Vikrant Shekhawat : Dec 11, 2022, 04:06 PM
General Elections 2024: गुजरात में ऐतिहासिक जीत मिलने के साथ ही बीजेपी (BJP) ने 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव को जीतने का दावा करना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही पार्टी ने 2023 में होने वाले चुनावी दंगल को लेकर भी तैयारी शुरू कर दी है. दरअसल, साल 2023 में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना जैसे बड़े राज्यों के अलावा पूर्वोत्तर के त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में भी विधान सभा चुनाव होने हैं.जम्मू कश्मीर (J&K) में लगातार की जा रही तैयारियों के बीच यह संभावना जताई जा रही है कि वहां विधानसभा चुनाव कराने के अपने वादे के तहत सरकार इस राज्य में भी अगले साल विधान सभा का चुनाव करवा सकती है. इस तरह से देखा जाए तो 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव से पहले 2023 में दस राज्यों में होने वाला चुनावी दंगल यह बताएगा कि देश में राजनीतिक हवा किस राजनीतिक दल के पक्ष में बह रही है.सत्ता का सेमीफाइनल! इन दस राज्यों में राजस्थान और छत्तीसगढ़ भी शामिल हैं, जहां वर्तमान में कांग्रेस की सरकार है. राजस्थान में अशोक गहलोत मुख्यमंत्री हैं तो वहीं छत्तीसगढ़ में कांग्रेस आलाकमान के करीबी भूपेश बघेल सीएम हैं.कांग्रेस के लिए 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले इन दोनों राज्यों में सरकार बचाए रखना बड़ी चुनौती है तो वहीं बीजेपी भी इन दोनों राज्यों में कांग्रेस को हरा कर 2024 लोक सभा चुनाव से पहले देश की जनता को यह राजनीतिक संदेश देना चाहती है कि कांग्रेस की प्रासंगिकता समाप्त हो चुकी है.इन दस राज्यों में कर्नाटक और मध्य प्रदेश भी शामिल है जहां वर्तमान में बीजेपी की सरकार है लेकिन इन दोनों राज्यों में 2018 में हुए पिछले विधान सभा चुनाव में बीजेपी को करारा झटका लगा था. बीजेपी 2018 की तरह इस बार कर्नाटक और मध्य प्रदेश, दोनों राज्यों में बहुमत प्राप्त करने से कतई चूकना नहीं चाहती, इसलिए पार्टी ने इन दोनों राज्यों में काफी पहले से ही चुनावी तैयारी शुरू कर दी है.मध्य प्रदेश में 2018 में हुए पिछले विधान सभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से बाहर कर दिया था और कमलनाथ राज्य के मुख्यमंत्री बने थे लेकिन कांग्रेस इस जनादेश को संभाल नहीं पाई और ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों के एक खेमे के अलग होने के बाद बीजेपी की तरफ से शिवराज सिंह चौहान फिर से राज्य के मुख्यमंत्री बने. इस बार ज्योतिरादित्य सिंधिया मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री है और बीजेपी राज्य में पूर्ण बहुमत के साथ चुनाव जीतने का दावा कर रही है.पॉलिटिकल बैकग्राउंडकर्नाटक में 2018 में हुए विधान सभा चुनाव में किसी भी राजनीतिक दल को बहुमत नहीं मिला था. त्रिशंकु विधान सभा बनने के बाद राज्यपाल ने सदन में सबसे बड़े दल, बीजेपी के नेता के तौर पर बी.एस. येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई लेकिन बहुमत का जुगाड़ नहीं कर पाने के कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया.इसके बाद कांग्रेस और जेडीएस ने मिलकर राज्य में सरकार का गठन किया. राजनीतिक परिस्थितियों में बदलाव के बाद बीजेपी ने राज्य में 2019 में सरकार का गठन कर येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री बनाया लेकिन 2023 में होने वाले विधान सभा चुनाव की रणनीति के मद्देनजर 2021 में ही राज्य में नेतृत्व परिवर्तन कर बी एस येदियुरप्पा की जगह बसवराज बोम्मई को मुख्यमंत्री बना दिया.लेकिन येदियुरप्पा की सांगठनिक क्षमता और पूरे कर्नाटक में उनके राजनीतिक प्रभाव को देखते हुए बीजेपी आलाकमान ने उन्हें पार्टी के फैसले लेने वाली सर्वोच्च और सबसे ताकतवर संस्था संसदीय बोर्ड का सदस्य बना कर कर्नाटक की जनता को यह साफ संदेश भी देने का प्रयास किया कि प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष नड्डा की नजर में येदियुरप्पा कितने महत्वपूर्ण नेता है.इससे यह भी जाहिर होता है कि दक्षिण भारत के जिस राज्य कर्नाटक में सबसे पहले बीजेपी की सरकार बनी उस कर्नाटक का 2023 में होने वाला विधान सभा चुनाव बीजेपी के लिए कितना महत्वपूर्ण होने जा रहा है.तेलंगाना में वर्तमान में टीआरएस की सरकार है और वहां के. चंदशेखर राव मुख्यमंत्री हैं जो 2024 के लोक सभा चुनाव में बीजेपी को हराने के लिए अन्य विपक्षी दलों के साथ मिलकर बड़ा मोर्चा तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन बीजेपी 2023 में उनके ही गढ़ तेलंगाना में उन्हें चुनाव हराने का दावा कर रही है.