Petrol-Diesel Price / रूस-यूक्रेन वॉर से बढ़ी तेल पर आफत, क्या भारत झेल पाएगा कीमतों का दबाव?

रूस और यूक्रेन के बीच तकरार बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. यूक्रेन ने रूस के एनर्जी इंफ्रा पर बड़ा अटैक कर दिया है. जिसकी वजह से सोमवार को कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला. खाड़ी देशों का तेल 87 डॉलर पार करते हुए चार महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया. जानकारों की मानें तो कच्चे तेल की कीमतें 90 डॉलर के पार जा सकती है. वहीं दूसरी ओर मिडिल ईस्ट में टेंशन भी बड़ा कारण बनता हुआ दिखाई दे रहा है. इसके अलावा चीन

Vikrant Shekhawat : Mar 19, 2024, 08:19 AM
Petrol-Diesel Price: रूस और यूक्रेन के बीच तकरार बढ़ती हुई दिखाई दे रही है. यूक्रेन ने रूस के एनर्जी इंफ्रा पर बड़ा अटैक कर दिया है. जिसकी वजह से सोमवार को कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त इजाफा देखने को मिला. खाड़ी देशों का तेल 87 डॉलर पार करते हुए चार महीने की ऊंचाई पर पहुंच गया. जानकारों की मानें तो कच्चे तेल की कीमतें 90 डॉलर के पार जा सकती है. वहीं दूसरी ओर मिडिल ईस्ट में टेंशन भी बड़ा कारण बनता हुआ दिखाई दे रहा है. इसके अलावा चीन और अमेरिका में इकोनॉमिक ग्रोथ के कारण बढ़ रही डिमांड की वजह से कच्चे तेल के दाम में और ज्यादा इजाफा देखने को मिल सकता है. इससे पहले ईराक और सऊदी अरब की ओर से अपनी सप्लाई और प्रोडक्शन कट को जून तक के लिए बढ़ा दिया है. जिसकी वजह से कच्चे तेल की कीमतों को काफी सपोर्ट मिलता हुआ दिखाई दे रहा है.

अब सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि मौजूदा साल में जिन देशों में चुनाव हैं, खासकर वो देश जो कच्चे तेल के इंपोर्ट पर डिपेंड हैं, क्या वो इस महंगाई को हजम कर सकेंगे? जी हां, हमारा संकेत भारत की तरफ ज्यादा है. अगले कुछ हफ्तों में देश में आम चुनाव होने वाले हैं. जिस तरह के हालात इंटरनेशनल मार्केट में दिखाई दे रहे हैं, उससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि कच्चे तेल की कीमत 90 डॉलर प्रति बैरल पार कर सकती है. ऐसे में देश के इंपोर्ट बिल में तो इजाफा होगा ही, साथ ही डॉलर के मुकाबले रुपए में भी गिरावट देखने को मिलेगी. साथ ही चुनाव के बाद तुरंत पेट्रोल और डीजल के दाम में इजाफा भी किया जा सकता है.

हाल ही में केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम में 2 रुपए की मामूली कटौती आम लोगों को राहत देने की कोशिश की है. ये कटौती ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की ओर से की गई है. ओएमसी की ओर से करीब दो साल के बाद पेट्रोल और डीजल के दाम में बदलाव किया है. जबकि देश में आखिरी बार पेट्रोल और डीजल की कीमत में मई 2022 के बाद देखने को मिला है. उस समय देश की वित्त मंत्री ने पेट्रोल और डीजल की कीमत में केंद्रीय टैक्स को कम कर पेट्रोल और डीजल के दाम में राहत देने की कोशिश की थी. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर मौजूदा समय में इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम किस लेवल पर आ गए हैं. साथ ही देश के चारों महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमत कितनी चुकानी होगी?

चार महीने हाई पर कच्चे तेल के दाम

इराक और सऊदी अरब से कच्चे तेल के निर्यात में कमी, चीन और अमेरिका में मजबूत मांग और आर्थिक विकास के मजबूत और यूक्रेन—रूस के बीच बढ़ती तकरार के कारण सोमवार को तेल की कीमतें लगभग 2 फीसदी बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं. शुक्रवार को कच्चे तेल के दाम 87 डॉलर प्रति बैरल तक पार कर गए. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार खाड़ी देशों का कच्चा तेल ब्रेंट फ्यूचर्स 1.55 डॉलर यानी 1.8 फीसदी बढ़कर 86.89 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ.

जबकि अमेरिकी कच्चा तेल यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 1.68 डॉलर यानी 2.1 फीसदी बढ़कर 82.72 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ. ब्रेंट 31 अक्टूबर के बाद से अपने हाईएस्ट लेवल पर बंद हुआ और डब्ल्यूटीआई 27 अक्टूबर के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर बंद हुआ. अन्य ऊर्जा बाज़ारों में, अमेरिकी गैसोलीन वायदा 31 अगस्त के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर बंद हुआ.

ईराक और सऊदी की ओर से कम

ओपेक के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक इराक ने कहा कि वह जनवरी से अपने ओपेक प्लस कोटा से अधिक होने की भरपाई के लिए आने वाले महीनों में कच्चे तेल के निर्यात को 3.3 मिलियन बैरल प्रति दिन (बीपीडी) तक कम कर देगा. इसका मतलब है कि ईराक की ओर से पिछले महीने के मुकाबले शिपमेंट में 130,000 बीपीडी की कटौती हो जाएगी. जनवरी और फरवरी में, इराक ने जनवरी में प्रोडक्शन टारगेट की तुलना में काफी अधिक तेल पंप किया. ओपेक के सबसे बड़े उत्पादक सऊदी अरब में, कच्चे तेल का निर्यात लगातार दूसरे महीने गिरकर जनवरी में 6.297 मिलियन बीपीडी हो गया, जो दिसंबर में 6.308 मिलियन बीपीडी था.

रूस रिफाइनरीज पर हमला

इस बीच, रॉयटर्स के विश्लेषण के अनुसार, रूस में यूक्रेनी हमलों की वजह से पहली तिमाही में करीब 7 फीसदी रिफाइनिंग कपैसिटी कम हो गई है. बाजार पार्टिसिपेंट्स का कहना है कि रिफाइनरी बंद होने से रूस मार्च में अपने पश्चिमी बंदरगाहों के माध्यम से तेल निर्यात लगभग 200,000 बीपीडी से लगभग 2.15 मिलियन बीपीडी तक बढ़ाने की कोशिश करेगा. इस बीच, अमेरिका में टॉप शेल-उत्पादक क्षेत्रों से तेल उत्पादन अप्रैल में चार महीनों में उच्चतम स्तर तक बढ़ जाएगा.

चीन और अमेरिका से डिमांड

दुनिया के सबसे बड़े तेल इंपोर्ट चीन में, जनवरी-फरवरी की अवधि में फैक्ट्री आउटपुट और रिटेल सेल्स उम्मीदों से बेहतर रही, जो 2024 के लिए एक ठोस शुरुआत है. वहीं दूसरी ओर प्रॉपर्टी मार्केट पर अभी दबाव बना हुआ दिखाई दे रहा है. एनर्जी कंसलटेंसी फर्म गेल्बर एंड एसोसिएट्स के विश्लेषकों ने एक नोट में कहा कि कच्चा तेल आज ऊपर है. चीन से कच्चे तेल की डिमांड इसका सबसे बड़ा फैक्टर है.

दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी में, अमेरिकी फेडरल रिजर्व (फेड) द्वारा बुधवार को अपनी पॉलिसी मीटिंग के बार ब्याज दरों को फ्रीज रखने का ऐलान कर सकता है. इस साल उम्मीद से अधिक मजबूत अमेरिकी इकोनॉमिक ग्रोथ और स्थिर महंगाई ने निवेशकों को फेड की पहली दर कटौती की उम्मीदों को मई के बजाय जून में धकेलने और इस वर्ष कितनी कटौती की संभावना है. कम ब्याज दरों से वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने की लागत कम हो जाएगी, जिससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिल सकता है और तेल की मांग बढ़ सकती है.

लगातार चौथे दिन दाम फ्रीज

ओएमसी की ओर से 2 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल के दाम कम करने के बाद फिर से फ्रीज मोड का बटन दबा दिया है. लगातार चौथा दिन है, जब देश के चारों महानगरों और प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल के दाम स्टेबल देखने को मिल रहे हैं. सरकारी तेल कंपनियों ने 15 मार्च को पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती की थी. कंपनियों की ओर से ये बदलाव अप्रैल 2022 के बाद पहली बार देखने को मिला था. जबकि मई 2022 में सरकार ने सेंट्रल टैक्स को कम कर थोड़ी राहत देने की कोशिश जरूर की थी.

लेकिन उसके करीब दो साल तक कोई बदलाव नहीं हुआ. खास बात तो ये है कि मौजूदा वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों के आंकड़ों पर गौर करें तो देश की तीनों सरकारी ऑयल कंपनियों को 69 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का मुनाफा हुआ था. जानकारों का मानना है कि पूरे वित्त वर्ष में यह मुनाफा बढ़कर 85 हजार करोड़ से 90 हजार करोड़ रुपए तक बढ़ सकता है. आज तक सरकारी ऑयल कंपनियों को किसी वित्त वर्ष में इतना बड़ा मुनाफा कभी नहीं हुआ है.

देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल और डीजल के दाम

  • नई दिल्ली: पेट्रोल रेट: 94.72 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 87.62 रुपए प्रति लीटर
  • कोलकाता: पेट्रोल रेट: 103.94 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 90.76 रुपए प्रति लीटर
  • मुंबई: पेट्रोल रेट: 104.21 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 92.15 रुपए प्रति लीटर
  • चेन्नई: पेट्रोल रेट: 100.75 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 92.34 रुपए प्रति लीटर
  • बेंगलुरु: पेट्रोल रेट: 99.84 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 85.93 रुपए प्रति लीटर
  • चंडीगढ़: पेट्रोल रेट: 94.24 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 82.40 रुपए प्रति लीटर
  • गुरुग्राम: पेट्रोल रेट: 95.19 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 88.05 रुपए प्रति लीटर
  • लखनऊ: पेट्रोल रेट: 94.65 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 87.76 रुपए प्रति लीटर
  • नोएडा: पेट्रोल रेट: 94.83 रुपए प्रति लीटर, डीजल रेट: 87.96 रुपए प्रति लीटर