DeepSeek AI / जानिए चीन का नया AI चैटबॉट DeepSeek किसने बनाया, जिसने उड़ाई दुनिया की नींद?

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में चीन के DeepSeek ने धमाकेदार एंट्री की है। इसके फाउंडर लियांग वेनफेंग ने कम लागत और पुराने GPUs से इसे विकसित कर NVIDIA जैसी कंपनियों को चुनौती दी। कम खर्च में तैयार यह चैटबॉट AI में नई क्रांति का संकेत है।

Vikrant Shekhawat : Jan 28, 2025, 07:40 PM
DeepSeek AI: जब बात आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की होती है, तो दुनिया की नजरें अमेरिका और यूरोप पर होती हैं. लेकिन इस बार चीन ने एक ऐसा दांव चला है, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है. चीन का अपना AI चैटबॉट DeepSeek मार्केट में आते ही तहलका मचा रहा है. इसने न सिर्फ टेक्नोलॉजी की दुनिया में हलचल मचाई, बल्कि NVIDIA जैसी दिग्गज अमेरिकी कंपनी के शेयरों को भी धूल चटा दी.

NVIDIA को झटका:
DeepSeek के लॉन्च के बाद NVIDIA को बड़ा झटका लगा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, केवल एक दिन में NVIDIA के करीब 600 बिलियन डॉलर (लगभग 50 लाख करोड़ रुपये) बाजार मूल्य से स्वाहा हो गए। यह घटना वैश्विक टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री में चर्चा का केंद्र बन गई है। सवाल यह है कि DeepSeek में ऐसा क्या खास है जो यह ChatGPT जैसे नामचीन मॉडलों को चुनौती देने की स्थिति में आ गया है?


DeepSeek के पीछे कौन है?

लियांग वेनफेंग (Liang Wenfeng), DeepSeek के फाउंडर और सीईओ, इस इनोवेशन के मास्टरमाइंड हैं। चीन के झानजियांग में एक साधारण परिवार में जन्मे लियांग के पिता प्राइमरी स्कूल टीचर थे। साधारण पृष्ठभूमि के बावजूद लियांग की सोच और मेहनत ने उन्हें AI इंडस्ट्री का उभरता सितारा बना दिया।

उनकी पढ़ाई-लिखाई साधारण स्कूलों में हुई, लेकिन अपनी प्रतिभा के दम पर उन्होंने प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों तक का सफर तय किया। यहीं से उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में गहरी पकड़ बनाई और इसे अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया।


AI की दुनिया में लियांग का सफर

लियांग वेनफेंग ने अपनी करियर की शुरुआत से ही AI को प्राथमिकता दी। उन्होंने 2013 में हांग्जो याकेबी इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट और 2015 में झेजियांग जियुझांग एसेट मैनेजमेंट की स्थापना की। लेकिन उनकी असली पहचान 2019 में हाई-फ्लायर AI के लॉन्च के बाद बनी, जिसने 10 अरब युआन से अधिक की संपत्ति मैनेज की।

2023 में DeepSeek की नींव रखकर लियांग ने AI की सबसे जटिल शाखा AGI (Artificial General Intelligence) में काम करना शुरू किया। यह कदम AI की दुनिया में एक बड़ा मील का पत्थर साबित हुआ।


कैसे बना DeepSeek?

DeepSeek की विकास यात्रा किसी प्रेरणादायक कहानी से कम नहीं है। जहां अमेरिकी कंपनियां NVIDIA के H100 Tensor Core GPUs का इस्तेमाल कर AI मॉडल्स ट्रेन करती हैं, लियांग ने चीन के पुराने और सस्ते H800 GPUs से काम चलाया। उन्होंने करीब 50,000 H800 GPUs खरीदे और इनका उपयोग करके DeepSeek को ट्रेन किया।

DeepSeek की ट्रेनिंग पर कुल खर्च लगभग 60 लाख डॉलर (52 करोड़ रुपये) आया, जो OpenAI के ChatGPT को बनाने की लागत से 10 गुना कम है। इसके बावजूद, DeepSeek ने प्रदर्शन और क्षमता के मामले में AI की दुनिया को चौंका दिया।


DeepSeek का क्या है असर?

DeepSeek का पहला वर्जन DeepSeek-R1 बाजार में आते ही हिट हो गया। इसकी खासियत यह है कि यह कम लागत में हाई-परफॉर्मेंस AI सॉल्यूशंस दे रहा है। चीन के इस कदम से यह साफ है कि अब एआई इनोवेशन में लागत और तकनीकी दक्षता दोनों को प्राथमिकता दी जा रही है।

इससे यह सवाल उठता है कि क्या DeepSeek आने वाले समय में OpenAI के ChatGPT या अन्य AI मॉडल्स को चुनौती दे सकता है?


AI की नई लड़ाई

DeepSeek के आगमन ने AI की वैश्विक प्रतियोगिता को एक नया आयाम दिया है। NVIDIA जैसे दिग्गजों को सीधी चुनौती देकर चीन ने दिखा दिया है कि वह AI की दुनिया में नेतृत्व करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

DeepSeek की सफलता केवल तकनीकी क्षमता का ही नहीं, बल्कि रणनीतिक सोच और सीमित संसाधनों में काम करने की कुशलता का भी प्रमाण है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मुकाबला आगे क्या रूप लेता है। क्या DeepSeek AI की दुनिया में एक नई क्रांति ला पाएगा, या यह सिर्फ शुरुआत भर है?