Nepal News / नेपाल में 6 फुटबॉल के खिलाड़ियों समेत 122 की मौत, 64 लापता, बाढ़ और भूस्खलन ने मचाई तबाही

नेपाल में भारी बारिश के चलते आई बाढ़ और भूस्खलन से मरने वालों की संख्या 122 हो गई है। काठमांडू घाटी में सबसे अधिक 48 लोगों की मौत हुई है। भूस्खलन से कई मकान ध्वस्त हो गए हैं, और सैकड़ों लोग विस्थापित हो गए हैं। बचाव कार्य जारी है।

Vikrant Shekhawat : Sep 29, 2024, 06:08 PM
Nepal News: नेपाल में हाल ही में आई भारी बारिश और उसके कारण उत्पन्न बाढ़ और भूस्खलन ने व्यापक तबाही मचाई है, जिससे रविवार तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 122 हो गई है। यह आपदा नेपाल के पूर्वी और मध्य क्षेत्रों में शुक्रवार से मूसलाधार बारिश के कारण उत्पन्न हुई, जिससे कई इलाके जलमग्न हो गए और अचानक बाढ़ का सामना कर रहे हैं।

काठमांडू घाटी: सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र

बाढ़ और भूस्खलन ने काठमांडू घाटी को बुरी तरह प्रभावित किया है, जहां अब तक 48 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। सशस्त्र पुलिस बल (APF) के अनुसार, देशभर में 64 लोग अभी भी लापता हैं और 45 लोग घायल हुए हैं। इस प्राकृतिक आपदा ने 195 घरों को नष्ट कर दिया है और आठ पुलों को क्षतिग्रस्त कर दिया है। हालांकि, सुरक्षा बलों ने तेजी से कार्रवाई करते हुए अब तक करीब 3,100 लोगों को बचाया है।

नेपाल में पिछले 45 वर्षों की सबसे विनाशकारी बाढ़

कई प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि उन्होंने पिछले 40-45 सालों में काठमांडू घाटी में इतनी भयावह बाढ़ नहीं देखी। भूस्खलन और बाढ़ के कारण न केवल जनहानि हुई है, बल्कि देश के कई हिस्सों में व्यापक बर्बादी भी हुई है। शनिवार को काठमांडू के पास धादिंग जिले में एक बस भूस्खलन की चपेट में आ गई, जिससे 19 लोगों की मौत हो गई। इसी तरह, भक्तापुर शहर में एक मकान के ढहने से पांच लोगों की जान चली गई।

फुटबॉल खिलाड़ियों की मौत

नेपाल में स्थित मकवानपुर के एक प्रशिक्षण केंद्र में भीषण भूस्खलन की घटना में ‘ऑल इंडिया नेपाल एसोसिएशन’ के छह फुटबॉल खिलाड़ियों की मृत्यु हो गई, जबकि कई अन्य लोग बाढ़ के पानी में बह गए।

नदियों का उफान और बढ़ते जलस्तर का खतरा

इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलेपमेंट (ICIMOD) के जलवायु विशेषज्ञ अरुण भक्ता श्रेष्ठ के अनुसार, काठमांडू में इतनी भीषण बाढ़ पहले कभी नहीं देखी गई। ICIMOD की रिपोर्ट के अनुसार, काठमांडू की बागमती नदी का जलस्तर शुक्रवार और शनिवार को अत्यधिक बारिश के बाद खतरे के निशान से ऊपर बह रहा था। यह असामान्य बारिश बंगाल की खाड़ी में कम दबाव की स्थिति और मानसून की तीव्रता के कारण हुई है।

जलवायु परिवर्तन की भूमिका

वैज्ञानिकों ने इस आपदा के पीछे जलवायु परिवर्तन को मुख्य कारण बताया है। उनका कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण एशिया में बारिश की मात्रा और समय में परिवर्तन हो रहा है। इस बदलाव के परिणामस्वरूप नेपाल में अत्यधिक बारिश और बाढ़ जैसी आपदाएं बढ़ रही हैं।

बाढ़ के कारण जनजीवन ठप

नेपाल के कई हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। सैकड़ों घर और पुल बाढ़ में बह गए हैं और हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। कई प्रमुख राजमार्ग और सड़कें बंद होने के कारण यातायात बाधित हुआ है और हजारों यात्री फंसे हुए हैं।

यह आपदा न केवल नेपाल की भौगोलिक संरचना को प्रभावित कर रही है, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचे और नागरिकों की दैनिक जीवनशैली पर भी गंभीर प्रभाव डाल रही है। हालांकि, बचाव कार्य जारी है और सरकार तथा सुरक्षा बल स्थिति को नियंत्रित करने में जुटे हुए हैं।