दुनिया / IMF की चेतावनी- चीन और अमेरिका ऐसे ही लड़ते रहे तो बर्बाद हो जाएगी दुनिया

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने शुक्रवार को वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े अनुमानों में कमी करने के संकेत दिए हैं। IMF ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगर चीन और अमेरिका ऐसे ही आपस में उलझते रहे तो दुनिया बर्बादी की कगार पर पहुंच जाएगी। IMF ने अमेरिका और चीन को फिर से ट्रेड वॉर में न उलझने के लिए चेतावनी देते हुए कहा कि इससे कोविड-19 की महामारी से अर्थव्यवस्थाओं को बचाने की कोशिशें कमज़ोर हो जाएंगी।

News18 : May 09, 2020, 05:43 PM
वाशिंगटन। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने शुक्रवार को वैश्विक अर्थव्यवस्था से जुड़े अनुमानों में कमी करने के संकेत दिए हैं। IMF ने चेतावनी जारी करते हुए कहा कि अगर चीन (China) और अमेरिका (US) ऐसे ही आपस में उलझते रहे तो दुनिया बर्बादी की कगार पर पहुंच जाएगी। IMF ने अमेरिका और चीन को फिर से ट्रेड वॉर (Trade war) में न उलझने के लिए चेतावनी देते हुए कहा कि इससे कोविड-19 (Coronavirus) की महामारी से अर्थव्यवस्थाओं को बचाने की कोशिशें कमज़ोर हो जाएंगी।

न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक़ आईएमएफ़ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टीना जॉर्जिवा (Kristalina Georgieva) यूरोपियन यूनिवर्सिटी की एक ऑनलाइन इवेंट को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि साल 2020 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में तीन फ़ीसदी की कमी का अनुमान लगाया गया था लेकिन कई देशों के आर्थिक आंकड़े इससे भी कम आ रहे हैं। क्रिस्टीना जॉर्जिवा ने कहा, 'कोई फौरी मेडिकल इलाज उपलब्ध नहीं होने की वजह से कुछ अर्थव्यवस्थाओं को इससे निपटने में मुश्किल आ सकती है। चूंकि कोरोना वायरस के बारे में पक्के तौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता है इसलिए आर्थिक पूर्वानुमान पर इसका असर पड़ रहा है।'

उत्तर कोरिया की मदद करेगा चीन

उधर चीन के सरकारी मीडिया ने शनिवार को कहा है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन को कोरोना वायरस से निपटने में मदद करने का प्रस्ताव दिया है। उन्होंने कहा कि वह उत्तर कोरिया की स्थिति और वहां रहने वाले लोगों की सेहत को लेकर काफ़ी चिंतित हैं। सरकारी टीवी चैनल ने बताया है कि इस बीमारी को काबू करने के चीनी ढंग से काफ़ी सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं।

अमेरिका की तरफ से सख्ती जारी

अमेरिका ने चीन से आने वाले पत्रकारों के लिए शुक्रवार को नए वीज़ा नियम जारी किए। अमेरिका का कहना है कि चीन जाने वाले अमेरिकी पत्रकारों के साथ हुए बर्ताव के जवाब में ये क़दम उठाया गया है। हाल के महीनों में अमेरिका और चीन ने एक दूसरे के यहां से आने वाले पत्रकारों को लेकर कई बार जवाबी कार्रवाई की है। मार्च में चीन ने कुछ अमेरिकी पत्रकारों को देश छोड़ने के लिए कहा था। ये पत्रकार अमेरिकी अख़बारों के लिए वहां काम कर रहे थे। इसके महीने भर बाद अमेरिका ने कहा कि अमेरिका में काम कर रहे चीन सरकार के नियंत्रण वाले पांच मीडिया आउटलेट्स को वो विदेशी दूतावासों का दर्जा दे देगा। इसके एक दिन बाद चीन ने वॉल स्ट्रीट जनरल के तीन पत्रकारों को निष्कासित कर दिया।

इनमें दो अमेरिकी और एक ऑस्ट्रेलियाई नागरिक थे। चीन के इस फ़ैसले को वॉल स्ट्रीट जनरल में छपे एक लेख से जोड़कर भी देखा गया था। चीन ने इस लेख को नस्लीय क़रार दिया था। शुक्रवार को नए नियम जारी करते हुए अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ने कहा कि चीन में स्वतंत्र पत्रकारिता का दमन किया जा रहा है। नए नियम सोमवार से लागू हो जाएंगे। इसके तहत चीन से आने वाले पत्रकारों को 90 दिन ही रुकने की इजाजत होगी, हालांकि वीज़ा की अवधि बढ़ाने का विकल्प दिया गया है।