Vikrant Shekhawat : Nov 28, 2019, 04:01 PM
जयपुर | जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. बी.डी.कल्ला ने कहा कि भारत का संविधान अनेकता में एकता को स्थापित करता है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्मात्री सभा के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अम्बेडकर के नेतृत्व में अन्य देशों के संविधान का अध्ययन करने के पश्चात दुनिया का सबसे बड़े लिखित एवं स्पष्ट संविधान का निर्माण किया गया। संविधान के प्रति हमारे कर्तव्यों के प्रति हम सभी को सचेत रहकर संविधान को अक्षुण्ण रखना होगा । उन्होंने सभी देश वासियों का आह्वाहन करते हुए कहा ’’उठों संविधान की रक्षा करों’’ डॉ. कल्ला गुरूवार को विधानसभा में भारतीय संविधान को अंगीकृत करने के 70 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में भारत के संविधान तथा मूल कर्तव्यों पर हुई चर्चा के दौरान बोलते हुए कहा कि हमारा संविधान सभी को अपने-अपने धर्म का पालन करने की अनुमति देता है। उन्होंने कहा कि संविधान से बड़ा कुछ भी नहीं, संविधान हम सब के लिए पूजनीय एवं अनुकरणीय है। लेकिन संविधान का सही मायनों में अनुसरण तब ही हो सकता है जब हम अन्य धर्मों का आदर करें और उनकी रक्षा करें। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माण में समूचे देश के लोगों का योगदान रहा है। उन्होंने संविधान में राजस्थान के कृपाल सिंह शेखावत एवं नन्दनलाल बोस के योगदान को भी उल्लेखित किया। उन्होंने कहा कि हमारा संविधान जनता द्वारा जनता के लिए बनाया गया है। उन्होंने कहा कि संविधान के विपरीत चलने वालों का विरोध होना चाहिए, उनके खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना को भी पढ़कर सुनाया और कहा कि हम सब लोगों को संविधान की प्रस्तावना में कही गयी बातों का पालन करने का प्रयत्न करना चाहिए। उन्होंने कहा कि न्याय में देरी होना भी न्याय विरूद्ध है।
जलदाय मंत्री नेे कहा कि संविधान में सभी को समानता के साथ विकास करने का अवसर प्रदान किया गया है। हमारे संविधान में अस्पृश्यता का अंत किया गया, ब्रिटिश उपाधियों का अंत किया गया, धर्म का अधिकार दिया, संस्कृति का अधिकार दिया। उन्होंने कहा कि हमें संविधान द्वारा प्रदत्त मूल अधिकारों के उपभोग के साथ ही मूल कर्तव्यों का पालन भी करना चाहिए। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ.केनेडी के उस कथन को भी उल्लेखित किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘‘ये मत पूछो कि देश ने हमें क्या दिया है? ये पूछो कि हमने देश को क्या दिया है?’ उन्होंने कहा कि हमें संविधान की पालना एवं रक्षा सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने उर्दू शायर मोहम्मद इकबाल की पंक्तियों को उल्लेखित किया कि ‘‘मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना, हिन्दी हैं हम वतन हैं, हिन्दोस्तां हमारा, सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा।"
जलदाय मंत्री नेे कहा कि संविधान में सभी को समानता के साथ विकास करने का अवसर प्रदान किया गया है। हमारे संविधान में अस्पृश्यता का अंत किया गया, ब्रिटिश उपाधियों का अंत किया गया, धर्म का अधिकार दिया, संस्कृति का अधिकार दिया। उन्होंने कहा कि हमें संविधान द्वारा प्रदत्त मूल अधिकारों के उपभोग के साथ ही मूल कर्तव्यों का पालन भी करना चाहिए। उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉन एफ.केनेडी के उस कथन को भी उल्लेखित किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि ‘‘ये मत पूछो कि देश ने हमें क्या दिया है? ये पूछो कि हमने देश को क्या दिया है?’ उन्होंने कहा कि हमें संविधान की पालना एवं रक्षा सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने उर्दू शायर मोहम्मद इकबाल की पंक्तियों को उल्लेखित किया कि ‘‘मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना, हिन्दी हैं हम वतन हैं, हिन्दोस्तां हमारा, सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्तां हमारा।"