देश / टोक्यो ओलंपिक्स के बाद मैं भी आपके साथ आइसक्रीम खाऊंगा: पीवी सिंधु से पीएम मोदी

टोक्यो जाने वाले ऐथलीट्स से बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैडमिंटन खिलाड़ी पी.वी. सिंधु से पूछा कि रियो ओलंपिक्स की तरह क्या इस बार भी उनके आइसक्रीम खाने पर प्रतिबंध है। सिंधु ने कहा कि डायट कंट्रोल के कारण वह अधिक आइसक्रीम नहीं खाती। इस पर पीएम ने कहा, "जब आप वापस आएंगी...मैं भी आपके साथ आइसक्रीम खाऊंगा।"

Vikrant Shekhawat : Jul 14, 2021, 06:48 AM
Tokyo Olympic 2021: प्रधानमंत्री मोदी ने टोक्यो ओलंपिक में भाग लेने जा रहे कई भारतीय एथलीटों से मंगलवार को ऑनलाइन तरीके से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने कुछ खिलाड़ियों से ऐसे सवाल पूछे, जो चर्चा का विषय बन गए हैं. मोदी ने स्टार बैंडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु का आइसक्रीम से संबंधित एक पुराना किस्सा शेयर किया. साथ ही पीएम ने ओलंपिक में जीत दर्ज करने के बाद सिंधु के साथ आइसक्रीम खाने की इच्छा जताई. अब लोग यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर सिंधु का आइसक्रीम वाला क्या किस्सा है. चलिए आपको इस बारे में बता देते हैं. 

पीएम ने पीवी सिंधु से यह पूछा

चर्चा की शुरुआत में पीएम ने पीवी सिंधु से उनकी प्रैक्टिस के बारे में पूछा. इसके बाद मोदी ने कहा कि, "मुझे याद आता है कि गोपीचंद जी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उन्होंने रियो ओलंपिक से पहले आपका फोन ले लिया था. आपको आइसक्रीम भा खाना अलाऊ नहीं किया था. क्या अभी भी आपके आइसक्रीम खाने पर पाबंदी लगी है या कुछ छूट मिली है?"

जानें सिंधु ने क्या जवाब दिया

पीवी सिंधु ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि, "अभी भी इसको लेकर कंट्रोल करती हूं. एक एथलीट के लिए डायट का काफी महत्वपूर्ण होती है. अभी ओलंपिक है, इसके लिए डायट कंट्रोल तो करूंगी, लेकिन आइसक्रीम उतना नहीं खाती. बस कभी-कभी खाती हूं." इस पर मोदी ने कहा कि, "मुझे विश्वास है कि आप इस बार भी जरूर सफल होंगी. सफलता के बाद मेरा मिलना होगा तो मैं भी आपके साथ आइसक्रीम खाऊंगा."

क्या है आइसक्रीम का पूरा किस्सा

दरअसल रियो ओलंपिक 2016 से कुछ महीने पहले पीवी सिंधु के कोच पुलेला गोपीचंद ने उनके आइसक्रीम खाने पर रोक लगा दी थी. यह सिंधु की फिटनेस को लेकर किया था. साथ ही उन्होंने सिंधु का फोन भी ले लिया था. जब सिंधु रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतकर वापस आईं, तो गोपीचंद ने कहा कि सिंधु अब आइसक्रीम खा सकती हैं. गोपीचंद का यह खुलासा तब भी काफी सुर्खियों में रहा था.