देश / 'मोदीजी भी खत्म नहीं कर सकते मेरा करियर', ऐसा क्यों बोलीं पंकजा मुंडे?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा, 'अगर मैं लोगों के दिल और दिमाग में रहती हूं, तो मोदीजी भी मेरा राजनीतिक करियर खत्म नहीं कर सकते... कांग्रेस में वंशवाद की राजनीति जारी है। हालांकि, मोदीजी वंशवाद के शासन को खत्म करना चाहते हैं... मैं एक राजनीतिक परिवार से आती हूं, लेकिन अगर मैं आपके दिल और दिमाग में रहती हूं, तो मोदीजी भी मेरी सियासी करियर खत्म नहीं कर सकते।'

Vikrant Shekhawat : Sep 28, 2022, 04:19 PM
New Delhi : भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे ने अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जिक्र कर दिया और अब इसपर चर्चाएं जारी हैं। खबर है कि उन्होंने मंच से यह दिया कि 'मोदी जी भी करियर खत्म नहीं कर सकते'। उन्होंने पीएम मोदी के ही जन्मदिन को लेकर जारी कार्यक्रमों के दौरान महाराष्ट्र में यह बात कही।

मुंडे ने क्या कहा

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने कहा, 'अगर मैं लोगों के दिल और दिमाग में रहती हूं, तो मोदीजी भी मेरा राजनीतिक करियर खत्म नहीं कर सकते... कांग्रेस में वंशवाद की राजनीति जारी है। हालांकि, मोदीजी वंशवाद के शासन को खत्म करना चाहते हैं... मैं एक राजनीतिक परिवार से आती हूं, लेकिन अगर मैं आपके दिल और दिमाग में रहती हूं, तो मोदीजी भी मेरी सियासी करियर खत्म नहीं कर सकते।'

मामला महाराष्ट्र के बीड जिले के अंबाजोगई का है। पीएम मोदी के जन्मदिन से जुड़े कार्यक्रम के दौरान वह मंगलवार को एक जनसभा को संबोधित कर रही थीं। भाजपा ने एक पखवाड़े तक पीएम मोदी का जन्मदिन मनाने का फैसला किया है। इसे लेकर देश के कई राज्यों में भाजपा ने कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है।

नाम लेने से बचने की सलाह

भाजपा नेता भाषण में पीएम के जिक्र पर आपत्ति जता रहे हैं। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार, हमें उनकी टिप्पणी के संदर्भ पर ध्यना देना चाहिए। उन्होंने कहा, 'हालांकि, भाजपा की राष्ट्रीय स्तर की नेता को अपने भाषण में पीएम मोदी का जिक्र करने से बचना चाहिए था।'

पंकजा और भाजपा में सब ठीक नहीं?

एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि साल 2019 चुनाव में हार के बाद मुंडे की गतिविधियों के चलते पार्टी ने उन्हें दरकिनार कर दिया है। परिवार के गढ़ माने जाने वाले पार्ली से हार के बाद उन्होंने आरोप लगाए थे कि इसमें भाजपा के अंदरूनी लोगों का हाथ था। खबर है कि उस दौरान राजनितिक हलकों में चर्चा थी कि भाजपा के अंदर जारी सत्ता की जंग के चलते पंकजा की हार हुई थी, क्योंकि वह खुद को मुख्यमंत्री पद की दावेदार के तौर पर पेश कर रही थीं।