Vikrant Shekhawat : Sep 23, 2024, 08:25 AM
PM Modi US Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी तीन दिवसीय अमेरिका यात्रा पर हैं, जहां उन्होंने कई अहम वैश्विक नेताओं से मुलाकात की है और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की है। उनकी इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य वैश्विक मंचों पर भारत की स्थिति को मजबूती से पेश करना और शांति, विकास और सहयोग की दिशा में आगे बढ़ना है। इस दौरान उन्होंने क्वाड शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया और फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास और नेपाल के प्रधानमंत्री से महत्वपूर्ण वार्ताएं कीं।फिलिस्तीन के राष्ट्रपति से मुलाकातप्रधानमंत्री मोदी की फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात इस यात्रा का एक अहम पड़ाव रही। गाजा में हो रहे संघर्ष और उसकी मानवीय स्थिति को देखते हुए यह मुलाकात बेहद महत्वपूर्ण थी। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर फिलिस्तीन के लोगों के प्रति भारत के निरंतर समर्थन की पुष्टि की और कहा कि भारत शांति प्रक्रिया में एक सक्रिय भूमिका निभाना चाहता है। उन्होंने दो-राष्ट्र समाधान (टू-स्टेट सॉल्यूशन) की वकालत करते हुए कहा कि क्षेत्र में स्थायी शांति और स्थिरता केवल इसी समाधान से संभव हो सकती है।प्रधानमंत्री ने इस्राइल-फिलिस्तीन संघर्ष पर भारत की पुरानी नीति को दोहराया, जिसमें भारत ने संघर्षविराम, बंधकों की रिहाई और कूटनीतिक संवाद की अपील की है। भारत ने हमेशा शांति का समर्थन किया है और इस्राइल और फिलिस्तीन दोनों के साथ अपने संबंधों को बनाए रखा है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि भारत उन पहले देशों में से एक था जिसने फिलिस्तीन को मान्यता दी थी, और संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन की सदस्यता का भारत समर्थन करता है।गाजा में मानवीय संकट पर चिंतागाजा में मानवीय स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत फिलिस्तीन के लोगों के साथ खड़ा है और उनकी सुरक्षा और सम्मान के प्रति अपनी प्रतिबद्धता बनाए रखेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने इस मुलाकात की जानकारी देते हुए लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा में हो रहे मानवीय संकट पर गहरी चिंता जताई और फिलिस्तीन के लोगों के प्रति भारत के समर्थन की पुष्टि की।"भारत की शांति नीतिप्रधानमंत्री मोदी ने फिर से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शांति और सहयोग का संदेश दिया। उन्होंने कहा, "यह युग युद्ध का नहीं है," और भारत की नीति है कि वह सभी देशों के साथ मित्रता के भाव से आगे बढ़े। जहां दुनिया के कई बड़े देशों ने विभिन्न संघर्षों में पक्ष लिया है, वहीं भारत एक तटस्थ दृष्टिकोण से शांति और कूटनीति के माध्यम से समाधान की दिशा में काम कर रहा है।भारत ने गाजा और इस्राइल के संघर्ष पर स्पष्ट नीति अपनाई है। जब 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इस्राइल पर हमला किया, तो भारत ने हमास की कड़ी निंदा की थी। वहीं, गाजा में मानवीय संकट पर भी भारत ने अपनी चिंता व्यक्त की। लेकिन जब संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस्राइल के खिलाफ प्रस्ताव पेश किया गया, तो भारत ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया, जिससे यह संकेत मिलता है कि भारत किसी भी पक्ष के साथ सीधे तौर पर न जुड़ते हुए शांति और कूटनीति की राह पर आगे बढ़ रहा है।अन्य वैश्विक नेताओं से मुलाकातअमेरिकी दौरे के दौरान पीएम मोदी ने कुवैत के क्राउन प्रिंस शेख सबाह खालिद अल-हमद अल-मुबारक अल-सबाह से भी मुलाकात की। यह पहली बार था जब प्रधानमंत्री मोदी और कुवैत के क्राउन प्रिंस की आमने-सामने मुलाकात हुई। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। इसके अलावा, पीएम मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री से भी वार्ता की, जहां उन्होंने दोनों देशों के बीच आपसी संबंधों को और बेहतर बनाने पर जोर दिया।भारत की बढ़ती भूमिकाप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस यात्रा से यह स्पष्ट होता है कि भारत वैश्विक मंच पर अपनी शांति और विकास की नीति के साथ उभरता हुआ देश है। विश्व के बड़े मुद्दों पर तटस्थ और संतुलित दृष्टिकोण रखते हुए, भारत ने यह संदेश दिया है कि वह न केवल अपने लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक जिम्मेदार शक्ति बनकर उभर रहा है।