देश / कोविड-19 संक्रमण किसी शख्स के लिए टीबी का जोखिम बढ़ा सकता है: स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोविड-19 किसी शख्स के लिए टीबी का जोखिम बढ़ा सकता है, हालांकि, फिलहाल यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं कि वायरस से टीबी के मामले बढ़े हैं। बतौर मंत्रालय, कोविड-19 मरीज़ों को टीबी स्क्रीनिंग और टीबी मरीज़ों को कोविड-19 जांच की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सलाह दी गई है।

Vikrant Shekhawat : Jul 18, 2021, 07:32 AM
नई दिल्ली: स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी कोरोना पॉजिटिव रोगियों के लिए क्षय रोग (टीबी) की जांच और सभी स्वस्थ हुए टीबी रोगियों के लिए कोरोना स्क्रीनिंग की सिफारिश की है। बता दें कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से बताया गया कि हाल ही में कोरोना से संक्रमित मरीजों में क्षय रोग (टीबी) के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है। जिससे रोजाना करीब दर्जनभर इसी तरह के मामले सामने आने से सरकार भी चिंतिति नजर आ रही है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि कोरोना वायरस संक्रमण व्यक्ति के लिए सक्रिय क्षय रोग (टीबी) का खतरा बढ़ा सकता है। क्योंकि यह ब्लैक फंगस की तरह एक 'अवसरवादी' संक्रमण है, लेकिन कोविड-19 की वजह से टीबी के मामलों में वृद्धि के फिलहाल पर्याप्त सबूत नहीं हैं।

मंत्रालय ने कहा कि 2020 में कोविड रोधी प्रतिबंधों के चलते टीबी के मामलों में लगभग 25 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस तरह की कुछ खबरें आई हैं कि कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों में हाल में टीबी के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है और हर रोज लगभग दर्जनभर मामले आने से डॉक्टर भी चिंतित हैं।

मंत्रालय ने यह भी कहा कि स्पष्ट किया जाता है कि अब स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने सभी कोविड मरीजों की टीबी जांच और सभी टीबी मरीजों की कोविड जांच की सिफारिश की है। सार्स-कोव-2 संक्रमण व्यक्ति के लिए टीबी का जोखिम बढ़ा सकता है क्योंकि यह ब्लैक फंगस की तरह एक अवसरवादी संक्रमण है।लेकिन कोविड-19 की वजह से टीबी के मामलों में वृद्धि के फिलहाल पर्याप्त सबूत नहीं हैं।