Vikrant Shekhawat : Jan 20, 2022, 06:16 PM
PM मोदी ने आबूरोड ब्रह्माकुमारी संस्थान में अमृत महोत्सव का वर्चुअल शुभारंभ किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जुड़े थे। मोदी की मौजूदगी में गहलोत ने कहा, 'हमारा देश हमेशा से वसुधैव कुटुंबकम की भावना वाला रहा हैं, विनोबा भावे ने जय जगत का नारा दिया। आज देश में तनाव, हिंसा का माहौल है। इससे छुटकारा मिले, यह हम सबकी इच्छा रहती है। शांति और अहिंसा और भाईचारा पर चलकर ही देश का विकास कर सकते हैं।'गहलोत ने आगे कहा कि PM ने जब से महोत्सव मनाने की घोषणा की तब से लगातार कार्यक्रम चल रहे हैं। आजादी त्याग बलिदान से मिलती है। 75 सल के इस उत्सव में प्रोग्राम चलते रहते हैंं। मुझे बचपन से ही माउंट आबू जाने का मौका मिला है। आज ओम शांति की आवाज गूंजी तो बचपन याद आ गया। तब तत्कालीन दादी मां ने कहा था कि जब तनाव हो तो ओम शांति बोलने से वातावरण में अलग ऊर्जा आ जाती है।PM मोदी ने कहा- बेटियां भी अब देश रक्षा में योगदान दे रहींवहीं, करीब डेढ़ घंटे चले कार्यक्रम में अपने भाषण में मोदी ने कहा, 'हमारी बेटियां भी अब देश रक्षा में योगदान दे रही हैं। NDA में बेटियों का एडमिशन हो रहा है। 2019 के चुनावों में हमने देखा पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने योगदान दिया। आज देश में महिलाएं अहम मंत्रालय संभाल रही हैं। यह बदलाव समाज खुद कर रहा है। यह बदलाव साफ संकेत है कि नया भारत कैसा होगा, कितना सामर्थ्यशाली होगा।'PM ने आगे कहा कि आज किसानों को आत्मनिर्भर बनाने नेचुरल फार्मिंग पर जोर दिया जा रहा है। गुणवत्ता युक्त आहार के लिए गुणवत्तायुक्त उत्पादन भी जरूरी है। नेचुरल फार्मिंग के लिए ब्रह्माकुमारी जैसे संस्थान बड़ा योगदान कर सकते हैं। दुनिया को क्लीन एनर्जी में भारत से बहुत अपेक्षाएं हैं। जनजागरण के लिए बड़े अभियान की जरूरत है।'अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आज करोड़ों देशवासी स्वर्णिम भारत की नींव रख रहे हैं। हमारी निजी और राष्ट्रीय सफलताएं अलग नहीं हैं। राष्ट्र की प्रगति में ही हमारी प्रगति है। राष्ट्र के अस्तित्व में हमारा अस्तित्व है, यही भाव एक ताकत बन रहा है। आज देश जो कुछ कर रहा है, उसमें सबके प्रयास शामिल है, सबका साथ सबका विश्वास और सबका प्रयास देश का मूल मंत्र बन रहा है। हम ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं, जिसमें भेदभाव की जगह न हो। ऐसा समाज बना रहे हैं, जो सामाजिक न्याय की बुनियाद पर मजबूती से खड़ा है।भारत अपना मूल स्वभाव को नहीं बदलताPM ने कहा, 'हम ऐसा भारत बना रहे हैं, जो प्रगतिशील है। भारत की सबसे बड़ी ताकत यह है कि कैसा भी समय आए, कितना भी अंधेरा छाए भारत अपने मूल स्वभाव को बनाए रखता है। हमारे युगों युगों का इतिहास है, जब दुनिया महिलाओं को लेकर पुरानी सोच में जकड़ी थी, तब भारत मातृ शक्ति की पूजा देवी के रूप में करता था। हमारे गार्गी, जैसी विदूषी ज्ञान देती थीं।'उन्होंने आगे कहा, 'हमें ऐसा भारत बनाना है, जिसकी जड़ें परंपरा से जुड़ी होंगी, हमें अपने सभ्यता, संस्कारों को जीवंत रखना हैं। हमें अपनी विरासत को संभाल कर रखना है। इसके साथ ही तकनीक सहित हर क्षेत्र में देश को आधुनिक भी बनाना है।'इस अमृत महोत्सव में भी भविष्य की तरफ ध्यान रखना हैमोदी ने कहा, 'आने वाले 25 साल घोर परिश्रम वाले हैं। हमने गुलामी में जो गंवाया है, उसे पाने के 25 साल हैं। इस अमृत महोत्सव में भी भविष्य की तरफ ध्यान रखना है। कालखंड के साथ देश, व्यक्ति और समाज में बुराइयां प्रवेश कर जाती हैं। हमारे समाज में बदलते युग के साथ ढालने की अलग ही शक्ति है।'PM ने आगे कहा कि हमारे समाज की सबसे बड़ी ताकत यह है कि समय-समय पर समाज से ही सुधारने वाले आते हैं और वे समाज सुधारक बुराइयों पर प्रहार करते हैं। ऐसे समाज सुधारकों को कई बार तिरस्कार और विरोध का भी सामना करना होता है। ऐसे सुधारक डिगते नहीं है और धीरे-धीरे समाज उन्हें स्वीकार करता हैं। हर काल खंड में समाज को दोष मुक्त रखना निरंतर प्रक्रिया का हिस्सा हो।75 साल में केवल अधिकारों की बात हुई, कर्तव्य भूल गए, इससे नुकसान हुआमोदी ने कहा कि बीते 75 साल में देश में सबसे बड़ी बुराई आई, वो थी कर्तव्यों को भूलकर केवल अधिकारों की बात करना। बीते 75 साल में हम अधिकारों के लिए लड़ते रहे, समय खपाते रहे, लेकिन कर्तव्यों को भूल गए। कर्तव्य भूलकर केवल अधिकारों की बात करने से नुकसान हुआ है। 75 साल में कर्तव्यों को दूर करने से कमियां और नुकसान हुए है, इसकी भरपाई आने वाले 25 साल में कर्तव्य की साधना करके पूरी कर सकते हैं।देश के नागरिकों में कर्तव्यबोध जागृत करने की जरूरत है। एक कमरे में अंधेरा दूर करने के लिए कई लोग जुगत लगा रहे थे। एक समझदार ने दीया जला दिया। हमें उसी तरह हमें एक दीया जलाना है, कर्तव्य का दीया जलाना है। इससे समाज में व्याप्त बुराइयां भी दूर होंगी। भारत भूमि को प्यार करनेवाला कोई भी व्यक्ति ऐसा नहीं होगा जो देश को नई ऊंचाइयों पर न ले जाना चाहता होगा। इसके लिए हमें कर्तव्ययोगियों पर बल देना ही होगा।आज भारत को बदनाम करने का अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र चल रहामोदी ने कहा, देश को बदनाम करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर षड्यंत्र चल रहा है। आज आजादी के अमृत महोत्सव पर यह भी जरूरी है कि दुनिया के देशों में भारत के बारे में सही बात जाए। वैश्विक संस्थाएं भारत के बारे में सही जानकारी दें। ब्रह्माकुमारी जैसी संस्थाएं यह काम कर सकती हैं। ब्रह्माकुमारी जैसी संस्थाएं अपनी बाहर की ब्रांचों से हर साल कम से कम 500 विदेशी लोगों को भारत की यात्रा पर लाएं। इससे वे लोग बाहर जाकर हमारे देश के बारे में बताएंगे और एक सही छवि बनेगी।इस कार्यक्रम के जरिए 15 हजार प्रोग्राम के जरिए 10 करोड़ लोगों तक पहुंचने का लक्ष्य है। कार्यक्रम में लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला, प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्र, CM अशोक गहलोत, केंद्रीय संस्कृति मंत्री किशन रेड्डी, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल, राजस्थान के तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग भी जुड़े।ब्रह्माकुमारी संस्थान के कार्यकारी सचिव बी.के मृत्युंजय ने बताया कि संस्थान की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी रतनमोहिनी की अध्यक्षता में आयोजित इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं अभियान में देश ही नहीं बल्कि विदेश से हस्तियां भी शामिल हुईं। ब्रह्माकुमारी संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बी.के मोहिनी न्यूयार्क से उपस्थित रहीं। इस अवसर पर ग्रैमी अवार्ड से सम्मानित एक्टर रिक्की केज की ओर से एक वीडियो एलबम भी रिलीज किया गया।प्रधानमंत्री ने इन अभियानों का आगाज किया1. वैक्सीनेशन अभियान: गांव-गांव में लोगों के लिए वैक्सीन लगाने और जागरूक करने।2. आत्मनिर्भर किसान: किसानों को यौगिक-जैविक खेती के प्रति जागरूक करने।3. महिलाएं: नए भारत की ध्वज वाहक अभियान4. अनदेखा भारत साइकिल रैली5. सड़क सुरक्षा के लिए देशभर में 150 बाइक रैली- एक बाइक रैली में 75 बाइक शामिल होंगी। सभी रैलियों को मिलाकर 25 हजार किमी की दूरी तय की जाएगी।6. आबू रोड से दिल्ली जाने वाली 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' बाइक रैली।7. युवाओं को सशक्त बनाने के लिए 'बस यात्रा' और 'स्वच्छ भारत अभियान।'नवंबर 2022 में शांतिवन में होगा समापनयह सभी अभियान देशभर में ब्रह्माकुमारी के सेवा केन्द्रों की ओर से चलाए जाएंगे। पूरे सालभर चलने वाले इन अभियानों में 15 हजार कार्यक्रमों के जरिए 10 करोड़ लोगों को जागरूक करने का लक्ष्य रखा गया है। इसका समापन विशाल रूप में संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय शांतिवन में नवंबर-2022 को किया जाएगा।देशव्यापी अभियान का मकसदअभियान का मकसद देश प्रेम की भावना का जागरण, भावी पीढ़ी और राष्ट्र निर्माण, युवाओं में चरित्र निर्माण, खुशहाल अन्नदाता, व्यसनमुक्त भारत, शांति का संदेश, मानव में नैतिक मूल्यों का विकास और सकारात्मक प्रेरणा है।युवा, किसान, पर्यावरण और महिलाओं पर रहेगा विशेष फोकसअमृत महोत्सव के तहत आयोजित इन कार्यक्रमों में ब्रह्माकुमारी की ओर से युवा वर्ग, महिला वर्ग, किसान और पर्यावरण संरक्षण को लेकर विशेष कार्यक्रम, सभा, सम्मेलन, संगोष्ठी और अभियानों का आयोजन किया जाएगा। इन सभी कार्यक्रमों का मकसद स्वर्णिम भारत की संकल्पना को साकार करना है। साथ ही हमारी प्राचीन सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया: का उद्घोष करते हुए स्वतंत्रता के वास्तविक मूल्यों को मंगल कामना के साथ भारत को दोबारा विश्वगुरू के सर्वोच्च शिखर पर प्रतिष्ठित करना है।