Vikrant Shekhawat : Nov 14, 2022, 08:50 PM
Inflation Rate News: भारत की आम जनता के लिए एक अच्छी खबर आई है। महंगाई की मार झेल रह पब्लिक को अब राहत मिलने वाली है, क्योंकि देश में खुदरा महंगाई में इस बार कमी दर्ज की गई है। खाद्य उत्पादों के दाम कम होने से अक्टूबर महीने में खुदरा महंगाई घटकर 6.77 प्रतिशत पर आ गयी है। हालांकि यह अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है।पिछले महीने में खुदरा महंगाई थी 7.41%
शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने में खुदरा महंगाई 7.41 प्रतिशत थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई इस साल जनवरी से ही छह प्रतिशत की संतोषजनक सीमा से ऊपर बनी हुई है। सरकार ने केंद्रीय बैंक को खुदरा महंगाई दो प्रतिशत कम के साथ चार प्रतिशत के दायरे में रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। आज ही जारी हुए हैं थोक महंगाई के आंकड़ेंराष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 7.01 प्रतिशत रही जो सितंबर महीने में 8.6 प्रतिशत थी। आरबीआई मौद्रिक नीति के बारे में निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई पर ही गौर करता है। सोमवार को ही थोक महंगाई के आंकड़े भी जारी किए गए हैं। इसके मुताबिक खाद्य, ईंधन और विनिर्मित उत्पादों के दाम कम होने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई अक्टूबर महीने में घटकर 19 महीने के निचले स्तर 8.39 प्रतिशत पर आ गई है।आम जनता को मिल सकता है फायदाकुछ एक्सपर्ट का कहना है कि खुदरा महंगाई दर कम होने का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है। इससे तेल, दाल और डेली की जरूरत की चीजें सस्ती होने लगती हैं। जो आम जनता के जेब पर पड़ रहे बोझ को कम करती है। यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत माना जाता है।
शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले महीने में खुदरा महंगाई 7.41 प्रतिशत थी। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित खुदरा महंगाई इस साल जनवरी से ही छह प्रतिशत की संतोषजनक सीमा से ऊपर बनी हुई है। सरकार ने केंद्रीय बैंक को खुदरा महंगाई दो प्रतिशत कम के साथ चार प्रतिशत के दायरे में रखने की जिम्मेदारी दी हुई है। आज ही जारी हुए हैं थोक महंगाई के आंकड़ेंराष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर 7.01 प्रतिशत रही जो सितंबर महीने में 8.6 प्रतिशत थी। आरबीआई मौद्रिक नीति के बारे में निर्णय करते समय मुख्य रूप से खुदरा महंगाई पर ही गौर करता है। सोमवार को ही थोक महंगाई के आंकड़े भी जारी किए गए हैं। इसके मुताबिक खाद्य, ईंधन और विनिर्मित उत्पादों के दाम कम होने से थोक मूल्य सूचकांक आधारित महंगाई अक्टूबर महीने में घटकर 19 महीने के निचले स्तर 8.39 प्रतिशत पर आ गई है।आम जनता को मिल सकता है फायदाकुछ एक्सपर्ट का कहना है कि खुदरा महंगाई दर कम होने का सीधा असर आम जनता पर पड़ता है। इससे तेल, दाल और डेली की जरूरत की चीजें सस्ती होने लगती हैं। जो आम जनता के जेब पर पड़ रहे बोझ को कम करती है। यह किसी भी देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत माना जाता है।