विदेश / यूके की संसद में पीएम मोदी के खिलाफ हुईं 'अपमानजनक टिप्पणियों' की भारत ने की निंदा

लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने यूके की संसद में 'कश्मीर में मानवाधिकार' को लेकर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गईं 'आपत्तिजनक टिप्पणियों' की निंदा की है। उन्होंने कहा, "दुखद है कि एक मित्र लोकतंत्र की प्रतिष्ठित संस्था का दुरुपयोग कर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के निर्वाचित नेता के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां की गईं।"

Vikrant Shekhawat : Sep 24, 2021, 07:12 PM
लंदन: ब्रिटिश संसद में कश्मीर का मुद्दा उठाने पर भारत ने पाकिस्तान को लताड़ लगाई। सर्वदलीय बहस के दौरान भारत ने 'कश्मीर में मानवाधिकार' के मुद्दे पर सांसदों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा पर भी कड़ी आपत्ति जताई। कश्मीर का राग अलापे जाने पर ब्रिटिश सांसदों ने भी पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई और कहा कि पाकिस्तान वर्षों से तालिबान जैसे आतंकी संगठनों को सुरक्षा मुहैय्या करा रहा है।

लंदन में भारतीय उच्चायोग के एक मंत्री ने कहा कि कश्मीर देश का एक अभिन्न अंग है। इससे संबंधित विषय पर किसी भी मंच में किए गए किसी भी दावे को तथ्यों के साथ प्रमाणित करने की आवश्यकता है। भारत सर्वदलीय बैठक में सांसदों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली भाषा से इत्तेफाक नहीं रखती।

लंदन में भारतीय उच्चायोग के एक मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्दों की भी निंदा की और फिर दोहराया कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है।

2002 गुजरात दंगों का हवाला देने वाले पाकिस्तानी मूल के सांसद नाज़ शाह की टिप्पणी का जिक्र करते हुए भारतीय उच्चायोग के मंत्री ने कहा, "ये दुख की बात है कि एक प्रतिष्ठित मंच के माध्यम से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के निर्वाचित नेता के खिलाफ गलत शब्दों का इस्तेमाल किया गया।"

बहस के दौरान ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी के सांसद डेबी अब्राहम ने कहा कि चर्चा को किसी भी देश के "समर्थक या विरोधी" के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए, क्योंकि सांसद केवल मानवाधिकारों की रक्षा में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, "कश्मीरियों को त्रिपक्षीय शांति निर्माण प्रक्रिया के केंद्र में होना चाहिए।"

इस सर्वदलीय बैठक में 20 से अधिक पार्टी सदस्यों ने भाग लिया। जिसमें सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के सांसद बॉब ब्लैकमैन और थेरेसा विलियर्स ने भारतीय अदालतों और संस्थानों के पक्ष में बोला। "मानवाधिकारों के हनन की ठीक से जांच" करने पर उन्होंने कहा कि पिछले साल कश्मीर में हुए चुनाव सकारात्मक संकेत थे।

विलियर्स ने कहा, "एक लोकतंत्र के रूप में जहां धार्मिक अल्पसंख्यकों को पूर्ण संवैधानिक सुरक्षा प्राप्त है और कानून को बहुत महत्व देते हैं, मेरा मानना ​है कि भारत की अदालतें और संस्थान मानवाधिकारों के हनन की ठीक से जांच करने में सक्षम हैं।"

बहस के दौरान लेबर पार्टी के सांसद बैरी गार्डिनर ने पाकिस्तान की खिंचाई की और कहा कि पाकिस्तान प्रशासन ने आतंकी शिविरों को पनाह दी है। इतना ही नहीं अपने पड़ोसी मुल्क अफगानिस्तान में भी वह आतंकी गतिविधि कराने में संलिप्त है। 

उन्होंने कहा, "वर्षों से, पाकिस्तान और आईएसआई तालिबान नेताओं को सुरक्षा सेवाएं दे रहा है, इसी तरह अन्य आतंकवादी संगठनों को भी कई प्रकार से अपना समर्थन दे रहा है।