Vikrant Shekhawat : Nov 18, 2024, 11:00 PM
Anil Deshmukh: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर उबाल आ गया है। एनसीपी (शरद पवार गुट) के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर नागपुर के काटोल में पथराव किया गया, जिसमें वह घायल हो गए। इस हमले में उनका सिर फट गया, और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह घटना तब हुई जब अनिल देशमुख चुनावी सभा को संबोधित करके लौट रहे थे। हमले के कारणों और आरोपियों का अब तक कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिला है, लेकिन पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
यह घटना सिर्फ एक चुनावी घटना नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में बढ़ते तनाव और आरोप-प्रत्यारोप की संस्कृति का उदाहरण है। आगामी दिनों में इस घटना का असर न केवल काटोल चुनाव पर, बल्कि पूरे राज्य की राजनीति पर देखने को मिल सकता है।निष्कर्ष
अनिल देशमुख पर हुआ हमला राजनीति और कानून व्यवस्था के सवाल खड़े करता है। पुलिस की जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी, लेकिन चुनावी माहौल में इस घटना ने पहले ही सियासी पारा चढ़ा दिया है। अब यह देखना होगा कि यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है और इसका चुनावी नतीजों पर क्या असर पड़ता है।
एनसीपी का सरकार पर तीखा हमला
हमले के बाद एनसीपी (शरद गुट) ने इसे राज्य की कानून व्यवस्था पर सीधा हमला बताया। पार्टी ने बयान जारी कर कहा कि महाराष्ट्र में लोकतंत्र और कानून व्यवस्था चरमरा गई है। पार्टी ने इस घटना को "कायराना हरकत" करार देते हुए भाजपा की अगुआई वाली सरकार पर तीखा हमला बोला।पार्टी ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। यह घटना बताती है कि राज्य में अब कोई सुरक्षित नहीं है।"बीजेपी ने लगाया हमला 'प्लान' करने का आरोप
जहां एनसीपी इसे राज्य की विफलता बता रही है, वहीं बीजेपी ने इस घटना को सहानुभूति बटोरने का "राजनीतिक स्टंट" करार दिया है। बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने कहा, "हो सकता है कि यह हमला खुद अनिल देशमुख ने करवाया हो ताकि चुनाव में सहानुभूति हासिल की जा सके।" बीजेपी ने इस मामले में पूरी जांच की मांग की है और आरोपियों को जल्द पकड़ने पर जोर दिया है।काटोल में चुनावी घमासान
काटोल से अनिल देशमुख के बेटे सलिल देशमुख एनसीपी (शरद गुट) के प्रत्याशी हैं। वह इस सीट से मौजूदा विधायक हैं और उनके सामने बीजेपी ने चरण सिंह ठाकुर को उतारा है। चुनावी मैदान में मुकाबला बेहद कड़ा माना जा रहा है।हाल ही में, आम आदमी पार्टी सांसद संजय सिंह और कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने सलिल देशमुख के लिए प्रचार किया। पटवारी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि "विदर्भ विरोधी गठबंधन सरकार से लोग तंग आ चुके हैं।"बीजेपी का पलटवार
वहीं, बीजेपी की ओर से केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने काटोल में प्रचार करते हुए शिवसेना और उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "कोरोना काल में जब पीएम मोदी देश की सेवा कर रहे थे, उद्धव ठाकरे अपने बंगले से बाहर तक नहीं निकले।" शिवराज ने महायुति सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि राज्य की सरकार किसानों के लिए अच्छा काम कर रही है।राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
अनिल देशमुख पर हुए हमले ने महाराष्ट्र में राजनीतिक माहौल गरमा दिया है। जहां एक ओर एनसीपी इसे भाजपा सरकार की विफलता बता रही है, वहीं बीजेपी इसे एक साजिश के रूप में देख रही है।यह घटना सिर्फ एक चुनावी घटना नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में बढ़ते तनाव और आरोप-प्रत्यारोप की संस्कृति का उदाहरण है। आगामी दिनों में इस घटना का असर न केवल काटोल चुनाव पर, बल्कि पूरे राज्य की राजनीति पर देखने को मिल सकता है।निष्कर्ष
अनिल देशमुख पर हुआ हमला राजनीति और कानून व्यवस्था के सवाल खड़े करता है। पुलिस की जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी, लेकिन चुनावी माहौल में इस घटना ने पहले ही सियासी पारा चढ़ा दिया है। अब यह देखना होगा कि यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है और इसका चुनावी नतीजों पर क्या असर पड़ता है।
राज्यात कायदा सुव्यवस्थेचे तीन तेरा वाजले आहेत. लोकशाहीचे धिंडवडे उडवले जात आहेत. याचे उदाहरण आज निवडणुकीच्या सांगता सभेवरून घरी परतताना राज्याचे माजी गृहमंत्री तसेच राष्ट्रवादी काँग्रेस पक्ष शरदचंद्र पवार पक्षाचे नेते अनिल देशमुख यांच्यावर झालेल्या भ्याड हल्ल्यातून समोर आले. या… pic.twitter.com/vo8U3uoqoH
— Nationalist Congress Party - Sharadchandra Pawar (@NCPspeaks) November 18, 2024