IND vs SL / जडेजा ने मोहाली टेस्ट में जीता दिल, साथी खिलाड़ी और टीम के लिए विश्व रिकॉर्ड किया कुर्बान, अश्विन ने बताई कहानी

भारत ने श्रीलंका को मोहाली में खेले गए पहले टेस्ट मैच में एक पारी और 222 रने के बड़े अंतर से हरा दिया। चार मार्च से शुरू हुआ यह मैच भारतीय टीम के लिए कई मायनों में खास रहा। विराट ने अपना 100वां टेस्ट खेला तो रोहित का बतौर कप्तान पहला टेस्ट रहा। इसके अलावा अश्विन ने कपिल देव के 434 टेस्ट विकेट के रिकॉर्ड को तोड़ा। लेकिन इनके अलावा सबसे ज्यादा टीम के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने प्रभावित किया।

भारत ने श्रीलंका को मोहाली में खेले गए पहले टेस्ट मैच में एक पारी और 222 रने के बड़े अंतर से हरा दिया। चार मार्च से शुरू हुआ यह मैच भारतीय टीम के लिए कई मायनों में खास रहा। विराट ने अपना 100वां टेस्ट खेला तो रोहित का बतौर कप्तान पहला टेस्ट रहा। इसके अलावा अश्विन ने कपिल देव के 434 टेस्ट विकेट के रिकॉर्ड को तोड़ा। लेकिन इनके अलावा सबसे ज्यादा टीम के ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने प्रभावित किया। उन्होंने सबसे पहले अपने ऑलराउंड खेल से सबका दिल जीता और फिर फिर टीम हित में विश्व रिकॉर्ड बनाने का मौका छोड़ दिया। 

जडेजा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पहली पारी में नाबाद 175 रन बनाए और फिर गेंदबाजी में दोनों पारियों को मिलाकर 9 विकेट लिए। जडेजा के पास इस मैच में दोहरा शतक बनाने का शानदार मौका था मगर उन्होंने टीम हित में फैसला लेते हुए पारी घोषित कराने का फैसला लिया। इसके बाद उन्होंने एक बार अपने फैसले से सभी को चौंकाया। उनके पास एक पारी में 150 से अधिक रन और मैच में 10 विकेट लेकर विश्व रिकॉर्ड बनाने का शानदार मौका था। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। 

मैच के बाद ब्रॉडकास्टर से बात करते हुए टीम के अनुभवी स्पिनर अश्विन ने कहा, "पिछले चार-पांच सालों में उसने (जडेजा) वास्तव में काफी लंबा सफर तय किया है। मुझे लगता है कि जिस तरह से वह इस समय बल्लेबाजी कर रहा है उसके हिसाब से वह थोड़ा निचले क्रम में खेल रहा है। उसकी बल्लेबाजी एक पायदान ऊपर चली गई है। वह जानता है कि वह क्या कर रहा है और यह उसके बल्लेबाजी करने के तरीके में दिखता है।"

अश्विन ने आगे कहा, "मैच के बीच में हम दोनों ने महसूस किया कि जयंत ने ज्यादा गेंदबाजी नहीं की है। जो हमारा तीसरा स्पिनर है, हमारे लिए उसका साथ देना महत्वपूर्ण था। तब जड्डू ने फैसला किया कि वह अपने ओवर छोड़कर जयंत को अपने एंड से गेंदबाजी करने का मौका देगा जहां से गेंद घूम रही थी और फिर मैंने भी अपना एंड छोड़ दिया। जड्डू पहले गेंद को छोड़ने के लिए काफी उदार थे।"