Zee News : Jul 07, 2020, 08:11 PM
नई दिल्ली: LAC पर भारत और चीन के बीच दो महीने से चल रहे तनाव के बीच भारतीय वायुसेना की क्षमता और महारत ने चीन को चौंका दिया। भारतीय वायुसेना ने न केवल बहुत कम वक्त में बहुत तेजी से कार्रवाई करते हुए भारतीय सैनिकों और भारी सैनिक साजोसामान को एलएसी तक पहुंचाया बल्कि लड़ाकू एयरक्राफ्ट्स ने दुश्मन पर दबाव बनाए रखा। लद्दाख के ऊंचे और कम ऑक्सीजन वाले वातावरण में एयरक्राफ्ट की क्षमता कम हो जाती है। लेकिन भारतीय वायुसेना ने तनाव शुरू होने के कुछ दिनों के अंदर ही उत्तर प्रदेश और हिमाचल से दो डिवीजन सेना को लद्दाख पहुंचा दिया। इसके अलावा टी-90 टैंकों की बड़ी तादाद को भी बड़े ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से लेह एयरबेस पर उतार दिया ताकि उनकी तैनाती एलएसी के पास की जा सके।इस काम में भारतीय वायुसेना के सबसे बड़े ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-17 ग्लोबमास्टर, सी-123 जे सुपर हर्कुलिस और आईएल 76 ने दिन-रात उड़ान भरी और इतनी बड़ी सेना को कुछ दिनों में ही एलएसी तक पहुंचा दिया। सी-123 जे सुपर हर्कुलिस दुनिया की सबसे ऊंची हवाई पट्टी दौलत बेग ओल्डी पर उतर सकता है और ये बात चीनी सेना पर बड़ा मानसिक दबाव डालती है।चीनी वायुसेना के लड़ाकू हेलीकॉप्टर और फाइटर जेट्स ने जब एलएसी के पार अपनी हरकतें शुरू कीं तो भारतीय वायुसेना ने अपने सबसे अच्छे फाइटर लद्दाख में तैनात कर दिए। भारतीय वायुसेना के फ्रंटलाइन फाइटर मिग-29 और सुखोई-30 जेट्स ने लद्दाख में कॉम्बेट एयर पेट्रोल यानी आसमान में किसी भी भिडंत की तैयारी के साथ उड़ान भरना शुरू कर दिया। इस समय लद्दाख में भारतीय वायुसेना का लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे भी तैनात है। जिसे पिछले ही साल भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। चीन की तरफ से एलएसी के पास आर्मर्ड गाडियों और टैंकों के तैनात होने की खबरों के बाद अपाचे को लद्दाख ले जाया गया है। ये किसी भी बख्तरबंद टैंक या गाड़ी को मिसाइलों से तबाह कर सकता है और दुश्मन की सेना के कैंप को भी नष्ट कर सकता है।