News18 : Sep 23, 2020, 06:49 AM
नई दिल्ली। क्रिकेटप्रेमी महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) को माही, कैप्टन कूल से लेकर तमाम नामों से पुकारते हैं। लेकिन राजस्थान रॉयल्स (Rajasthan Royals) के खिलाफ मंगलवार को यह खिलाड़ी कुछ पलों के लिए आपा खोता नजर आया। वह भी किसी खिलाड़ी नहीं, बल्कि अंपायर के खिलाफ। दिलचस्प बात यह है कि कैप्टन कूल कहे जाने वाले एमएस धोनी (MS Dhoni) ने आईपीएल में लगातार दूसरे साल अंपायर से बहस की है। यह भी संयोग ही है कि उन्होंने पिछले साल राजस्थान के खिलाफ मुकाबले के दौरान ही अंपायर से बहस की थी।
आईपीएल 2020 में मंगलवार को चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और राजस्थान रॉयल्स (RR) के बीच मुकाबला हुआ। चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान एमएस धोनी ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी। राजस्थान ने शानदार बैटिंग करते हुए 216 रन का पहाड़ खड़ा कर दिया। राजस्थान की इस पारी के दौरान ही एक मौका ऐसा आया जब एमएस धोनी अंपायर से जा भिड़े।
18वें ओवर में हुआ विवादधोनी और अंपायर की जिस बहस की बात हो रही है, वह 18वां ओवर था। इस ओवर की पांचवीं गेंद बल्लेबाज टॉम करेन के पैड से टकराकर विकेटकीपर धोनी के पास पहुंची। धोनी ने इसे लपककर आउट की अपील की। अंपायर ने आउट दे दिया। टॉम करेन ने डीआरएस लेने की कोशिश की तो पता चला कि उनकी टीम यह मौका पहले ही गंवा चुकी है। टॉम करेन ने अंपायर से पूछा कि उन्हें कैच आउट दिया गया है या एलबीडब्ल्यू। अंपायर ने कैच आउट दिया था। इस पर करेन ने सवाल उठाया कि क्या धोनी ने सफाई से कैच लिया है। इस पर अंपायर ने लेग अंपायर की मदद ली। बात साफ नहीं हुई तो थर्ड अंपायर की मदद ली गई। टीवी रिप्ले में दिखा कि गेंद धोनी के ग्लव्स तक पहुंचने से पहले जमीन को चूम चुकी थी। इस तरह टीवी अंपायर ने करेन को नॉट आउट करार दिया।
2019 में घुस गए थे मैदान के भीतरसाल 2019 में भी धोनी और अंपायर के बीच भिड़ंत हुई थी। आईपीएल-12 के 25वें मैच में चेन्नई बनाम राजस्थान मैच खेला गया था। इसी मैच के आखिरी ओवर में विवाद हुआ था, जो बेन स्टोक्स डाल रहे थे। बात कुछ ऐसी है कि मैच के आखिरी ओवर में अंपायर उल्हास गांधे ने शुरुआत में नो-बॉल का इशारा करने के लिए हाथ उठाया, लेकिन लेग अंपायर ब्रूस ऑक्सेनफोर्ड की तरफ से गेंद के कमर से ऊपर रहने का कोई संकेत नहीं मिला। इसके बाद गांधे ने नो-बॉल नहीं दी। यह देखकर धोनी को गुस्सा आ गया, जो उस वक्त मैदान से बाहर थे। धोनी मैदान में घुसकर अंपायर से बहस करने लगे। हालांकि, अंपायर का फैसला नहीं बदला। बाद में धोनी पर मैच फीस का 50% जुर्माना लगाया गया था।
आईपीएल 2020 में मंगलवार को चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) और राजस्थान रॉयल्स (RR) के बीच मुकाबला हुआ। चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान एमएस धोनी ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी चुनी। राजस्थान ने शानदार बैटिंग करते हुए 216 रन का पहाड़ खड़ा कर दिया। राजस्थान की इस पारी के दौरान ही एक मौका ऐसा आया जब एमएस धोनी अंपायर से जा भिड़े।
18वें ओवर में हुआ विवादधोनी और अंपायर की जिस बहस की बात हो रही है, वह 18वां ओवर था। इस ओवर की पांचवीं गेंद बल्लेबाज टॉम करेन के पैड से टकराकर विकेटकीपर धोनी के पास पहुंची। धोनी ने इसे लपककर आउट की अपील की। अंपायर ने आउट दे दिया। टॉम करेन ने डीआरएस लेने की कोशिश की तो पता चला कि उनकी टीम यह मौका पहले ही गंवा चुकी है। टॉम करेन ने अंपायर से पूछा कि उन्हें कैच आउट दिया गया है या एलबीडब्ल्यू। अंपायर ने कैच आउट दिया था। इस पर करेन ने सवाल उठाया कि क्या धोनी ने सफाई से कैच लिया है। इस पर अंपायर ने लेग अंपायर की मदद ली। बात साफ नहीं हुई तो थर्ड अंपायर की मदद ली गई। टीवी रिप्ले में दिखा कि गेंद धोनी के ग्लव्स तक पहुंचने से पहले जमीन को चूम चुकी थी। इस तरह टीवी अंपायर ने करेन को नॉट आउट करार दिया।
डीआरएस को लेकर बहस कर रहे थे धोनीजब टीवी अंपायर रीप्ले देखकर आउट या नॉटआउट का फैसला ले रहे थे, उस वक्त धोनी मैदानी अंपायर से बहस करते देखे गए। वे इस दौरान डीआरएस का इशारा करके बात कर रहे थे। माना गया कि वे अंपायर से कह रहे थे कि जब राजस्थान रॉयल्स टीम के पास डीआरएस बचा ही नहीं था, फिर अंपायर ने अपने फैसले को किस आधार पर रिव्यू किया। बता दें कि राजस्थान टीम के राहुल तेवतिया ने एलबीडब्ल्यू करार दिए जाने के बाद डीआरएस लिया था, लेकिन फैसला बरकरार रहा था। इतना ही नहीं राजस्थान ने डीआरएस भी गंवा दिया था।2019 vs 2020! #RRvCSK pic.twitter.com/Uw5qvxG8PV
— Saurabh Malhotra (@MalhotraSaurabh) September 22, 2020
2019 में घुस गए थे मैदान के भीतरसाल 2019 में भी धोनी और अंपायर के बीच भिड़ंत हुई थी। आईपीएल-12 के 25वें मैच में चेन्नई बनाम राजस्थान मैच खेला गया था। इसी मैच के आखिरी ओवर में विवाद हुआ था, जो बेन स्टोक्स डाल रहे थे। बात कुछ ऐसी है कि मैच के आखिरी ओवर में अंपायर उल्हास गांधे ने शुरुआत में नो-बॉल का इशारा करने के लिए हाथ उठाया, लेकिन लेग अंपायर ब्रूस ऑक्सेनफोर्ड की तरफ से गेंद के कमर से ऊपर रहने का कोई संकेत नहीं मिला। इसके बाद गांधे ने नो-बॉल नहीं दी। यह देखकर धोनी को गुस्सा आ गया, जो उस वक्त मैदान से बाहर थे। धोनी मैदान में घुसकर अंपायर से बहस करने लगे। हालांकि, अंपायर का फैसला नहीं बदला। बाद में धोनी पर मैच फीस का 50% जुर्माना लगाया गया था।