Independence Day 2022 / पीएम मोदी का लाल किले पर 83 मिनट भाषण - नारी के अपमान पर भावुक हो गए

देश सोमवार को आजादी का जश्न मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से नौवीं बार राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। इस दौरान उन्हें 21 तोपों की सलामी भी दी गई। 83 मिनट के अपने भाषण में उन्होंने देश के सामने 5 संकल्प रखे। भ्रष्टाचार, परिवारवाद, भाषा और लोकतंत्र का जिक्र किया। गांधी, नेहरू, सावरकर को यादकर नमन किया।

Vikrant Shekhawat : Aug 15, 2022, 10:16 AM
Independence Day 2022: देश सोमवार को आजादी का जश्न मना रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से नौवीं बार राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया। इस दौरान उन्हें 21 तोपों की सलामी भी दी गई। 83 मिनट के अपने भाषण में उन्होंने देश के सामने 5 संकल्प रखे। भ्रष्टाचार, परिवारवाद, भाषा और लोकतंत्र का जिक्र किया। गांधी, नेहरू, सावरकर को यादकर नमन किया।

नारी शक्ति के सम्मान और उनके गौरव की बात करते हुए भावुक भी हो गए। उन्होंने कहा, मैं एक पीड़ा जाहिर करना चाहता हूं। मैं जानता हूं कि शायद ये लाल किले का विषय नहीं हो सकता। मेरे भीतर का दर्द कहां कहूं। वो है किसी न किसी कारण से हमारे अंदर एक ऐसी विकृति आई है, हमारी बोल चाल, हमारे शब्दों में.. हम नारी का अपमान करते हैं। क्या हम नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं।

मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें: जिन्होंने देश को लूटा, उन्हें लौटाना होगा

भ्रष्टाचार और परिवारवाद को खत्म करना होगा: मोदी ने कहा, 'आज हम दो बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। भ्रष्टाचार और 'परिवारवाद' या भाई-भतीजावाद। हमें अपनी संस्थाओं की ताकत का एहसास करने के लिए, योग्यता के आधार पर देश को आगे ले जाने के लिए 'परिवारवाद' के खिलाफ जागरूकता बढ़ानी होगी। भ्रष्टाचार देश को दीमक की तरह खोखला कर रहा है, हमें इससे लड़ना है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने देश को लूटा, उन्हें लौटाना होगा। बैंक लूटनेवालों की संपत्ति जब्त हो रही है।

हमारी प्रतिभा भाषा के बंधनों में बंध जाती है: मोदी ने कहा कि हमने देखा है कि कभी कभी हमारी प्रतिभा भाषा के बंधनों में बंध जाती है। ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है। हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए।

जय अनुसंधान का नारा दिया: पीएम ने आज लाल किले की प्राचीर से नया नारा दिया। उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी ने इसमें जय विज्ञान जोड़ा और अब इसमें जय अनुसंधान जोड़ने का समय आ गया है। अब जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान हो।

संयुक्त परिवार देश की बड़ी विरासत: मोदी ने कहा कि जब तनाव की बात होती है तो लोगों को योग दिखता है। सामूहिक तनाव की बात होती है तो भारत की पारिवारिक व्यवस्था दिखती है। संयुक्त परिवार की एक पूंजी सदियों से हमारी माताओं के त्याग बलिदान के कारण परिवार नाम की जो व्यवस्था विकसित हुई, ये हमारी विरासत है जिसपर हम गर्व करते हैं।

भारत लोकतंत्र की जननी: मोदी ने कहा कि भारत लोकतंत्र की जननी है। मदर ऑफ डेमोक्रेसी है। जिनके जेहन में लोकतंत्र होता है वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं। सामर्थ्य दुनिया की बड़ी बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आती है ये मदर ऑफ डेमोक्रेसी। हमारे भारत ने सिद्ध कर दिया कि हमारे पास ये अनमोल सामर्थ्य है। 75 साल की यात्रा में आशाएं, अपेक्षाएं, उतार-चढ़ाव सब के बीच हर एक के प्रयास से हम यहां तक पहुंच पाए। आजादी के बाद जन्मा मैं पहला व्यक्ति था जिसे लाल किले से देशवासियों का गौरव गान करने का अवसर मिला।

हमने उन्हें याद किया, जिन्हें भुला दिया गया: जब हम आजादी की चर्चा करते हैं, तो जंगलों में रहने वाले आदिवासी समाज का गौरव नहीं भूलते। बिसरा मुंडा समेत अनगिनत नाम है। जिन्होंने आजादी के आंदोलन की आवाज बनकर सुदूर जंगलों में आजादी के लिए मर मिटने की प्रेरणा जताई। एक दौर वो भी था, जब स्वामी विवेकानंद, स्वामी अरविंदो, रविंद्र नाथ टैगोर भारत की चेतना जगाते रहे। 2021 से शुरू हुए आजादी के अमृत महोत्सव में देशवासियों ने व्यापक कार्यक्रम किए। इतिहास में इतना बड़ा महोत्सव पहली बार हुआ। हमने उन महापुरुषों को भी याद किया, जिन्हें इतिहास में जगह नहीं मिली या उन्हें भुला दिया गया।

सबने दर्द खुशी खुशी सहा: मोदी ने कहा, '14 अगस्त को भारत ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस को भी हृदय के घावों को याद करके मनाया। देश वासियों ने भारत के प्रति प्रेम के कारण सबने दर्द खुशी खुशी सहा। आजादी के अमृत महोत्सव में हम सेना के जवानों, पुलिसकर्मी, ब्यूरोक्रेट, लोकसेवक, जनप्रतिनिधि, शासक-प्रशासकों को याद करने का अवसर है।'

डराया गया... फिर भी भारत आगे बढ़ता रहा: 75 साल की हमारी ये यात्रा अनेक उतार चढ़ाव से भरी हुई है। सुख दुख की छाया मंडराती रही है। इसके बीच भी हमारे देशवासियों ने पुरुषार्थ किया। उपलब्धियां हासिल कीं। ये भी सच्चाई है, सैकड़ों सालों की गुलामी ने गहरी चोटें पहुंचाई हैं। इसके भीतर एक जिद थी, जुनून था। आजादी मिल रही थी तो देशवासियों को डराया गया। देश के टूटने का डर दिखाया गया। लेकिन, ये हिंदुस्तान है। ये सदियों तक जीता रहा है। हमने अन्न का संकट झेला, युद्ध के शिकार हुए। आतंकवाद का प्रॉक्सीवार, प्राकृतिक आपदाएं झेलीं, लेकिन इसके बावजूद भारत आगे बढ़ता रहा।

बच्चे कह रहे हैं कि अब विदेशी खिलौने से नहीं खेलेंगे: पीएम ने कहा, 5 साल का बच्चा घर में विदेशी खिलौने से नहीं खेलने का संकल्प करता है, तब आत्मनिर्भर भारत उसकी रगों में दौड़ता है। आप देखिए, पीएलआई स्कीम। एक लाख करोड़ रुपए, दुनिया के लोग भारत में नसीब आजमाने आ रहे हैं। भारत मैन्युफैक्चरिंग हब बनता जा रहा है। आज देश बहुत तेजी से प्रगति कर रहा है। जब हमारा ब्रह्मोस दुनिया में जाता है तो कौन हिंदुस्तानी होगा, जिसका मन आसमां को नहीं छूता होगा। हमें आत्मनिर्भर बनना है। हमें ऊर्जा क्षेत्र को आत्मनिर्भर बनना है। हमें सोलर, विंड एनर्जी का क्षेत्र हो, मिशन हाइड्रोजन, बायो फ्यूल, इलेक्ट्रिक वीइकल पर जाने की बात हो हमें आत्मनिर्भर बनना होगा।

सेना के जवानों, सेनानायकों को सलाम: आजादी के 75 साल बाद जिस आवाज को सुनने को लिए हमारे कान तरस रहे थे। 75 साल के बाद लाल किले से तिरंगे को सलामी देने का काम मेड इन इंडिया तोप ने किया है। कौन हिंदुस्तानी होगा जिसको ये आवाज नई प्रेरणा और ताकत नहीं देगी। मेरे देश की सेना के जवानों का अभिनंदन करना चाहूंगा। मेरी सेना के जवानों ने, सेनानायकों ने जिस जिम्मेवारी के साथ कंधे पर उठाया है, उनको आज मैं सलाम करता हूं। सेना का जवान मौत को मुट्ठी में लेकर चलता है।