AajTak : Sep 18, 2020, 06:10 AM
Delhi: देश में कृषि सुधार के लिए दो महत्वपूर्ण विधेयक लोकसभा से पारित हो गए हैं। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि इनके माध्यम से अब किसानों को कानूनी बंधनों से आजादी मिलेगी। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बरकरार रखा जाएगा और राज्यों के अधिनियम के अंतर्गत संचालित मंडियां भी राज्य सरकारों के अनुसार चलती रहेंगी।
दरअसल, लोकसभा में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 पारित हो गया है। कृषि मंत्री की मानें तो इन विधेयकों से कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आएगा, खेती-किसानी में निजी निवेश होने से तेज विकास होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।तोमर ने इस कानून के लाभ बताते हुए कहा कि किसानों के पास मंडी में जाकर लाइसेंसी व्यापारियों को ही अपनी उपज बेचने की विवशता क्यों,अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा। करार अधिनियम से कृषक सशक्त होगा और समान स्तर पर एमएनसी, बड़े व्यापारी से करार कर सकेगा। मंत्री ने कहा कि किसान हमेशा जंजीरों में जकड़ा रहा, जिसके कारण खेती कभी उसकी पसंद का प्रोफेशन नहीं बनी, अब खेती करना और लाभदायक होगा। निवेश बढ़ने से जो अनाज पहले खराब हो जाता था,अब नहीं होगा। उपभोक्ताओं को भी खेत/किसान से सीधे उत्पाद खरीदने की आजादी मिलेगी। कोई टैक्स न लगने से किसान को ज्यादा दाम मिलेगा और उपभोक्ता को भी कम कीमत पर वस्तुएं मिलेंगी।इस बिल के मुख्य लाभ:- कृषि क्षेत्र में उपज खरीदने-बेचने के लिए किसानों और व्यापारियों को अवसर की स्वतंत्रता।- मंडियों के अतिरिक्त व्यापार क्षेत्र में फार्मगेट, शीतगृहों, वेयरहाउसों, प्रसंस्करण यूनिटों पर व्यापार के लिए अतिरिक्त चैनलों का सृजन।- किसानों के साथ प्रोसेसर्स, निर्यातकों, संगठित रिटेलरों का एकीकरण, ताकि मध्स्थता में कमी आए।- देश में प्रतिस्पर्धी डिजिटल व्यापार का माध्यम रहेगा, पूरी पारदर्शिता से काम होगा।- किसानों द्वारा लाभकारी मूल्य प्राप्त करना ही उद्देश्य ताकि उनकी आय में सुधार हो सके।वहीं केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि इन कृषि सुधारों से किसानों को अपनी उपज देशभर में किसी को भी सही कीमत पर बेचने का विकल्प खुलेगा, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे हमारी कृषि आधुनिक होगी, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और हमारे अन्नदाता आत्मनिर्भर और सशक्त होंगे।
दरअसल, लोकसभा में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, 2020 और कृषक (सशक्तिकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 पारित हो गया है। कृषि मंत्री की मानें तो इन विधेयकों से कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आएगा, खेती-किसानी में निजी निवेश होने से तेज विकास होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।तोमर ने इस कानून के लाभ बताते हुए कहा कि किसानों के पास मंडी में जाकर लाइसेंसी व्यापारियों को ही अपनी उपज बेचने की विवशता क्यों,अब किसान अपनी मर्जी का मालिक होगा। करार अधिनियम से कृषक सशक्त होगा और समान स्तर पर एमएनसी, बड़े व्यापारी से करार कर सकेगा। मंत्री ने कहा कि किसान हमेशा जंजीरों में जकड़ा रहा, जिसके कारण खेती कभी उसकी पसंद का प्रोफेशन नहीं बनी, अब खेती करना और लाभदायक होगा। निवेश बढ़ने से जो अनाज पहले खराब हो जाता था,अब नहीं होगा। उपभोक्ताओं को भी खेत/किसान से सीधे उत्पाद खरीदने की आजादी मिलेगी। कोई टैक्स न लगने से किसान को ज्यादा दाम मिलेगा और उपभोक्ता को भी कम कीमत पर वस्तुएं मिलेंगी।इस बिल के मुख्य लाभ:- कृषि क्षेत्र में उपज खरीदने-बेचने के लिए किसानों और व्यापारियों को अवसर की स्वतंत्रता।- मंडियों के अतिरिक्त व्यापार क्षेत्र में फार्मगेट, शीतगृहों, वेयरहाउसों, प्रसंस्करण यूनिटों पर व्यापार के लिए अतिरिक्त चैनलों का सृजन।- किसानों के साथ प्रोसेसर्स, निर्यातकों, संगठित रिटेलरों का एकीकरण, ताकि मध्स्थता में कमी आए।- देश में प्रतिस्पर्धी डिजिटल व्यापार का माध्यम रहेगा, पूरी पारदर्शिता से काम होगा।- किसानों द्वारा लाभकारी मूल्य प्राप्त करना ही उद्देश्य ताकि उनकी आय में सुधार हो सके।वहीं केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि इन कृषि सुधारों से किसानों को अपनी उपज देशभर में किसी को भी सही कीमत पर बेचने का विकल्प खुलेगा, जिससे उनका मुनाफा बढ़ेगा। इससे हमारी कृषि आधुनिक होगी, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और हमारे अन्नदाता आत्मनिर्भर और सशक्त होंगे।