Vikrant Shekhawat : Jun 01, 2021, 06:35 AM
नई दिल्ली। वैश्विक महामारी कोविड-19 (Covid-19) के बीच विभिन्न देशों में मिलते नए वैरिएंट्स के नामकरण को लेकर समस्याएं आ रही थीं। आम बोलचाल में इन वैरिएंट्स को उन देशों के नाम से भी पुकारा जाने लगा था जहां पर वो मिले। इसे लेकर हाल ही में भारत ने आपत्ति जाहिर की थी। ऐस ही बीते साल चीन ने भी कोरोना को 'वुहान वायरस' कहने पर आपत्ति जाहिर की थी। अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इस समस्या का समाधान तलाश लिया है। कोरोना वैरिएंट्स का नामकरण ग्रीक अल्फाबेट के आधार पर किया गया है।
भारत में अक्टूबर 2020 में मिले वैरिएंट B।1।617।2 को डेल्टा वैरिएंट (Delta) कहा गया है। इसके अलावा एक अन्य स्ट्रेन B।1।617।1 का नामकरण 'कप्पा' (Kappa) किया गया है। WHO ने नामकरण की ये नई व्यवस्था व्यापक रायशुमारी के बाद शुरू की है। भारत की तरह अन्य देशों में मिले वैरिएंट का नामकरण किया गया है। ब्रिटेन में 2020 में मिले वैरिएंट को 'अल्फा' कहा गया है। दक्षिण अफ्रीका में मिले वैरिएंट को 'बीटा' कहा जाएगा। वहीं ब्राजील में मिले वैरिएंट का नामकरण 'गामा' किया गया है। इसी तरह अमेरिका में मिले वैरिएंट का भी नाम रखा गया है।बता दें मई महीने के पहले पखवाड़े में भारत में मिले कोरोना स्ट्रेन को 'भारतीय' कहने पर विवाद हो गया था। केंद्र सरकार ने उन खबरों को खारिज किया था जिनमें कहा गया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड के B।1।617 वैरिएंट को भारतीय वैरिएंट कहा है। सरकार ने कहा था कि डब्ल्यूएचओ ने कभी भी भारतीय शब्द का प्रयोग नहीं किया है। आधिकारिक बयान में कहा गया, 'कई सारे मीडिया संगठनों ने खबरें दी हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने B।1।617 वैरिएंट को वैश्विक समुदाय के लिए खतरा बताया है। कुछ खबरों में B।1।617 वैरिएंट को कोरोना वायरस का भारतीय वैरिएंट कहा गया है। ये खबरें आधारहीन हैं और इनका कोई औचित्य नहीं है।'WHO ने भी प्रतिक्रिया दी थीभारत की आपत्ति के बाद WHO ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी थी। WHO ने ट्विटर पर साझा किए गए अपने बयान में कहा था, 'विश्व स्वास्थ्य संगठन वायरस के किसी भी वैरिएंट्स को देश के नाम पर रिपोर्ट नहीं करता है। संगठन वायरस के स्वरूप को उसके वैज्ञानिक नाम से संदर्भित करता है और बाकी लोगों से भी ऐसा ही करने की उम्मीद करता है।'
भारत में अक्टूबर 2020 में मिले वैरिएंट B।1।617।2 को डेल्टा वैरिएंट (Delta) कहा गया है। इसके अलावा एक अन्य स्ट्रेन B।1।617।1 का नामकरण 'कप्पा' (Kappa) किया गया है। WHO ने नामकरण की ये नई व्यवस्था व्यापक रायशुमारी के बाद शुरू की है। भारत की तरह अन्य देशों में मिले वैरिएंट का नामकरण किया गया है। ब्रिटेन में 2020 में मिले वैरिएंट को 'अल्फा' कहा गया है। दक्षिण अफ्रीका में मिले वैरिएंट को 'बीटा' कहा जाएगा। वहीं ब्राजील में मिले वैरिएंट का नामकरण 'गामा' किया गया है। इसी तरह अमेरिका में मिले वैरिएंट का भी नाम रखा गया है।बता दें मई महीने के पहले पखवाड़े में भारत में मिले कोरोना स्ट्रेन को 'भारतीय' कहने पर विवाद हो गया था। केंद्र सरकार ने उन खबरों को खारिज किया था जिनमें कहा गया था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोविड के B।1।617 वैरिएंट को भारतीय वैरिएंट कहा है। सरकार ने कहा था कि डब्ल्यूएचओ ने कभी भी भारतीय शब्द का प्रयोग नहीं किया है। आधिकारिक बयान में कहा गया, 'कई सारे मीडिया संगठनों ने खबरें दी हैं कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने B।1।617 वैरिएंट को वैश्विक समुदाय के लिए खतरा बताया है। कुछ खबरों में B।1।617 वैरिएंट को कोरोना वायरस का भारतीय वैरिएंट कहा गया है। ये खबरें आधारहीन हैं और इनका कोई औचित्य नहीं है।'WHO ने भी प्रतिक्रिया दी थीभारत की आपत्ति के बाद WHO ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी थी। WHO ने ट्विटर पर साझा किए गए अपने बयान में कहा था, 'विश्व स्वास्थ्य संगठन वायरस के किसी भी वैरिएंट्स को देश के नाम पर रिपोर्ट नहीं करता है। संगठन वायरस के स्वरूप को उसके वैज्ञानिक नाम से संदर्भित करता है और बाकी लोगों से भी ऐसा ही करने की उम्मीद करता है।'