देश / ड्यूटी के दौरान पायलट ने ली थी ड्रग्स, DGCA का ऐक्शन, साल का चौथा केस

दिल्ली एयरपोर्ट पर ड्रग टेस्ट में फेल होने पर एक पायलट को फ्लाइट ड्यूटी से हटा दिया गया है। डीजीसीए ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इसमें बताया गया कि यह पायलट एक नामी एयरलाइन में काम करता था। ड्यूटी के दौरान उस पायलट का रैंडम सैंपल लिया गया था। हालांकि डीजीसीए की रिपोर्ट में एयरलाइन का नाम नहीं बताया गया है। इस साल जनवरी में पायलटों के रैंडम ड्रग टेस्ट का नियम बना था। इसके बाद से यह चौथा मामला है।

Vikrant Shekhawat : Aug 26, 2022, 11:11 PM
New Delhi : दिल्ली एयरपोर्ट पर ड्रग टेस्ट में फेल होने पर एक पायलट को फ्लाइट ड्यूटी से हटा दिया गया है। डीजीसीए ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इसमें बताया गया कि यह पायलट एक नामी एयरलाइन में काम करता था। ड्यूटी के दौरान उस पायलट का रैंडम सैंपल लिया गया था। हालांकि डीजीसीए की रिपोर्ट में एयरलाइन का नाम नहीं बताया गया है। इस साल जनवरी में पायलटों के रैंडम ड्रग टेस्ट का नियम बना था। इसके बाद से यह चौथा मामला है। 

23 अगस्त को आई थी रिपोर्ट

डीजीसीए की रिपोर्ट में बताया गया है कि एक प्रॉमिनेंट एयरलाइंस के पायलट का रैंडम ड्रग टेस्ट किया गया। इसकी रिपोर्ट 23 अगस्त को आई, जिसमें पायलट को पॉजिटिव पाया गया। यह कंफर्म होते ही पायलट को फ्लाइट ड्यूटी से हटा दिया गया। जांच में सामने आया है कि पायलट ने ड्रग्स ली थी, वह मारिजुआना थी। 31 जनवरी, 2022 में पायलटों और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर्स का ड्रग टेस्ट का नियम लागू होने के बाद से अब तक चार लोग पॉजिटिव मिल चुके हैं। इनमें से तीन पायलट और एक एटीसी कंट्रोलर था।

कभी भी लिया जा सकता है सैंपल

नियमों के मुताबिक पायलट का सैंपल ड्यूटी के दौरान कभी भी लिया जा सकता है। इसे उड़ान से पहलेया उड़ान के बाद ड्यूटी के वक्त कभी भी एयरपोर्ट पर बने सेंटर पर लिया जा सकता है। दोषी पाए गए पायलट का सैंपल दिल्ली एयरपोर्ट पर बने सेंटर पर लिया गया था। इस जांच में पहली बार दोषी पाए गए पायलटों को स्पेशलिस्ट डॉक्टर, काउंसलर या डिएडिक्शन सेंटर पर भेजा जाता है। कुछ वक्त के बाद उसका दोबारा टेस्ट किया जाता है। अगली बार टेस्ट में निगेटिव आने के बाद उसे फिर से ड्यूटी पर आने की इजाजत मिल सकती है। दूसरी बार भी ड्रग टेस्ट में फेल होने वाले पायलटों का तीन साल के लिए लाइसेंस कैंसिल कर दिया जाता है। वहीं तीसरी बार भी इस टेस्ट में फेल होने वाले पायलट हमेशा के लिए अपना लाइसेंस को देते हैं।