Covid Vaccine / एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से टीटीएस का खतरा, क्या होती है ये TTS बीमारी? जानिए

दुनियाभर ने कोरोना वायरस का कहर देखा था. इस वायरस की रोकथाम के लिए कोरोना की वैक्सीन लगाई गई थी. वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर भी बीते कुछ सालों से चर्चा होती रही है. इस बीच कोविड वैक्सीन बनाने वाली फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने यूके की एक अदालत में वैक्सीन के दुष्प्रभाव की बात मानी है. लंदन के समाचार पत्र द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में यह माना है

Vikrant Shekhawat : Apr 30, 2024, 04:30 PM
Covid Vaccine: दुनियाभर ने कोरोना वायरस का कहर देखा था. इस वायरस की रोकथाम के लिए कोरोना की वैक्सीन लगाई गई थी. वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर भी बीते कुछ सालों से चर्चा होती रही है. इस बीच कोविड वैक्सीन बनाने वाली फार्मा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने यूके की एक अदालत में वैक्सीन के दुष्प्रभाव की बात मानी है. लंदन के समाचार पत्र द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. रिपोर्ट के मुताबिक, एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट में यह माना है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन साइड इफेक्ट कर सकती है. कुछ मामलों में वैक्सीन के कारण थ्रोम्बोसिस विद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) हो सकता है.

आइए जानते हैं कि ये टीटीएस क्या होता है और कैसे ये खतरनाक है. डॉक्टरों के मुताबिक, थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (टीटीएस) की वजह से शरीर में दो गंभीर समस्याएं एक साथ हो सकती हैं. इससे शरीर में खून के थक्के ( ब्लड क्लॉट) बनते हैं, और प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती हैं.

राजीव गांधी हॉस्पिटल के डॉ अजित कुमार बताते हैं कि टीटीएस की वजह से शरीर में खून के थक्के बन जाते हैं. जिसको मेडिकल की भाषा में ब्लड क्लॉट कहा जाता है. खून में थक्का तब बनता है जब ब्लड में प्लेटलेट्स और प्रोटीन एक साथ चिपकने लग जाते हैं. कई मामलों में ये थक्के शरीर में खुद ही घुल जाते हैं और किसी बीमारी का कारण नहीं बनते हैं, लेकिन अगर किसी के शरीर में ये थक्के नहीं घुलते हैं तो ये कई तरह की गंभीर परेशानियों का कारण बन सकते हैं. खून के थक्के बनने से हार्ट और ब्रेन के फंक्शन पर सबसे ज्यादा असर देखा जाता है.

टीटीएस से शरीर पर होता है असर?

डॉ अजित कुमार बताते हैं कि थ्रोम्बोसिस के कारण शरीर की नसों में खून जम सकता है. इसका मतलब यह है कि नसों में ब्लड क्लॉट हो जाता है. इस वजह से शरीर में खून सही तरीके से चल नहीं पाता है. ब्लड क्लॉट यानी खून के थक्के पैरों, हाथों, दिल और दिमाग कहीं भी बन सकते हैं. अगर ये खून के थक्के हार्ट में बनते हैं तो हार्ट को ब्लड पंप करने में परेशानी होती है. इस वजह से हार्ट की नसों पर प्रेशर पड़ता है. दिल सही तरीके से काम नहीं कर पाता है और इस कारण हार्ट फेल या फिर हार्ट अटैक का खतरा रहता है.

इसी तरह अगर थ्रोम्बोसिस ब्रेन में होता है तो इससे ब्रेन में ब्लड क्लॉट बन जाता है. दिमाग में खून की सप्लाई सही तरीके से नहीं हो पाती है. इससे ब्रेन हैमरेज और ब्रेन स्ट्रोक का रिस्क रहता है. टीटीएस से शरीर में प्लेटलेट्स की कमी का कारण भी बन सकता है. इससे कई तरह के ब्लड डिसऑर्डर होने का रिस्क रहता है.