Live Hindustan : Sep 01, 2019, 07:32 AM
यूरोपीय संसद में सोमवार को कश्मीर मुद्दे पर चर्चा से पहले भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने यूरोपीय संघ के विदेश नीति के प्रमुख से मुलाकात की और कहा कि आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल में भारत किसी भी अन्य द्विपक्षीय मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए तैयार है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट करते हुए लिखा, "यूरोपीय संघ में विदेश और सुरक्षा मामलों की उच्च प्रतिनिधि से फिर मिलकर खुशी हुई। भारत और यूरोप के सहयोग से जुड़े कई मुद्दों के साथ अफगानिस्तान पर भी चर्चा हुई।"
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट करते हुए लिखा, "यूरोपीय संघ में विदेश और सुरक्षा मामलों की उच्च प्रतिनिधि से फिर मिलकर खुशी हुई। भारत और यूरोप के सहयोग से जुड़े कई मुद्दों के साथ अफगानिस्तान पर भी चर्चा हुई।"
एक अन्य ट्वीट में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने लिखा, "यूरोपीय संघ के आयुक्त से अफगानिस्तान और ईरान में भारत की भूमिका पर चर्चा हुई। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बेहतर शासन देने व और ज्यादा विकास के लिए हमारी योजनाओं के बारे में बताया।" इसके साथ ही उन्होंने लिखा, "आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल में भारत किसी भी अन्य द्विपक्षीय मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए तैयार है।"Glad to meet EU High Representative for Foreign Affairs and Security @FedericaMog again. Discussed various aspects of India- EU cooperation and the evolving situation in Afghanistan. pic.twitter.com/2DhkE3HpEY
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 30, 2019
भारत की ओर से जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को रद्द करने के बाद दोनों पड़ोसी देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर के संबंध में इस्लामाबाद के रुख का समर्थन करने के अपने प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ी है।शनिवार (31 अगस्त) को प्रकाशित बीबीसी उर्दू के साथ एक साक्षात्कार में पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी ने कहा कि उनके मुल्क ने कभी आक्रामक नीति नहीं अपनाई और हमेशा शांति को तरजीह दी। पाकिस्तान की वर्तमान सरकार ने बार-बार भारत को बातचीत शुरू करने की पेशकश की है क्योंकि दोनों परमाणु हथियार संपन्न देश जंग में जाने का जोखिम नहीं उठा सकते हैं।पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने जोर दिया कि युद्ध कश्मीर मुद्दे से निपटने का विकल्प नहीं है। उन्होंने दोहराया कि कश्मीर एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है और यह बस पाकिस्तान और भारत के बीच कोई द्विपक्षीय मामला नहीं है। गौरतलब है कि भारत ने जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को रद्द कर दिया और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया। इसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया।A good meeting with EU Commissioner @StylianidesEU. Discussed our perspectives on Afghanistan and Iran. Spoke of our expectations for better governance and more development in Jammu, Kashmir and Ladakh. pic.twitter.com/UDNwQLrq7u
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 30, 2019