Vikrant Shekhawat : Aug 28, 2024, 06:00 AM
India-Singapore Relation: सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन ने हाल ही में घोषणा की कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जल्द ही सिंगापुर की आधिकारिक यात्रा पर आएंगे। उन्होंने बताया कि इस यात्रा की तारीख अभी तय नहीं है, लेकिन यह शीघ्र ही होने की संभावना है। बैठक में भारत और सिंगापुर के वरिष्ठ मंत्रियों ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए उन्नत विनिर्माण, सेमीकंडक्टर, विमानन और समुद्री संपर्क जैसे क्षेत्रों पर चर्चा की। दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी की ओर संकेत करते हुए बालाकृष्णन ने कहा कि भारत के विमानन क्षेत्र में विस्तार के साथ-साथ सिंगापुर और भारतीय कंपनियों के बीच सहयोग के नए अवसर खुलेंगे।पीएम मोदी के दौरे की तारीख तय नहींमंत्रियों की इस बैठक को “सकारात्मक” बताते हुए बालकृष्णन ने कहा कि इससे प्रधानमंत्री मोदी की सिंगापुर की आधिकारिक यात्रा के लिए भी मंच तैयार हो गया है। उन्होंने यहां कहा, “हम इस पर भी काम कर रहे हैं क्योंकि बहुत जल्द ही हम प्रधानमंत्री मोदी की सिंगापुर की आधिकारिक यात्रा की भी घोषणा करेंगे। मैं आपको सटीक तारीख नहीं बता सकता, लेकिन यह जल्द ही होने वाली है।” बालकृष्णन ने कहा कि उन्नत विनिर्माण और सेमीकंडक्टर के साथ ही विमानन और समुद्री संपर्क, ऐसे नए क्षेत्र हैं जिन्हें सिंगापुर और भारत ने द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा के लिए इस उच्च स्तरीय मंच पर शामिल किया है। कई क्षेत्रों में भारत के साथ बढ़ रही साझेदारीसोमवार को भारतीय मूल के मंत्री ने कहा कि दोनों देश उन्नत विनिर्माण और सेमीकंडक्टर पर सहयोग करना चाहते हैं। यह एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें भारत महत्वपूर्ण रूप से विस्तार करना चाहता है, और जिसमें सिंगापुर अपनी क्षमता से कहीं अधिक योगदान दे रहा है। सिंगापुर के विदेश मंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में भारत में विमानन क्षेत्र में जबरदस्त वृद्धि होने की संभावना है, पिछले वर्ष ही भारत ने 1,000 से अधिक विमानों के लिए ऑर्डर दिया है। उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में रखरखाव और हवाई परिचालन जैसी सेवाओं के लिए यह बहुत अच्छे अवसर प्रस्तुत करता है। यह एक अन्य विशिष्ट क्षेत्र है, जहां सिंगापुर और उसकी कंपनियां वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी हैं। उन्होंने कहा, “1.4 अरब से ज्यादा लोगों वाला देश अब अपने विमानन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर सुधार की ओर बढ़ रहा है। यह दो, तीन दशक में एक बार मिलने वाला अवसर है, और यह अच्छी बात है कि हम एक तरह से अग्रिम पंक्ति में हैं और हमारे पास (सहयोग करने का) मौका है।