Vikrant Shekhawat : Jun 05, 2023, 02:04 PM
Awadhesh Rai Murder Case: अवधेश राय हत्याकांड में माफिया मुख्तार अंसारी दोषी करार दिया गया है। वाराणसी की MP-MLA कोर्ट में माफिया की सजा का ऐलान दोपहर 2 बजे के बाद किया जाएगा। कांग्रेस नेता अवधेश राय की 3 अगस्त 1991 में वाराणसी के चेतगंज थाने के लहुराबीर इलाके में हत्या कर दी गई थी। अवधेश राय के भाई अजय राय ने मुख्तार अंसारी और पांच और लोगो के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में माफिया की कोर्ट में पेशी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई थी। माफिया इस समय बांदा जेल में बंद है। 2005 से जेल में बंद है मुख्तार आपको बता दें कि मुख्तार और उसके परिवार पर 96 से ज्यादा केस दर्ज हैं। मुख्तार की पत्नी अफशां अंसारी तो 75 हजार की इनामी भी है। सबसे ज्यादा मामले माफिया मुख्तार के खिलाफ है। मुख्तार पर हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण जैसी संगीन धाराओं में 61 मामले दर्ज हैं। मुख्तार अंसारी 2005 से जेल में बंद है। दूसरे नंबर पर मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां है, जिस पर 10 से ज्यादा आपराधिक मामले हैं। अफशां फरार है। मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी पर 7 मामले हैं। मुहम्मदाबाद वाले मामले में बरी हो चुका है माफिया वहीं इससे पहले 17 मई को गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने मुहम्मदाबाद क्षेत्र में हुए हत्या के प्रयास की साजिश में दोष मुक्त करार देते हुए बरी कर दिया। इस मामले में 6 मई को ही बहस पूरी कर ली गई थी, जिसके बाद कोर्ट ने फैसले सुनाने के लिए 17 मई की तारीख निर्धारित की थी और आज कोर्ट ने मुख्तार को इस मामले में कोर्ट ने बरी कर दिया।2009 में मुहम्मदाबाद थाने में दर्ज हुआ था केसबता दें कि वर्ष 2009 में मीर हसन उर्फ मीरकल्लू निवासी चकशाह मुहम्मद उर्फ मलिकपुरा ने मुहम्मदाबाद थाने में सोनू यादव के खिलाफ हत्या के प्रयास का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने विवेचना में मुख्तार अंसारी को साजिशकर्ता मानते हुए उनपर धारा 120बी का केस दर्ज किया था। तब अंसारी जेल में बंद था। हालांकि इस मामले में मुख्य आरोपित सोनू यादव कोर्ट से बरी हो गया था, जबकि मुख्तार अंसारी के खिलाफ एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा था।अजय राय ने चेतगंज थाने में दर्ज कराई थी शिकायतअजय राय ने वाराणसी के चेतगंज थाने में भाई की हत्या को लेकर एक शिकायत दर्ज कराई थी. इस हत्याकांड में मुख्तार के अलावा पूर्व विधायक अब्दुल कलाम का भी नाम सामने आया था. साथ ही भीम सिंह और राकेश को भी पुलिस ने आरोपी बनाया था. यह एक हाईप्रोफाइल केस था, इस वजह से तब की सरकार ने जांच का जिम्मा सीबीसीआईडी को सौंप दिया था.कैसे बदमाशों ने घटना को दिया अंजामबताया जा रहा है कि जिस दिन अवधेश की हत्या हुई, उस दिन शहर में बारिश का मौसम बना हुआ था. हल्की बूंदा-बांदी हो रही थी. घर के सामने अवधेश राय अपने भाई अजय राय दोनों कोई बात कर रहे थे. तभी अचानक घर के सामने एक मारूति आई. दोनों भाई कुछ समझ पाते, तबतक गाड़ी से निकले बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी. अवधेश राय इस हमले में बुरी तरह जख्मी हो गए. उन्हें तत्काल शहर के एक सरकारी अस्पताल में ले जाया गया. लेकिन, डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा सके और उनकी मौत हो गई.थाने के पास बदमाशों ने घटना को दिया था अंजामअवधेश राय की हत्या ने तब मीडिया में खूब सूर्खियां बटोरी थीं. जिसने भी घटना के बारे में सुना, सन्न रह गया. इस हत्याकांड से मुख्तार अंसारी का खौफ वाराणसी के आसपास के इलाकों में और बढ़ गया. हालांकि, इस मर्डर केस ने पुलिस की भी जमकर किरकरी कराई. क्योंकि, जहां पर अवधेश का मर्डर हुआ था, वहां से थाना महज 50 मीटर की दूरी पर था.