जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti, PDP) ने कहा है कि कश्मीरियों पर कानून थोपे जा रहे हैं. उन्होंने कहा, 'कश्मीरी युवाओं के भविष्य को बचाने के लिए मह किसी भी हद तक जाएंगे. पहले सभी कानून लोगों से सलाह-मशविरे के आधार पर बनते थे और वो पब्लिक-फ्रेंडली हुआ करते थे. लेकिन अब कानून कश्मीरियों पर थोपे जा रहे हैं. और ये सब कुछ उनके अस्तित्व के विरुद्ध है. हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे.'
झंडे को लेकर दिए बयान पर हो चुका है बड़ा विवाद
गौरतलब है कि करीब 14 महीने की हिरासत के बाद छूटीं महबूबा मुफ्ती के एक बयान को लेकर हाल में बड़ा विवाद हो गया था. कुछ दिनों पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने अपने हाथ में जम्मू-कश्मीर का झंडा दिखाते हुए कहा था- 'मेरा झंडा ये है. जब ये झंडा वापस आएगा तब हम तिरंगा भी फहराएंगे. जब हम तक हमें अपना झंडा वापस नहीं मिलता तब तक हम कोई झंडा नहीं फहराएंगे. हमारा झंडा ही तिरंगे के साथ हमारे संबंध को स्थापित करता है.
केंद्र सरकार की खुलकर आलोचना की थी
प्रेस से बातचीत में महबूबा मुफ्ती ने कहा था, 'हम आर्थिक तौर पर बांग्लादेश से भी पिछड़ चुके हैं. चाहे वह रोजगार का मुद्दा हो या कुछ और, हर फ्रंट पर यह सरकार नाकामयाब है. इस सरकार के पास कोई ऐसा काम नहीं है जिसे दिखाकर वो वोट मांग सके. ये लोग कहते हैं कि अब जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदी जा सकेगी. फिर कहते हैं कि फ्री वैक्सीन बांटेंगे. आज पीएम मोदी को वोट के लिए आर्टिकल 370 पर बात करने की जरूरत पड़ती है.'
कश्मीर में सभी पार्टियों का फ्रंट
महबूबा के इस बयान को लेकर भारतीय जनता पार्टी की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया दी गई है. गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर की सभी राजनीतिक पार्टियों ने मिलकर एक फ्रंट बनाया है. महबूबा मुफ्ती की रिहाई के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक और उमर अब्दुल्ला ने भी उनसे मुलाकात की थी.