Traffic challan / अब कार के शीशे से छेड़खानी पड़ेगी भारी, भरना पड़ेगा हजारों का जुर्माना

अगर आपने हाल ही में नई कार खरीदी है और आप इसके शीशों में कुछ फेरबदल करवाने की सोच रहे हैं तो आज हम आपको भारत में इससे जुड़े कुछ नियम बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपको जरूर पता होना चाहिए। आज हम आपको कार के शीशों से आम तौर पर कार मालिकों की तरफ से की जाने वाली गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं.

Vikrant Shekhawat : Jul 16, 2022, 10:41 PM
Traffic Rules For Car Car Wind shield Film: अगर आपने हाल ही में नई कार खरीदी है और आप इसके शीशों में कुछ फेरबदल करवाने की सोच रहे हैं तो आज हम आपको भारत में इससे जुड़े कुछ नियम बताने जा रहे हैं जिसके बारे में आपको जरूर पता होना चाहिए। आज हम आपको कार के शीशों से आम तौर पर कार मालिकों की तरफ से की जाने वाली गलतियों के बारे में बताने जा रहे हैं.

टिंटेड ग्लास 

कुछ लोग सेफ्टी और प्राइवसी को ध्यान में रखते हुए अपनी कार के शीशों को टिंटेड करवा लेते हैं. कर के शीशों को टिंटेड करवाने का मतलब इसमें किसी तरह की पर्त चढ़वा लेना. ये कई तरह का होता है जिसमें स्प्रे, पेण्ट भी शामिल हो सकता है तो वहीं प्लास्टिक की फिल्म भी इसमें शामिल हो सकती है. लोग अपने बजट के हिसाब से ग्लास को कई तरीकों से टिंटेड करवा लेते हैं. हालांकि ये भारत में पूरी तरह से गैरकानूनी है. अगर चेकिंग के दौरान पाया जाता है कि   आपकी कार के शीशे टिंटेड हैं तो आपको भारी-भरकम चालान भरना पड़ सकता है. दरअसल कई मौकों पर कारों में संगीन अपराधों को अंजाम दिया जा चुका है जिसके चलते ये नियम बनाया गया है. ऐसे में टिंटेड ग्लास भारत में पूरी तरह से बैन है. 

कार के शीशों में जाति सूचक शब्द 

कई लोग रुतबे के चक्कर में कारों के शीशों पर जाति सूचक बातें या शब्द लिखवा लेते हैं लेकिन पिछले साला से ही तकरीबन सैकड़ों मामलों में ऐसा पाए जाने वाले व्यक्तियों के वाहनों पर भारी चालान किया जा चुका है. दरअसल ऐसा करना सौहार्द बिगाड़ सकता है और इसी वजह से कार के शीशों पर जाति सूचक शब्द लिखना बैन है. 

अगर आप भी एक कार मालिक हैं और अपनी कार के शीशे में किसी तरह की छेड़खानी करने के बारे में सोच रहे हैं तो आज ही आपको अपना इरादा बदल लेना चाहिए. अगर आप इनमें से कोई भी गलती करते हैं तो आपको चालान तो भरना पड़ ही सकता है साथ ही साथ आपको जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है क्योंकि प्रशासन काफी सख्त है.