Vikrant Shekhawat : Apr 03, 2022, 10:23 AM
चांद दिखने के साथ ही शनिवार को मुकद्दस रमजान की शुरुआत हो गई। देश कई हिस्सों में शनिवार शाम को चांद देखा गया। जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी और फतेहपुरी मस्जिद के इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने चांद दिखने की तसदीक की। बीते दो सालों के दौरान कोविड की वजह से रमजान का महीना लगभग फीका ही रहा। मुफ्ती मुकर्रम ने पूरे मुल्क को रमजान की मुबारकबाद देते हुए लोगों से सावधानी बरतने की अपील की। मौलाना ने आम लोगों से अपील की है कि रमजान के पवित्र माह में पूरी दुनिया से कोरोना के खत्म होने की दुआ की जाए। दूसरी ओर शनिवार शुरू हुए मुकद्दस रमजान को लेकर मस्जिदों में सभी तैयारियां पहले से ही पूरी कर ली गई थी। राजधानी समेत दिल्ली-एनसीआर की सभी मस्जिदों को दुल्हन की तरह सजाया-संवारा गया है। चांद देखने के बाद से ही ईशा की नमाज (रात की नमाज) के बाद तरावीह (कुरान का पाठ) शुरू हो गईं।शनिवार को जैसे ही रमजान का चांद दिखा लोगों ने एक दूसरे को चांद की बधाई देना शुरू कर दिया। फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मौलाना मुफ्ती मकर्रम अहमद ने बताया कि साल के 12 महीनों में रमजान सबसे खास महीना है। पूरे महीने रोजे रखकर अल्लाह की इबादत की जाती है। अन्य दिनों के मुकाबले एक नेकी पर सवाब (पुण्य) भी बहुत ज्यादा मिलता है। मौलाना ने लोगों को नसीहत देते हुए कहा कि वह ज्यादा से ज्यादा खुदा का जिक्र करें, जकात और अन्य दान दें। आम दिनों के मुकाबले लोगों से नर्म दिल से पेश आएं। गरीबों और अपने नौकरों से नर्म दिली से पेश आएं। रमजान का एक महीना एक तरह से ट्रेनिंग का महीना है। इस महीने में लोग रोजे रखते हैं। रोजा रखकर भूखे रहने का एक खास उद्देश्य है।रोजा रखकर रोजेदार को उस व्यक्ति का अहसास होगा जो दो वक्त की रोटी भी नही जुटा पाता। लोगों में ऐसे लोगों का ख्याल रखने का जज्बा पैदा होगा। अल्लाह ने इसी लिए सभी मुसलमानों पर रोजे फर्ज किए थे। इधर चांद देखने के बाद ही सभी मस्जिदों में तरावीह शुरू हो गई। रमजान का चांद देखने के साथ ही तरावीह शुरू हो जाती है और ईद का चांद देखते ही समाप्त हो जाती है। तरावियों में हाफिज कुरान का पाठ सुनाता है और लोग उसके पीछे खड़े होकर सुनते है।रमजान पर दो साल बाद दिखी बाजारों में रौनक...रमजान की शुरुआत के साथ ही बाजारों में लोगों भारी भीड़ देखी गई। लोगों ने जमकर खरीदारी की। बीते दो सालों से कोरोना की वजह से रमजान के महीने में पाबंदियों की वजह से भीड़ नहीं थी। फिलहाल कोविड के मामले बेहद कम हैं। ऐसे में लोग बिना डरे मार्केट पहुंचे। लोगों ने सेवई, ड्राइफ्रूट, टोपी, खजूर और इत्र खरीदा। एक माह चलने वाले इस त्योहार पर जामा मस्जिद के अलावा तमाम मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों की रौनक बढ़ जाती है। पुरानी दिल्ली में तो कुछ पकवान सिर्फ रमजान में देखने को मिलते हैं। दूर-दूर से लोग इन पकवानों का लुत्फ उठाने के लिए पहुंचते हैं। माना जा रहा है कि इस बार रमजानों में पूरे पुरानी दिल्ली इलाके में ठीक-ठाक भीड़ जुटेगी।रोजा इफ्तार और सहरी का समयपहला रोजा इफ्तार का समय03-04-2022 शामसुन्नी शिया6.40 बजे 6.50 बजेदूसरा रोजा सहरी का समय04-04-2022 सुबहसुन्नी शिया4.50 बजे 4.40 बजे