन विमानों ने हवा से ज्यादा जमीन पर समय बिताया। ये विमान कर्ज में डूबे राष्ट्रीय ध्वज वाहक नेपाल एयरलाइंस पर वित्तीय बोझ बन रहे थे।

Vikrant Shekhawat : Oct 07, 2022, 07:09 PM
नेपाल एयरलाइंस भारी नुकसान का सामना कर रही है। इसकी एक वजह चीन में बने विमान भी हैं। अब नेपाल एयरलाइंस ने अपने पांच चीनी निर्मित विमान बेचने का फैसला किया है क्योंकि कोई भी इन विमानों को पट्टे पर भी नहीं लेना चाहता है। नेपाली मीडिया के मुताबिक इन विमानों ने हवा से ज्यादा जमीन पर समय बिताया। ये विमान कर्ज में डूबे राष्ट्रीय ध्वज वाहक नेपाल एयरलाइंस पर वित्तीय बोझ बन रहे थे।

नेपाल एयरलाइंस ने करीब 8 साल पहले चीनी विमानों का पहला बैच हासिल किया था। अब एयरलाइंस ने अंततः तय किया कि वह वित्त मंत्रालय के निर्देश के बाद अपने उन्हें बेच देगा। 2012 में, नेपाली सरकार ने चीन से चार Y12E और दो MA60 विमानों के खरीद समझौते को आगे बढ़ाया था। इनमें से एक विमान दुर्घटना के बाद अब उड़ने की स्थिति में नहीं है, जबकि शेष पांच त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की पार्किंग में बेकार खड़े हैं। 

रखरखाव के मुद्दों और स्पेयर पार्ट्स की कमी के अलावा, नेपाल एयरलाइंस को विमान उड़ाने के लिए पायलट भी नहीं मिल रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि इन तमाम समस्याओं के बाद अब उन विमानों को रखने का कोई मतलब नहीं था। नेपाल एयरलाइंस द्वारा निर्धारित बोली की समय सीमा 31 अक्टूबर है। नेपाल एयरलाइंस के कुछ शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि कोई भी अब इन विमानों को पट्टे पर लेगा। 

कहा जाता है कि वित्त मंत्रालय ने निगम को निर्देश दिया है कि वह इन विमानों को किसी को भी बेचने की तैयारी करे। चीनी विमान खरीदने के बाद जब नेपाल ने 2014 में उन्हें मैदान में उतारा तभी से वे सिरदर्द बन गए। अब जैसे-जैसे घाटा बढ़ता जा रहा है, स्थिति यह बन गई है कि इन विमानों को घाटे की कीमत पर बेचना पड़ रहा है। नवंबर 2012 में, नेपाल एयरलाइंस कॉरपोरेशन (एनएसी) ने विमान की खरीद के लिए एक चीनी सरकार के उपक्रम, एविएशन इंडस्ट्री कॉरपोरेशन ऑफ चाइना (एवीआईसी) के साथ एक वाणिज्यिक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

उस समय चीन ने 6.67 अरब नेपाली रुपये के बराबर 408 मिलियन चीनी युआन की अनुदान और रियायती ऋण सहायता प्रदान की थी। कुल सहायता राशि में से, 180 मिलियन युआन (नेपाली 2.94 बिलियन रुपये) का अनुदान एक MA60 और एक Y12e विमान के भुगतान के लिए गया। अन्य विमान 228 मिलियन युआन (नेपाली रुपये 3.72 बिलियन) में चीन के एक्जिम बैंक द्वारा प्रदान किए गए सॉफ्ट लोन के साथ खरीदे गए थे।