देश / ब्याज दरों में कटौती और 3 महीने तक EMI नहीं चुकाने की मिली छूट, RBI ने कीं 6 बड़ी घोषणाएं

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम लोगों को बड़ी राहत दी है। पहली तो EMI मोरेटोरियम यानी अब लोन की EMI अगस्त तक नहीं चुकाने की छूट मिल गई है। वहीं, दूसरा बड़ा ऐलान रेपो रेट में 0।40 फीसदी की कटौती को लेकर हुआ है। इस फैसले से आम लोगों की EMI कम हो सकती है।

News18 : May 22, 2020, 12:26 PM
नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikant Das) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आम लोगों को बड़ी राहत दी है। पहली तो EMI मोरेटोरियम यानी अब लोन की EMI अगस्त तक नहीं चुकाने की छूट मिल गई है। वहीं, दूसरा बड़ा ऐलान रेपो रेट में 0।40 फीसदी की कटौती को लेकर हुआ है। इस फैसले से आम लोगों की EMI कम हो सकती है। साथ ही, RBI ने रिवर्स रेपो रेट 3।75 फीसदी से घटाकर 3।35 फीसदी कर दिया है। उन्होंने कहा, 'महंगाई दर अभी भी 4 फीसदी के नीचे रहने की संभावना है। लेकिन लॉकडाउन के वजह से कई सामानों की कीमत बढ़ सकती है।'

(1) RBI का मोरटोरियम पर बड़ा फैसला-टर्म लोन पर मोरटोरियम की सुविधा को 3 महीने के लिए और बढ़ाया गया। बैंकों से कर्ज लेने वालों को मिली बड़ी राहत मिलेगी। लॉकडाउन बढ़ने से मोरोटोरियम और दूसरी राहत तीन महीने तक और बढ़ाई जा रही हैं। अब ईएमआई देने पर राहत 1 जून से 31 अगस्त तक  लिए बढ़ाई जा रही है। पहले तीन महीने के लिए ये व्यवस्थाएं की गई थी। इसे तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया गया। यानी कुल 6 महीने के लिए मोरेटोरियम पीरियड की व्यवस्था होगा। मोरेटोरियम पीरियड का ब्याज भुगतान 31 मार्च 2021 तक किया जा सकता है।

(2) ब्याज दरों में 0।40 फीसदी की कटौती का ऐलान- RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट 0।40 फीसदी घटाकर 4 फीसदी कर दी है। गवर्नर ने बताया कि MPC की बैठक में 6-5 सदस्यों ने ब्याज दरें घटाने के पक्ष में सहमति जताई। इस फैसले से होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन सहित सभी तरह के कर्ज पर ईएमआई सस्ती होगी। आपको बता दें इसके पहले मार्च में भी रेपो रेट में 0।75 फीसदी की कटौती की गई थी।

(3) कारोबारियों के लिए बड़ा ऐलान- सिडबी को रकम के इस्तेमाल के लिए अतिरिक्त समय मिलेगा। सिडबी को 15000 करोड़ रुपये के इस्तेमाल के लिए 90 दिनों का अतिरिक्त समय मिलेगा। एक्सपोर्ट क्रेडिट समय 12 महीने से बढ़ाकर 15 माह किया जा रहा है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, 'EXIM Bank को यूएस डॉलर स्वैप के लिए 90 दिनों के लिए 15,000 करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा।'

(4) जीडीपी ग्रोथ रेट में गिरावट चिंता का कारण- उन्होंने कहा, 'चालू वित्तीय वर्ष की जीडीपी ग्रोथ रेट नेगेटिव रह सकता है। आपको बता दें कि दुनिया की बड़ी एजेंसी भी इस बात की घोषण कर चुकी है।'

(5) महंगाई बढ़ने की आशंका- लॉकडाउन की वजह से महंगाई बढ़ने की आशंका है। अनाजों की आपूर्ति एफसीआई से बढ़ानी चाहिए। देश में रबी की फसल अच्छी हुई है। बेहतर मॉनसून और कृषि से काफी उम्मीदे है। मांग और आपूर्ति का अनुपात गड़बड़ाने से देश की अर्थव्यवस्था थमी हुई है। सरकारी प्रयासों और रिजर्व बैंक की तरफ से उठाए गए कदमों का असर भी सितंबर के बाद दिखना शुरू होगा।


(6) देश में टॉप 6 राज्य कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित- ग्लोबल इकोनॉमी मंदी के दौर से गुजर  रही है। देश में टॉप 6 राज्य कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए है। इनका देश की अर्थव्यवस्था में 60 फीसदी हिस्सा है। इन राज्यों के ज्यादातर इलाके रेड या फिर ऑरेंज जोन में आते है। निजी क्षेत्र के कंजम्प्शन में सबसे ज्यादा गिरावट आई है।

कोरोना संकट में पहले भी RBI कर चुका है बड़ा ऐलान- आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि कोविड 19 से छोटे और मध्यम आकार के कॉरपोरेट को नकदी की काफी दिक्कत हुई, इसलिए टीएलटीआरओ 2।0 का ऐलान किया जा रहा है। 50,000 करोड़ रुपये से शुरुआत की जा रही है।

आम लोगों को मिली थी EMI नहीं चुकाने की छूट-  27 मार्च को भारतीय रिजर्व बैंक ने कोरोना की वजह से आम लोगों को तीन महीने तक ईएमआई नहीं चुकाने की छूट थी। टर्म लोन की ईएमआई वसूली तीन महीने तक टालने की बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को इजाजत दी।

कोरोना की वजह से मौद्रिक नीति समीक्षा समय से पहले पेश करते हुए भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह घोषणा की थी कि बैंकों को यह इजाजत दी जा रही है ​कि वे टर्म लोन के मामले में ग्राहकों की ईएमआई वसूली तीन महीने के लिए टाल दें। इस कर्ज वापसी न होने को बैंकों को एनपीए खाते में न रखने की छूट दी जाएगी।

पीएम नरेंद्र मोदी ने 12 मई को कोरोना से प्रभावित देशवासियों और अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का ऐलान किया था। इसके बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लगातार पांच दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई ऐलान किए थे, जिनमें एमएसएमई को 3 लाख करोड़ रुपये का लोन देने का प्रस्ताव भी था।