देश / SCO मीट में चीनी रक्षा मंत्री से मुलाकात नहीं करेंगे राजनाथ सिंह: सूत्र

शंघाई सहयोग संगठन की एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने के लिए रूस स्थित मास्को रवाना हो रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीनी समकक्ष से मुलाकात नहीं करेंगे। यह जानकारी सूत्रों ने दी है। समाचार एजेंसी ANI के अनुसार रक्षा मंत्री के शेड्यूल में चीनी समकक्ष से मुलाकात का जिक्र नहीं है।बता दें SCO की मीटिंग ऐसे में समय में हो रही है जब वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बीते 3 महीने से ज्यादा समय से गतिरोध जारी है।

News18 : Sep 02, 2020, 09:44 AM
नई दिल्ली। शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने के लिए रूस स्थित मास्को रवाना हो रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीनी समकक्ष से मुलाकात नहीं करेंगे। यह जानकारी सूत्रों ने दी है। समाचार एजेंसी ANI के अनुसार रक्षा मंत्री के शेड्यूल में चीनी समकक्ष से मुलाकात का जिक्र नहीं है।बता दें SCO की मीटिंग ऐसे में समय में हो रही है जब वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बीते 3 महीने से ज्यादा समय से गतिरोध जारी है। हाल ही में 29 और 30 अगस्त को भी चीनी सैनिकों ने सीमा में घुसपैठ करने की कोशिश की हालांकि भारतीय सैनिकों ने उनका मुकाबला किया और उन्हें सीमा पार ही रोक दिया।

अधिकारियों ने बताया कि चार सितम्बर को होने वाली एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के अलावा सिंह अपने रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू और कई अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ बातचीत करेंगे जिसका उद्देश्य कई रक्षा खरीद कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में तेजी लाना है। उन्होंने बताया कि सिंह पांच सितम्बर की शाम में मास्को से रवाना होंगे। रक्षा मंत्री की यह यात्रा रूस में बहुपक्षीय युद्ध अभ्यास में हिस्सा लेने से भारत के पीछे हटने के कुछ दिन बाद हो रही है जिसमें चीनी और पाकिस्तानी सैनिकों के भी हिस्सा लेने की उम्मीद है।

भारत और चीन के बीच ताजा तनावइससे पहले एससीओ बैठक के इतर सिंह और वेई के बीच द्विपक्षीय बैठक की संभावना के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा था कि ऐसी कोई योजना नहीं है। एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक ऐसे समय हो रही है, जब चीन की सेना द्वारा पूर्वी लद्दाख में ‘एकतरफा’ तरीके से पैंगोंग सो के दक्षिणी तट पर यथास्थिति बदलने के असफल प्रयास के मद्देनजर भारत और चीन के बीच ताजा तनाव उत्पन्न हो गया है।दोनों पक्षों ने पांच मई को शुरू हुए सीमा गतिरोध को समाप्त करने के लिए कई दौर की कूटनीतिक एवं सैन्य वार्ता की है। हालांकि चीन द्वारा पैंगोंग झील क्षेत्र में यथास्थिति में बदलाव करने के ताजा प्रयासों से तनाव और बढ़ गया है।रूस ने पहले ही कहा है कि भारत और चीन को सीमा विवाद वार्ता के जरिये हल करना चाहिए तथा दोनों देशों के बीच एक ‘‘रचनात्मक’’ संबंध क्षेत्र की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। जून के बाद सिंह की यह दूसरी मास्को यात्रा होगी। उन्होंने 24 जून को मास्को में विजय दिवस परेड में भारत का प्रतिनिधित्व किया था। विजय दिवस परेड का आयोजन द्वितीय विश्वयुद्ध में नाजी जर्मनी पर सोवियत विजय की 75 वीं वर्षगांठ पर किया गया था।

विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी आमंत्रित किया

रूस ने 10 सितंबर को एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री एस जयशंकर को भी आमंत्रित किया है। उम्मीद है कि रूसी रक्षा मंत्री शोइगू के साथ अपनी द्विपक्षीय बैठक में सिंह रक्षा अनुबंधों के तहत भारतीय सशस्त्र बलों को विभिन्न हथियारों और कलपूर्जों की जल्द आपूर्ति के लिए दबाव डालेंगे। इस वार्ता में, उम्मीद है कि, दोनों पक्ष भारत में एके 203 राइफल के उत्पादन के लंबे समय से लंबित प्रस्ताव को आधिकारिक रूप से अंतिम रूप देंगे।


अधिकारियों ने कहा कि सिंह रूसी पक्ष से भारत को एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणालियों की समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अनुरोध करेंगे। भारत को एस-400 सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणाली के पहले खेप की आपूर्ति 2021 के अंत तक निर्धारित है। अधिकारियों ने बताया कि एससीओ की बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य और विभिन्न चुनौतियों एवं खतरों से निपटने के तरीकों को लेकर विचार-विमर्श किये जाने की उम्मीद है।