देश / भारत सरकार का ट्विटर के खिलाफ सख्त आदेश,हो सकते है ट्विटर के ये 12 टॉप अधिकारी गिरफ्तार

सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) को लेकर भारत सरकार (Indian Government) सख्त रवैया अपना रही है. खबर है कि आदेशों का पालन न करने की स्थिति में ट्विटर के कुछ टॉप अधिकारियों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है. सरकार ने कंपनी से 'भड़काऊ सामग्री' वाले अकाउंट्स को सेंसर करने की मांग की थी. सरकार ने साफ कर दिया है कि ऐसे अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई पर किसी भी तरह की समझौता नहीं हो सकता है.

Vikrant Shekhawat : Feb 11, 2021, 10:38 AM
नई दिल्ली. सोशल मीडिया (Social Media) प्लेटफॉर्म ट्विटर (Twitter) को लेकर भारत सरकार (Indian Government) सख्त रवैया अपना रही है. खबर है कि आदेशों का पालन न करने की स्थिति में ट्विटर के कुछ टॉप अधिकारियों को गिरफ्तार भी किया जा सकता है. सरकार ने कंपनी से 'भड़काऊ सामग्री' वाले अकाउंट्स को सेंसर करने की मांग की थी. सरकार ने साफ कर दिया है कि ऐसे अकाउंट्स के खिलाफ कार्रवाई पर किसी भी तरह की समझौता नहीं हो सकता है.


अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने कहा है कि इस मामले में 'सब्र खत्म होता जा रहा है.' भारत ने बीते बुधवार को ट्विटर को कंटेट हटाने के संबंध में फटकार लगाई थी. सरकार ने यह साफ कर दिया था कि कंपनी को स्थानीय कानूनों का पालन करना होगा. वहीं, कई सांसदों ने अपने समर्थकों से स्वदेशी ऐप कू (Koo) का इस्तेमाल करने की अपील की है.


रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्विटर इस मामले को अदालत में ले जाने पर विचार कर रही है. कंपनी ने इसके लिए अभिव्यक्ति की आजादी का हवाला दिया है. कंपनी ने आंशिक रूप से आदेश मानते हुए सरकार की तरफ से बताए गए करीब आधे अकाउंट्स बंद कर दिए हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव ने ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी ट्विटर के वाइस प्रेसिडेंट मोनीक मेश और डिप्टी जनरल काउंसल और वाइस प्रेसिडेंट लीगल जिम बेकर के साथ वर्चुअल तरीके से बैठक की थी.


इस बैठक के बाद मंत्रालय की तरफ से एक बयान जारी किया गया था. बयान में कहा गया 'जिस तरह से ट्विटर ने अनिच्छा, अनजाने और देरी के साथ आदेश के खास हिस्सों का पालन करने के मामले में सचिव ने ट्विटर नेतृत्व को लेकर काफी निराशा जताई है. उन्होंने इस मौके पर ट्विटर को यह याद दिलाया है कि भारत में संविधान और कानून सर्वोच्च हैं. यह उम्मीद की जाती है कि जिम्मेदार संस्थाएं न केवल इस बात की पुष्टि करेंगी, बल्कि यहां के कानूनों का पालन भी करेंगी.'