Vikrant Shekhawat : Mar 23, 2022, 07:19 AM
New Delhi : दुनिया में पहली बार कोविड-19 रोधी टीके से संक्रमण के इलाज का दावा किया गया है। वेल्स के कैड्रिफ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने बताया कि संक्रमित को फाइजर की कुल दो खुराकें दी गईं, जिससे 72 दिनों में वह कोरोना से पूरी तरह से ठीक हो गया।मेडिकल जर्नल ऑफ क्लीनिकल इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित केस रिपोर्ट में बताया गया है कि वेल्स के पोंटीप्रिड निवासी इयान लेस्टर में कोरोना संक्रमण की पुष्टि दिसंबर 2020 में की गई। 37 वर्षीय इयान को पूरी तरह से ठीक होने में लगभग आठ महीने का वक्त लगा। अगस्त, 2021 में उसे कोरोना से पूरी तरह मुक्त घोषित किया गया। इस दौरान वह सीने में जकड़न सिरदर्द और अत्यधिक थकान से पीड़ित थे।वैज्ञानिकों ने बताया कि इयान जन्म से दुर्लभ आनुवंशिक प्रतिरक्षाविहीनता की बीमारी से पीड़ित हैं। ऐसे लोग संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। यह रक्त के थक्के बनने से भी रोकता है। लेस्टर का इलाज करने वाले डॉक्टरों की टीम में शामिल डॉ. मार्क पोंसफोर्ड ने इयान के अंतिम कोरोना निगेटिव रिपोर्ट आने के समय को बहुत ही आश्चर्यजनक क्षण बताया।डॉ. मार्क पोंसफोर्ड ने कहा कि स्वाद और गंध में कमी के बाद इयान ने पहली बार यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ऑफ वेल्स के इम्यूनोलॉजी सेंटर को इसकी जानकारी दी। यहीं उनका बचपन से विस्कॉट-एल्ड्रिच सिंड्रोम का इलाज चल रहा था।तेजी से एंटीबॉडी बनीवैज्ञानिकों ने कहा, फाइजर के टीके से तेजी से एंटीबॉडी बननी शुरू हुई, जो प्राकृतिक रूप से बनने वाली एंटीबॉडी से बहुत ताकतवर थीं। टीके ने टी-कोशिका के स्तर को भी बढ़ाया। इम्यूनोलॉजी सेंटर के प्रोफेसर स्टीफन जोल्स ने कहा, हमें आश्चर्य हुआ कि क्या टीका शरीर के भीतर एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को प्रेरित करके वायरस को खत्म करने में मदद कर सकता है। वैज्ञानिकों ने यह स्पष्ट नहीं किया कि मरीज के शरीर ने टीके पर कितनी जल्दी प्रतिक्रिया दी।बेहद कष्टप्रद रहे वो आठ महीनेलेस्टर का इलाज घर पर ही किया गया। उन्होंने कहा, ‘मैंने उम्मीद छोड़ दी थी कि मैं कभी ठीक भी हो पाऊंगा। क्योंकि, प्रत्येक कोविड-19 जांच पॉजटिव ही आ रहा था, जो हर 10-14 दिनों पर किया जा रहा था। इसी बीच मेरे डॉक्टरों ने टीके से इलाज के प्रयोग का सलाह दिया। जबकि टीके प्राय: संक्रमण मुक्त होने के बाद दिए जाते हैं।