शरद पवार बोले / 1962 के युद्ध के बाद रक्षा मंत्री के साथ नेहरू ने किया था सीमा का दौरा

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे को लेकर आश्चर्यचकित नहीं थे और याद दिलाया कि 1962 के युद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और तत्कालीन रक्षा मंत्री यशवंतराव चव्हाण ने सीमा क्षेत्र का दौरा किया था। इसे राजनयिक बातचीत के जरिए सुलझाए जाने की आवश्यकता है और हमें चीन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना चाहिए।

Live Hindustan : Jul 08, 2020, 08:24 AM
पुणें | राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने मंगलवार को कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लद्दाख दौरे को लेकर आश्चर्यचकित नहीं थे और याद दिलाया कि 1962 के युद्ध के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और तत्कालीन रक्षा मंत्री यशवंतराव चव्हाण ने सीमा क्षेत्र का दौरा किया था।

पुणें में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शरद पवार ने कहा कि जब वह 1993 में रक्षा मंत्री थे तब वह चीन गए थे और एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसके बाद दोनों पक्षों के सैनिक पीछे हटे थे।

उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री के साथ सर्वदलीय बैठक के दौरान भी मैंने वर्तमान मुद्दे को लेकर कहा था कि इसे राजनयिक बातचीत के जरिए सुलझाए जाने की आवश्यकता है और हमें चीन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना चाहिए।''

मोदी के लद्दाख दौरे से संबंधित सवाल पर पवार ने कहा कि चीन ने 1962 में भारत को पराजित किया था, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री वहां सैनिकों का मनोबल बढ़ाने गए थे।

लद्दाख में सीमा पर चीन से तनाव के बीच पीएम नरेंद्र मोदी तीन जुलाई को अचानक लेह पहुंचे। पीएम मोदी यहां अग्रिम पोस्ट पर जवानों से मुलाकात कर उनका हौसला बढ़ाया। उन्होंने थलसेना, वायुसेना और आईटीबीपी के जवानों से मुलाकात की। उन्हें अधिकारियों ने ताजा हालात और तैयारियों की जानकारी दी। पीएम के साथ सीडीएस बिपिन रावत और थल सेना अध्यक्ष मनोज मुकुंद नरवणे भी मौजूद थे।

पीएम ने सीमा पर पहुंचकर सैनिकों में जोश भरने के साथ चीन को सख्त संदेश दिया। उन्होंने चीन का नाम लिए बगैर कहा था, 'विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है यह युग विकासवाद का है। विस्तारवाद की नीति ने विश्व शांति के लिए खतरा पैदा किया है और इसी अनुभव के आधार पर पूरे विश्व ने इस बार फिर विस्तारवाद के खिलाफ मन बना लिया है।'