देश / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी- देशहित के लिए लोगों की नाराज़गी और गुस्सा झेलना पड़ता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग मंडल एसोचैम (असोसिएशन ऑफ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया) की सालाना आम सभा को संबोधित करते हुए देश की अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ करोड़ डॉलर तक पहुंचने के लक्ष्य को फिर से दोहराया है। साथ ही, उन्होंने कहा देश के लिए काम करने में काफी गुस्सा झेलना पड़ता है, कई लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ती है इसके अलावा कई आरोपों से गुजरना पड़ता है।

Vikrant Shekhawat : Dec 20, 2019, 12:43 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्योग मंडल एसोचैम (असोसिएशन ऑफ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया)  की सालाना आम सभा को संबोधित करते हुए देश की अर्थव्यवस्था को 5 लाख करोड़ करोड़ डॉलर तक पहुंचने के लक्ष्य को फिर से दोहराया है। साथ ही, उन्होंने कहा देश के लिए काम करने में काफी गुस्सा झेलना पड़ता है, कई लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ती है इसके अलावा कई आरोपों से गुजरना पड़ता है। आपको बता दें कि एसोचैम (असोसिएशन ऑफ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया) की स्थापना के 100 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आज '100 ईयर्स ऑफ एसोचैम’ नाम से कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत मंत्रिमंडल के कई बड़े नेता शामिल हुए हैं। इनमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, ट्रांसपोर्ट मंत्री नितिन गडकरी, टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद और कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी शामिल हैं।

आज की सरकार सबकी सुनती है- प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार हर वर्ग का सुनती है। उन्होंने कहा, 'आज देश में वह सरकार है जो किसान की भी सुनती है, मजदूर की भी सुनती है, व्यापारी की भी सुनती है, उद्योग जगत की भी सुनती है। उनकी आवश्यकताओं को समझने का प्रयास करती है और उनके सुझावों पर काम करती है।' 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की बात अचानक नहीं आई है। बीते 5 साल में देश ने खुद को इतना मजबूत किया है कि ऐसे लक्ष्य रखे भी जा सकते हैं और उन्हें प्राप्त भी किया जा सकता है।

पीएम ने कहा हमने अर्थव्यवस्था के ज्यादातर आयामों को आसान करने के लिए व्यवस्था में लाने का प्रयास किया है।इसके साथ ही हम अर्थव्यवस्था को आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करते हुए मोर्डनाइज और स्पीडअप करने की दिशा में भी आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा- 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य जब मैंने सार्वजनिक रूप से कहा तो मुझे पता था कि सुगबुगाहट शुरु हो जाएगी, ऐसा भी कहा जाएगा कि भारत ऐसा नहीं कर सकता है। लेकिन आजकल अर्थव्यवस्था को गति देने वाले सभी समूह 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था को लेकर चर्चा तो करते हैं।


अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए लगतार कदम उठाएं- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 5-6 साल पहले अर्थव्यवस्था विनाश की तरफ जा रही थी। हमारी सरकार ने न सिर्फ अर्थव्यवस्था को स्थिरता दी है, बल्कि इसे अनुशासित करने की दिशा में भी कई प्रयास किए हैं। हमने इंडस्ट्री की दशकों पुरानी मांग को पूरा करने पर ध्यान दिया है।