Vikrant Shekhawat : Mar 21, 2021, 04:16 PM
नई दिल्ली: महाराष्ट्र में मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के 'लेटर बम' की वजह उद्धव सरकार पर सवाल खड़े हो गए हैं। इस बीच रविवार को इस मामले पर एनसीपी चीफ शरद पवार ने कहा कि गृह मंत्री पर लगे आरोप गंभीर हैं। पवार ने आगे कहा कि उन्होंने यह भी कहा कि चिट्ठी पर परमबीर सिंह से हस्ताक्षर नहीं हैं। वहीं, सचिन वाझे नियुक्ति को लेकर उठ रहे सवालों पर शरद पवार ने कहा है कि उनकी नियुक्ति सीएम और गृह मंत्री ने नहीं की।उन्होंने कहा कि वाझे का निलंबन खत्म करने का फैसला परमबीर का था। शरद पवार सवाल करते हुए कहा है कि कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद परमबीर आरोप क्यों लगा रहे हैं? उन्होंने कहा कि जांच के लिए मुख्यमंत्री के पास पूरा अधिकार है। शरव पवार ने कहा कि परम बीर सिंह की चिट्ठी में सिर्फ आरोप लगाए हैं सबूत नहीं है। यह नहीं बताया गया है कि पैसा गया कहां? शरद पवार ने कहा कि मुझे नहीं पता है महाराष्ट्र सरकार गिराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं या नहीं, मैं सिर्फ इतना कह सकता हूं कि सरकार पर उनका कोई असर नहीं होगा। शरद पवार ने कहा कि गृह मंत्री के खिलाफ लगाए गए आरोपों की जांच करने का निर्णय लेने का पूर्ण अधिकार महाराष्ट्र मुख्यमंत्री के पास है।बता दें कि परमबीर सिंह ने अपनी चिट्ठी में महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। परमबीर सिंह ने कहा कि अनिल देशमुख ने सचिन वझे को अपने पास बुलाया था और उनके लिए हर महीने होटल, रेस्तरां, बीयर बार व अन्य जगहों से 100 करोड़ रुपये की उगाही करने को कहा था। इसके बाद से ही महाराष्ट्र सरकार में शामिल कांग्रेस सहित सभी विपक्षी दल भी अनिल देशमुख का इस्तीफा मांग रहे हैं।