Vikrant Shekhawat : Jul 22, 2020, 12:26 PM
भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) 4 सितंबर 2020 से हेलमेट मानकों के लिए एक नई अधिसूचना लागू करेगा। हाल ही में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, नए मानदंडों में हेलमेट के लिए 1.2 किलोग्राम वजन की सीमा को तय किया गया है। अब भारत में आयत करने वाले हेलमेट कंपनियों को भारतीय मानक ब्यूरो के मानदंडों के अनुसार हेलमेट का उत्पादन करना होगा।
अधिसूचना में बताया गया है कि सभी दोपहिया वाहनों के हेलमेट का वजन 700 ग्राम से 1.2 किलोग्राम के बीच रखना अनिवार्य होगा। हेलमेट के आईएसआई सर्टिफिकेशन के बाद ही उसे बेचा जाएगा। बगैर आईएसआई सर्टिफिकेशन के बिकने वाले हेलमेट खराब क्वालिटी के माने जाएंगे और उन्हें बनाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई होगी।
भारतीय मानक ब्यूरो हेलमेट की जांच और प्रमाणीकरण प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने कहा है कि खराब क्वालिटी के हेलमेट दुर्घटना के समय सर को नहीं बचा पाते हैं और इससे गंभीर चोट और मौत की घटनाएं बढ़ रही हैं।
सरकार ने सड़क सुरक्षा पर विभिन्न संगठनों की सलाह पर नए मानदंडों को निर्धारित किया है। परिवहन मंत्रालय भारत में बेचे जाने वाले हेलमेट के लिए आईएस प्रमाणीकरण अनिवार्य करने के लिए जल्द ही अंतिम अधिसूचना जारी करेगा।
परिवहन मंत्रालय ने बताया है कि अंतिम अधिसूचना को जारी करने के पहले कंपनियों को गुणवत्ता निर्धारण और अनुसरण करने के लिए 6 महीने का पर्याप्त समय दिया जाएगा। डेडलाइन के बाद बिना आईएसआई मार्क वाले हेलमेट बेचना गैरकानूनी होगा।
नए अधिसूचना के तहत अब यूरोपियन डॉट और अन्य स्टैंडर्ड के हेलमेट भी आईएसआई मूल्यांकन प्राप्त कर सकते हैं। आयत होने वाले हेलमेट दो सर्टिफिकेशन के लिए मान्य होंगे। पहले उन्हें अपने देश में प्रमाणित किया जाएगा, भारत आने के बाद उन्हें भारतीय मानक ब्यूरो प्रमाणित करेगा।
जानकारों का मानना है कि सरकार का यह कदम सराहनीय है। नए नियम से देश में अच्छे क्वालिटी के हेलमेट के इस्तेमाल का चलन बढ़ेगा और इससे सड़क पर लोगों की सुरक्षा भी बढ़ेगी। आने वाले दिनों में ओरिजिनल हेलमेट की मांग में इजाफा होगा।
अधिसूचना में बताया गया है कि सभी दोपहिया वाहनों के हेलमेट का वजन 700 ग्राम से 1.2 किलोग्राम के बीच रखना अनिवार्य होगा। हेलमेट के आईएसआई सर्टिफिकेशन के बाद ही उसे बेचा जाएगा। बगैर आईएसआई सर्टिफिकेशन के बिकने वाले हेलमेट खराब क्वालिटी के माने जाएंगे और उन्हें बनाने वाली कंपनियों पर कार्रवाई होगी।
भारतीय मानक ब्यूरो हेलमेट की जांच और प्रमाणीकरण प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने कहा है कि खराब क्वालिटी के हेलमेट दुर्घटना के समय सर को नहीं बचा पाते हैं और इससे गंभीर चोट और मौत की घटनाएं बढ़ रही हैं।
सरकार ने सड़क सुरक्षा पर विभिन्न संगठनों की सलाह पर नए मानदंडों को निर्धारित किया है। परिवहन मंत्रालय भारत में बेचे जाने वाले हेलमेट के लिए आईएस प्रमाणीकरण अनिवार्य करने के लिए जल्द ही अंतिम अधिसूचना जारी करेगा।
परिवहन मंत्रालय ने बताया है कि अंतिम अधिसूचना को जारी करने के पहले कंपनियों को गुणवत्ता निर्धारण और अनुसरण करने के लिए 6 महीने का पर्याप्त समय दिया जाएगा। डेडलाइन के बाद बिना आईएसआई मार्क वाले हेलमेट बेचना गैरकानूनी होगा।
नए अधिसूचना के तहत अब यूरोपियन डॉट और अन्य स्टैंडर्ड के हेलमेट भी आईएसआई मूल्यांकन प्राप्त कर सकते हैं। आयत होने वाले हेलमेट दो सर्टिफिकेशन के लिए मान्य होंगे। पहले उन्हें अपने देश में प्रमाणित किया जाएगा, भारत आने के बाद उन्हें भारतीय मानक ब्यूरो प्रमाणित करेगा।
जानकारों का मानना है कि सरकार का यह कदम सराहनीय है। नए नियम से देश में अच्छे क्वालिटी के हेलमेट के इस्तेमाल का चलन बढ़ेगा और इससे सड़क पर लोगों की सुरक्षा भी बढ़ेगी। आने वाले दिनों में ओरिजिनल हेलमेट की मांग में इजाफा होगा।