Maharashtra New CM: महाराष्ट्र की जनता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत महायुति गठबंधन को भारी बहुमत देकर सत्ता सौंप दी है। हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के नतीजे स्पष्ट रूप से महायुति के पक्ष में गए हैं। 288 सीटों वाली विधानसभा में महायुति ने 230 सीटों पर कब्जा जमाकर अपने प्रभुत्व का प्रदर्शन किया है। इस अभूतपूर्व जीत के बाद अब महाराष्ट्र में नई सरकार बनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है।
सीएम पद पर होगा फैसला
चुनाव परिणामों के बाद महायुति की अगली चुनौती मुख्यमंत्री पद पर सहमति बनाना है। इसके लिए महायुति में शामिल भाजपा, शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट), और एनसीपी (अजित पवार गुट) के विधायकों की अलग-अलग बैठकें होने जा रही हैं। इन बैठकों में विधायक दल के नेताओं का चयन किया जाएगा। माना जा रहा है कि सभी दलों के विधायकों की संयुक्त बैठक के बाद मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी।शिवसेना की हाल ही में हुई ऑनलाइन बैठक में पार्टी ने फैसला लेने का पूरा अधिकार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को दिया है। वहीं, भाजपा और एनसीपी के शीर्ष नेतृत्व के बीच भी मंथन जारी है।
मुंबई में विधायकों की सक्रियता बढ़ी
महायुति के सभी विधायकों को मुंबई पहुंचने का निर्देश दिया गया है। मुंबई में एक बड़ी बैठक आयोजित की जाएगी, जहां विधायक दल के नेता का चुनाव होगा। इसके अलावा भाजपा, शिवसेना, और एनसीपी के विधायकों की अलग-अलग बैठकें भी होंगी। इन बैठकों के बाद महायुति के तीनों प्रमुख नेताओं की भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ बैठक होगी, जो मुख्यमंत्री पद पर अंतिम फैसला लेगी।
महा विकास आघाड़ी को करारी हार
विपक्षी गठबंधन महा विकास आघाड़ी (एमवीए) को इस चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है। कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), और एनसीपी (शरद पवार गुट) की ताकत 46 सीटों तक सिमट गई। कांग्रेस ने केवल 16 सीटें जीतीं, जबकि शिवसेना (उद्धव गुट) को 20 सीटें मिलीं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट) को मात्र 10 सीटों से संतोष करना पड़ा।
महायुति की ऐतिहासिक सफलता
इस बार के चुनाव परिणामों ने महायुति को अभूतपूर्व बढ़त दी है। भाजपा ने 132 सीटें जीतकर गठबंधन में अपनी प्रमुख भूमिका को और मजबूत किया। शिवसेना (शिंदे गुट) ने 57 सीटें और एनसीपी (अजित पवार गुट) ने 41 सीटों पर जीत हासिल की। यह नतीजे स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि महाराष्ट्र की जनता ने महायुति के विकास और स्थिरता के वादों पर भरोसा जताया है।
आगे की राह
अब सभी की निगाहें महायुति की बैठकों और मुख्यमंत्री पद के फैसले पर टिकी हैं। महाराष्ट्र की राजनीति में इस बड़ी जीत के बाद सरकार से जनता की अपेक्षाएं भी काफी बढ़ गई हैं। ऐसे में महायुति के लिए यह चुनौती होगी कि वह चुनावी वादों को प्रभावी ढंग से पूरा कर सके।महाराष्ट्र में इस नई सरकार के गठन से राज्य के विकास और स्थिरता के एक नए युग की शुरुआत की उम्मीद है।