Live Hindustan : Jul 02, 2020, 05:01 PM
Delhi: पिछले लंबे समय से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चल रहे भारत-चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर ड्रैगन को सावधान रहने की जरूरत है। भारत ने उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें रूस से 33 लड़ाकू विमानों को खरीदा जाना है। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को इस प्रस्ताव को मंजूरी दी।
रूस से भारत जिन 33 लड़ाकू विमानों को खरीद रहा है, उसमें 21 मिग-21 एस और 12 सुखोई 30एमकेआईएस लड़ाकू विमान शामिल हैं। इसके अलावा 59 मौजूदा मिग-21 एस को अपग्रेड भी किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि रूस के साथ हो रही इस डील की कुल कीमत 18,148 करोड़ रुपये है।इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना और नौसेना के लिए 248 एस्ट्रा बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइलों को खरीदने को भी मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि डीआरडीओ द्वारा एक नई 1,000 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल के डिजाइन और अन्य जरूरतों की भी मंजूरी दी गई है।वहीं, रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 38,900 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिसमें से 31,130 करोड़ रुपये की खरीदारी भारतीय उद्योग से होगी।पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद पिछले महीने सेना ने लड़ाकू विमानों को हासिल करने के एक प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा गया था।भारतीय वायुसेना ने जिन 21 मिग 29 का अधिग्रहण करने की योजना बनाई है, वे रूस के हैं। रूस ने वायुसेना को नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करने के लिए इन विमानों को बेचने की पेशकश की है। बता दें कि मिग -29 को वायुसेना द्वारा उड़ाया जाता है और पायलट इससे परिचित होते हैं, लेकिन रूस द्वारा दी जाने वाली ट्रेनिंग अलग है।
राफेल विमान भी आ रहे हैं भारतफ्रांस जल्द ही भारत को राफेल विमानों की डिलीवरी करने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के 'विशेष निवेदन' के बाद फ्रांस इन विमानों को समय से पहले भारत भेजेगा। 27 जुलाई को छह राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप आएगी। पहले चार विमानों को पहली खेप में आना था। ऐसे में भारत की वायुसेना की ताकत पहले के मुकाबले काफी बढ़ जाएगी।
रूस से भारत जिन 33 लड़ाकू विमानों को खरीद रहा है, उसमें 21 मिग-21 एस और 12 सुखोई 30एमकेआईएस लड़ाकू विमान शामिल हैं। इसके अलावा 59 मौजूदा मिग-21 एस को अपग्रेड भी किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने गुरुवार को बताया कि रूस के साथ हो रही इस डील की कुल कीमत 18,148 करोड़ रुपये है।इसके अलावा रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना और नौसेना के लिए 248 एस्ट्रा बियॉन्ड विजुअल रेंज एयर टू एयर मिसाइलों को खरीदने को भी मंजूरी दे दी है। रक्षा मंत्रालय के अधिकारी ने बताया कि डीआरडीओ द्वारा एक नई 1,000 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज लैंड अटैक क्रूज मिसाइल के डिजाइन और अन्य जरूरतों की भी मंजूरी दी गई है।वहीं, रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 38,900 करोड़ रुपए के प्रस्तावों को मंजूरी दी, जिसमें से 31,130 करोड़ रुपये की खरीदारी भारतीय उद्योग से होगी।पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद पिछले महीने सेना ने लड़ाकू विमानों को हासिल करने के एक प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा गया था।भारतीय वायुसेना ने जिन 21 मिग 29 का अधिग्रहण करने की योजना बनाई है, वे रूस के हैं। रूस ने वायुसेना को नए लड़ाकू विमानों की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करने के लिए इन विमानों को बेचने की पेशकश की है। बता दें कि मिग -29 को वायुसेना द्वारा उड़ाया जाता है और पायलट इससे परिचित होते हैं, लेकिन रूस द्वारा दी जाने वाली ट्रेनिंग अलग है।
राफेल विमान भी आ रहे हैं भारतफ्रांस जल्द ही भारत को राफेल विमानों की डिलीवरी करने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के 'विशेष निवेदन' के बाद फ्रांस इन विमानों को समय से पहले भारत भेजेगा। 27 जुलाई को छह राफेल लड़ाकू विमानों की पहली खेप आएगी। पहले चार विमानों को पहली खेप में आना था। ऐसे में भारत की वायुसेना की ताकत पहले के मुकाबले काफी बढ़ जाएगी।