AajTak : Jun 27, 2020, 07:44 AM
विशेष | 6.60 करोड़ साल पहले एक बड़ा एस्टेरॉयड यानी उल्कापिंड धरती से टकराया था। इसकी वजह से धरती पर रहने वाले 75 फीसदी जीव-जंतु मारे गए थे। हजारों सालों तक आसमान में धुएं का गुबार था। सूरज की रोशनी भी धरती तक पहुंच ही नहीं पा रही थी। लेकिन इस घटना से पहले भी एक भयानक हादसा हुआ था। जिससे पूरी धरती के पेड़-पौधे और समुद्री जीव-जंतु खत्म हो गए थे। अब एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि ये घटना दोबारा भी हो सकती है।करीब 36 करोड़ साल पहले हमारी पृथ्वी पर मौजूद पेड़-पौधे और समुद्री जीव-जंतु खत्म हो गए थे। ये हादसा हुआ था ओजोन लेयर में छेद होने की वजह से। ये जानकारी आई है एक नई रिसर्च में जो साइंस एडवांसेस नाम की मैगजीन में प्रकाशित हुई है।इस रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि 36 करोड़ साल पहले ओजोना लेयर में छेद होने की वजह से साफ पानी के अंदर मौजूद जीवन, पेड़-पौधे, समुद्री जीव-जंतु आदि सब खत्म हो गए थे। धरती पर कई जगहों पर सिर्फ आग ही आग थी। भयानक गर्मी थी। ये रिसर्च तब की गई जब वैज्ञानिकों को कुछ पुरातन पत्थरों के छिद्रों में बेहद सूक्ष्म पौधे मिले। जब इन पौधों का अध्ययन किया गया तो यह खुलासा हुआ। हालांकि, इनमें से कुछ पौधे सही सलामत थे, लेकिन बाकी जल-भुनकर खाक हो गए थे।वैज्ञानिकों ने जब खराब हुए पौधों के डीएनए का अध्ययन किया तो पता चला कि वो सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों की वजह से जलकर खाक हुए हैं या फिर खराब हो गए हैं। इसके बाद वैज्ञानिकों के होश उड़ गए। क्योंकि जो ओजोन परत हमें सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाती है वो एक बार इतना बड़ा हादसा कर चुकी है।और अध्ययन करने पर पता चला कि ओजोन लेयर में छेद होने की वजह से जो गर्मी बढ़ी उससे धरती के अंदर ज्वालामुखीय गतिविधियां बढ़ गईं। कई देशों में ज्वालामुखी फट पड़े। भयावह तबाही मची थी। इसके बाद पूरी दुनिया में सिर्फ तबाही का मंजर था। लेकिन जब धरती का वातावरण इतना गर्म हुआ तब शुरू हुआ आइस ऐज (Ice Age)। यानी हिमयुग। जिसकी वजह से दुनिया में फिर जीवन पनपना शुरू हुआ। गर्म हो रही धरती धीरे-धीरे ठंडी होने लगी। अब वैज्ञानिकों ने फिर एक बार समझाया है कि अगर फिर ओजोन लेयर में ऐसा छेद हुआ तो यह 36 करोड़ साल पुराना हादसा वापस हो सकता है। फिर धरती को कोई नहीं बचा पाएगा।