Vikrant Shekhawat : Jul 08, 2021, 03:36 PM
नई दिल्ली: केंद्र सरकार (Central Government) की तरफ से जारी डिजिटल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से संबंधित नए नियमों के खिलाफ न्यूज़ एजेंसी PTI ने दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) का रुख किया है. याचिका पर सुनवाई करते दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले पर अगली सुनवाई अन्य याचिकाओं के साथ 20 अगस्त को होगी. वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने डिजिटल न्यूज़ पोर्टल्स को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया है.दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को मामले में पहले से दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई के बाद डिजिटल मीडिया, न्यूज़ पोर्टल्स की तरफ से अंतरिम राहत की मांग को अस्वीकार कर दिया.दरअसल, ऑनलाइन मीडिया द वायर, क्विंट और ऑल्ट न्यूज जैसी कई वेबसाइट्स ने केंद्र की तरफ से नए IT रुल्स को फोलो के लिए जारी नोटिस और नियमों का पालन ना करने पर सरकार की तरफ से एक्शन के अंदेशे को देखते हुए, दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.याचिकााओं में क्या कहा गया है?याचिकाओं में कहा गया कि उन्हें नए IT नियमों के पालन के लिए केंद्र सरकार ने नया नोटिस जारी किया है, ऐसा ना करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है,सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कोर्ट को बताया कि तकरीबन 1200 डिजिटल मीडिया हाउसेस, जिनमें स्वतंत्र प्रकाशक भी हैं, नए नियमों का पालन कर चुके हैं. याचिकाकर्ता के वकील की तरफ से कोर्ट में दलील दी गई कि हमनें नए IT रुल्स को चुनौती दी है, उन्होंने नहीं. आगे कहा गया कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की आड़ में मीडिया को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है. ये बात स्वीकार करने लायक नहीं है. कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की अंतरिम राहत की मांग को नहीं मानते हुए मामले की सुनवाई 20 अगस्त के लिए टाल दी.केंद्र सरकार ने की मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांगचीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की बैंच ने इस मामले में केंद्र सरकार से जवाब मांगा है. अब इस मामले को 20 अगस्त तक के लिए टाल दिया गया है. केंद्र सरकार ने सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है. केंद्र सरकार की ओर से जारी नए IT नियमों को ऑनलाइन न्यूज़ वेबसाइट्स और मीडिया कंपनियों ने देश के अलग-अलग राज्यों की अदालत में चुनौती देते हुए याचिकाएं दाखिल की है. केन्द्र सरकार ने सभी मामले की एक साथ सुनवाई के लिए सभी मामलों को सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की है.