BLA Train Hijack: पाकिस्तान में हाल ही में हुए ट्रेन हाईजैक के मामले ने सेना की साख पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने जफर एक्सप्रेस पर हमला कर 180 सैनिकों को बंदी बना लिया था। बीएलए द्वारा जारी सूची में एक मेजर रैंक के अधिकारी का नाम भी शामिल है, जिससे पाकिस्तान सेना की काफी आलोचना हो रही है।
बीएलए ने जारी की बंधकों की सूची
बीएलए द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार, जफर एक्सप्रेस में अधिकतर सैनिक इकॉनोमी बर्थ में सफर कर रहे थे। इसी दौरान, ट्रेन की थर्ड एसी बोगी में एक मेजर रैंक के अधिकारी, एम अहसान जाविद, अपनी पत्नी के साथ यात्रा कर रहे थे। उन्हें भी बलूच लड़ाकों ने बंदी बना लिया है।
बीएलए के अनुसार, मेजर रैंक के अधिकारी एसी स्लीपर बर्थ में थे, जबकि छह अन्य अफसर एसी स्टैंडर्ड बोगी में यात्रा कर रहे थे। शेष जवान इकॉनोमी बर्थ में थे। बीएलए ने इन सैनिकों की डिटेल के साथ-साथ उनके फोन नंबर भी जारी कर दिए हैं। साथ ही, उन्होंने पाकिस्तान सेना के समक्ष अपनी मांगें भी रख दी हैं।
मेजर के नाम से पाक सेना बैकफुट पर
ट्रेन हाईजैक की घटना के बाद पहले से ही पाकिस्तान सेना की आलोचना हो रही थी। अब जब मेजर रैंक के अधिकारी का नाम सामने आया है, तो सेना पूरी तरह बैकफुट पर आ गई है। सवाल यह उठ रहा है कि इतने बड़े पैमाने पर सेना की मूवमेंट ट्रेन से कैसे हो रही थी, और यह कि इंटेलिजेंस पूरी तरह असफल क्यों रही?
गौरतलब है कि जफर एक्सप्रेस क्वेटा से पेशावर तक चलने वाली एक यात्री ट्रेन है, जो बलूचिस्तान के अधिकतर हिस्सों को कवर करती है। इस क्षेत्र में लंबे समय से पाकिस्तान सेना और बलूच लड़ाकों के बीच संघर्ष जारी है।
27 बलूच लड़ाके ढेर, 30 पाक सैनिकों की मौत
पाकिस्तान सेना के अनुसार, अब तक 155 यात्रियों को हाईजैक की स्थिति से छुड़ा लिया गया है। सेना का दावा है कि इस दौरान 27 बलूच लड़ाकों को मार गिराया गया है। दूसरी ओर, बीएलए का कहना है कि उन्होंने पहले ही सभी नागरिक यात्रियों को छोड़ दिया था और उनके कब्जे में केवल पाकिस्तानी सैनिक हैं।
बीएलए का दावा है कि अब तक 30 पाकिस्तानी सैनिक मारे जा चुके हैं। पाकिस्तान में सेना के खिलाफ बीएलए ने इस बार बहुत बड़ा मोर्चा खोल दिया है। वहीं, पाकिस्तान सरकार का आरोप है कि यह पूरी घटना अफगानिस्तान के इशारे पर अंजाम दी गई है।
पाकिस्तान के आरोप और बीएलए की रणनीति
पाकिस्तान का कहना है कि अफगानिस्तान की शह पर बीएलए के लड़ाकों ने इस ट्रेन को हाईजैक किया है। पाकिस्तानी अधिकारियों का दावा है कि चीन के विकास कार्यों को बाधित करने के लिए बलूच लड़ाके ऐसा कर रहे हैं।
हालांकि, बीएलए ने पाकिस्तान के इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि उनका संघर्ष बलूचिस्तान की आजादी के लिए है और यह किसी बाहरी ताकत के इशारे पर नहीं हो रहा। बीएलए का यह भी कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे अपनी कार्रवाई जारी रखेंगे।
निष्कर्ष
ट्रेन हाईजैक की इस घटना ने पाकिस्तान सेना और इंटेलिजेंस एजेंसियों की बड़ी नाकामी को उजागर कर दिया है। सेना के इतने बड़े मूवमेंट को बिना किसी सुरक्षा योजना के अंजाम देना एक गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। वहीं, बलूच लिबरेशन आर्मी की इस घटना के बाद पाकिस्तान में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठने लगे हैं।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि पाकिस्तान सरकार और सेना इस स्थिति को कैसे संभालती है और क्या बीएलए की मांगों को लेकर कोई वार्ता होती है या फिर यह संघर्ष और तेज होता है।