नई स्‍कीम / प्रवासी मजदूर को लिए तेल कंपनियां बनाएंगी बहुत कम किराया वाले 50,000 घर, मिलेगा..

हाल ही में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में, उन्होंने कंपनियों को जल्द से जल्द आवास इकाइयों की योजना एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवासी श्रमिक काम की तलाश में अपने शहरों में लौट आए। इसके बाद प्रवासी मजदूरों की सुविधाओं को लेकर मंथन हुआ। इस श्रृंखला में, केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को प्रवासी मजदूरों के लिए 50,000 घर बनाने का निर्देश दिया है।

Vikrant Shekhawat : Oct 12, 2020, 07:37 AM
नई दिल्‍ली. कोरोना संकट के बीच, एक राज्य से दूसरे राज्य में प्रवासी श्रमिक काम की तलाश में अपने शहरों में लौट आए। इसके बाद प्रवासी मजदूरों की सुविधाओं को लेकर मंथन हुआ। इस श्रृंखला में, केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को प्रवासी मजदूरों के लिए 50,000 घर बनाने का निर्देश दिया है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL), भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड (BPCL), गेल इंडिया लिमिटेड और ONGC को अपनी जमीन पर प्रवासी श्रमिकों के लिए घर बनाने के लिए कहा है।

निर्देश के बाद कंपनियों ने तेज की जमीन तलाशने की कवायद

हाल ही में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में, उन्होंने कंपनियों को जल्द से जल्द आवास इकाइयों की योजना बनाने के लिए कहा। मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद, कंपनियों ने अपने प्रतिष्ठानों के आस-पास के प्रवासी मजदूरों के लिए घर बनाने के लिए जमीन की तलाश शुरू कर दी है। बता दें कि प्रवासी मजदूर बहुत कम किराया देकर इन मकानों में रह सकेंगे। हालांकि, कुछ कंपनियों के अधिकारी सरकार की इस योजना से सहमत नहीं हैं।

रिफाइनरियों के आसपास नहीं होती खाली जमीन, होगी दिक्‍कत

सरकारी तेल कंपनियों के कुछ अधिकारियों का कहना है कि रिफाइनरियों के पास कोई खाली जमीन नहीं है। उन्हें नए घर बनाने में कठिनाई होगी। साथ ही, पाइपलाइन जैसी परियोजनाएं दूरस्थ हैं, जहां प्रवासी मजदूर किराए पर नहीं रहना चाहेंगे। बता दें कि जुलाई में, सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए सस्ते किराये के घर बनाने की योजना को मंजूरी दी थी। यह योजना 2022 तक सभी को अपना घर प्रदान करने की सरकार की योजना का हिस्सा है।