देश / ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के बांध निर्माण पर भारतीय विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान, जानिए क्या कहा?

ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के बांध निर्माण की खबर पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हम स्थिति पर नजर बनाए हुए है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा हमने इस मामले को चीन के सामने उठाया है। हमने कहा है कि ऊपर के हिस्से में होने वाले निर्माण का असर निचले इलाकों में नहीं पड़ना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष ने हमें कई अवसरों पर अवगत कराया कि वे केवल नदी जल विद्युत परियोजनाओं का संचालन कर रहे।

Vikrant Shekhawat : Dec 03, 2020, 07:46 PM
नई दिल्ली: ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के बांध निर्माण की खबर पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि हम स्थिति पर नजर बनाए हुए है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा हमने इस मामले को चीन के सामने उठाया है। हमने कहा है कि ऊपर के हिस्से में होने वाले निर्माण का असर निचले इलाकों में नहीं पड़ना चाहिए।

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चीनी पक्ष ने हमें कई अवसरों पर अवगत कराया कि वे केवल नदी जल विद्युत परियोजनाओं का संचालन कर रहे हैं जिसमें ब्रह्मपुत्र के पानी का डायवर्जन शामिल नहीं है। हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चीन, तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर एक प्रमुख बांध का निर्माण करेगा और अगले साल से लागू होने वाली 14वीं पंचवर्षीय योजना में इससे संबंधित प्रस्ताव पर विचार किया जा चुका है। चीन के इसके लिए एक कंपनी को जिम्मेदारी भी सौंप दी है।

ब्रह्मपुत्र नदी भारत और बांग्लादेश से होकर गुजरती है। ऐसे में बांध निर्माण के प्रस्ताव से दोनों देशों की चिंताएं बढ़ गई हैं। भारत सरकार नियमित रूप से अपने विचारों और चिंताओं से चीनी अधिकारियों को अवगत कराती रही है और भारत ने चीन से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि नदी के ऊपरी हिस्सों में होने वाली गतिविधियों से निचली हिस्से से जुड़े देशों के हितों को नुकसान न हो।

ब्रह्मपुत्र नदी पर चीनी डैम का भारत कुछ ऐसा देगा जवाब

तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बड़ी पनबिजली परियोजना निर्माण को लेकर चिंताओं के बीच भारत भी अरुणाचल प्रदेश में एक बहुउद्देयीय जलाशय के निर्माण पर विचार कर रहा है। जलशक्ति मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को इस बारे में बताया। जलशक्ति मंत्रालय में आयुक्त (ब्रह्मपुत्र और बराक) टी एस मेहरा ने कहा कि बहुउद्देश्यीय 10,000 मेगावाट की पनबिजली परियोजना पर विचार चल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘यह परियोजना चीन द्वारा जल विद्युत परियोजना के प्रभाव को संतुलित करने में मदद करेगी।’’ उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश की सियांग नदी पर प्रस्तावित 9।2 बीसीएम ‘अपर सियांग’ परियोजना से अतिरक्त पानी के प्रवाह का इस्तेमाल होगा और पानी की कमी होने की स्थिति में भंडारण भी हो सकेगा।